पीएम आवास की जमीन पर कब्जे के हटाने में इंदौर नगर निगम ने की खानापूर्ति

इंदौर नगर निगम ने पीएम आवास योजना के लिए निर्धारित करोड़ों रुपए की जमीन से कब्जा हटाने की खानापूर्ति की। मूसाखेड़ी क्षेत्र में भूमाफिया द्वारा कब्जे की गई जमीन पर निगम ने गड्ढा खोदने और दीवार गिराने के बाद बिना कार्रवाई किए लौट आए।

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Rahul Dave
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Photograph: (THESOOTR)

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INDORE. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पीएम आवास योजना की करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जे के मामले में इंदौर नगर निगम की कार्रवाई में खानापूर्ति ही दिखाई दी। 

'द सूत्र' द्वारा जमीन को लेकर लगातार खुलासे किए जाने के बाद अब जिला प्रशासन और नगर निगम का ध्यान इस ओर गया है। मंगलवार को यहां पर कार्रवाई तो की, लेकिन बह महज खानापूर्ति ही दिखी।  

मूसाखेड़ी क्षेत्र के खसरा नंबर 132 की करोड़ों रुपए की 3852 हेक्टेयर जमीन जो पीएम आवास योजना के लिए है, उस पर भू माफिया ने कब्जा कर लिया। इस जमीन पर कब्जे हटाने के लिए नगर निगम की टीम पहुंची और निर्माणाधीन दुकानों के सामने गड्ढा कर दिया और जेसीबी से अंदर की एक दीवार गिरा कर  शेष निर्माण वैसा ही छोड़ दिया।

मूसाखेड़ी में सरकारी जमीन पर कब्जा हटाने की इस कार्रवाई को इसलिए भी खानापूर्ति कहा जा सकता है, क्योंकि जहां पूरे कब्जे हटाने थे, वहां निगम की टीम जेसीबी लेकर पहुंची और वहां  गड्ढा कर उल्टे पैर लौट आई।

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पड़ताल में हुआ था खुलासा 

द सूत्र द्वारा इस जमीन को लेकर की गई पड़ताल में सामने आया कि वर्ष 2017 में नजूल विभाग ने यह जमीन नगर निगम को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दी थी। जिस पर गरीबों को घर मिलने थे, उसी जमीन पर भूमाफिया पक्के मकान- दुकान बना लिए। 

न निर्माण रुकवाया, न कार्रवाई की 

इस अवैध कब्जे के बारे में जब द सूत्र ने लिखा तो जूनी इंदौर एसडीएम प्रदीप सोनी ने मामले की जांच मुसाखेड तहसीलदार कमलेश कुशवाह को दी, वहीं कमलेश कुशवाह के निर्देश पर पटवारी रजनी टीम के साथ मौके पर पहुंचीं, लेकिन न निर्माण रुकवाया, न किसी पर कार्रवाई की। 

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पहले किया था कब्जा मुक्त 

10 दिसंबर 2024 को नगर निगम, जिला प्रशासन और इंदौर पुलिस प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई कर खसरा नंबर 132 की लगभग 45 हजार वर्गफीट इस जमीन को कब्जा मुक्त कराया था । उस समय पीएम के प्रोजेक्ट पर काम नहीं किया गया, जिसका नतीजा रहा कि करीब एक साल बाद फिर वहां कब्जे हो गए। हालांकि अब नगर निगम ने कब्जे हटाना शुरू किया है, लेकिन वह भी दिखावे की कार्रवाई है।

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