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MP News: मालेगांव बम ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद पहली बार भोपाल पहुंची पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का भव्य स्वागत किया गया। उनके घर के बाहर ढोल नगाड़ों, आतिशबाजी और पारंपरिक रीति-रिवाजों से उनका स्वागत हुआ। इस दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सत्य, धर्म और अधर्म पर बयान देते हुए कहा, "सत्य की विजय होती है, धर्म की विजय होती है, अधर्म का नाश होता है।"
प्रज्ञा सिंह ठाकुर का बयान
प्रज्ञा ने मालेगांव बम ब्लास्ट केस पर बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जानबूझकर हिंदू समुदाय को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की। लेकिन वे कभी इसे साबित नहीं कर पाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें फंसाया गया और जांच के दौरान पुरुषों द्वारा प्रताड़ित किया गया था।
उन्होंने दिग्विजय सिंह के बारे में कहा कि ऐसे व्यक्तियों का नाम नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे दिन खराब हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने अत्याचार किया, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि उन्हें फंसाया गया और जांच के दौरान पुरुषों ने उन्हें प्रताड़ित किया और टॉर्चर किया, लेकिन उन्होंने कभी झूठ नहीं बोला।
ठाकुर ने कहा, "देशभक्ति और हमारा मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन हिंदू कभी आतंकवादी नहीं होते।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जबरदस्ती कई बड़े नाम लेने के लिए दबाव डाला गया, जैसे मोहन भागवत, राम माधव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेता। जब उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कांग्रेस, दिग्विजय सिंह और एटीएस पर भी गंभीर आरोप लगाए।
एटीएस पर लगाए गंभीर आरोप
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "एटीएस के हर कर्मचारी ने मुझे प्रताड़ित किया। उस समय महाराष्ट्र और यूपीए सरकार का शासन था, और जांच एजेंसी का दुरुपयोग किया गया था।" उनका यह भी मानना था कि इस प्रकार के दुरुपयोग का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम वोट बैंक को आकर्षित करना था, जिसके कारण हिंदुओं को निशाना बनाया गया और भगवा को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की गई।
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4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 मालेगांव बम ब्लास्ट केस में फैसला आने के बाद पहली बार भोपाल पहुंची प्रज्ञा सिंह ठाकुर का भव्य स्वागत किया गया। उनके घर के बाहर ढोल नगाड़ों, आतिशबाजी और पारंपरिक रीति-रिवाजों से उनका स्वागत हुआ। 👉 प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मालेगांव बम ब्लास्ट केस पर कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर हिंदू समुदाय को आतंकवाद से जोड़ा। वे इसे साबित नहीं कर पाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें फंसाया गया और जांच के दौरान प्रताड़ित किया गया। 👉 प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकते और उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जबरदस्ती कई बड़े नामों को घसीटने के लिए दबाव डाला गया। 👉 प्रज्ञा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने हिंदुओं को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की और भगवा को आतंकवाद करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की सोच देशभक्तों को हटाने की है और उन लोगों पर जांच करवाने की धमकी दी। |
कांग्रेस पर साधा निशाना
पूर्व सांसद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "कांग्रेस ने हिंदुओं को आतंकवाद के रूप में पेश किया और भगवा को आतंकवाद करार दिया।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस की सोच देशभक्तों को हटाने की है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गलत प्रस्तुति देने वाले लोगों पर जांच करवाने की धमकी दी।
एनआईए कोर्ट ने किया था आरोपों से बरी
एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 31 जुलाई 2025 को प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
इस मामले में कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन केवल सात आरोपियों पर मुकदमा चला क्योंकि बाकी सात को आरोप तय होने के समय बरी कर दिया गया था।
मालेगांव ब्लास्ट में शामिल होने का था आरोप
2008 के मालेगांव ब्लास्ट में सात आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी कृत्य करने, हत्या और आपराधिक साजिश रचने का आरोप था। 29 सितंबर 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और 101 लोग घायल हो गए थे।
निष्कर्ष
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस और जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए। यह आरोप मालेगांव बम ब्लास्ट केस में उनके खिलाफ की गई कार्रवाई पर आधारित थे। उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिशें कभी सफल नहीं हुईं। सत्य की हमेशा विजय होती है।
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