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Photograph: (the sootr)
भोपाल. आमतौर पर तो दशहरा पर्व पर रावण दहन की परंपरा दशकों से देर शाम को मनाई जाती है। लेकिन राजधानी भोपाल में इस बार यह काम दशहरे की अलसुबह अंजाम दे दिया गया, वह भी कुछ शरारती तत्वों द्वारा। दरअसल, शहर के बाग मुग़लिया मैदान पर दशहरा उत्सव समिति द्वारा रावण दहन कार्यक्रम की तैयारियां पूर्ण कर दशानन रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले खड़े किए गए थे। यह तैयारियां बुधवार को ही पूर्ण कर ली गई थीं,
गुरुवार शाम को अतिथियों की मौजूदगी में यहाँ भव्य रूप से रावण दहन किया जाना था। लेकिन गुरुवार सुबह सूरज निकलने से पहले ही नशे में धुत कुछ शरारती युवक-युवतियों ने आयोजन स्थल पर खड़े तीन पुतलों में से रावण के पुतले में आग लगा दी। अलसुबह अचानक आतिशबाजी और धमाकों की आवाज़ से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
जब इस शरारत की जानकारी आसपास के लोगों और आयोजन समिति को लगी तो उन्होंने इस घटना का कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए शरारती तत्वों की पहचान करने और कार्रवाई की मांग पुलिस से की है।
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— TheSootr (@TheSootr) October 2, 2025
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दशहरे की सुबह, जश्न से पहले आक्रोश की छाया
आमतौर पर विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के रूप में शाम के समय रावण दहन के साथ मनाया जाता है। हर साल की तरह, भोपाल के मुगलिया ग्राउंड में भी इस भव्य आयोजन की पूरी तैयारी थी। बुधवार रात को बड़े धूमधाम और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ लंकेश्वर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों को स्थापित किया गया था। गुरुवार शाम को हजारों लोगों की उपस्थिति में दहन कार्यक्रम होना था, लेकिन गुरुवार सुबह 6 बजे के करीब कुछ शरारती और अज्ञात तत्वों ने इस पवित्र उत्सव की भावना को ठेस पहुँचाते हुए रावण के पुतले में आग लगा दी।
चश्मदीदों के अनुसार, लाल रंग की कार में कुछ युवक-युवतियां मौके पर पहुंचे। शुरुआती दावों और वायरल वीडियो के विश्लेषण से पता चलता है कि वे नशे की हालत में थे और उन्होंने जानबूझकर के इस शरारतपूर्ण घटना को अंजाम दिया। देखते ही देखते, बुराई का प्रतीक माना जाने वाला रावण का पुतला धू-धू कर जल उठा।
यह घटना न केवल अप्रत्याशित थी, बल्कि इसने पूरे इलाके में अफरा-तफरी और आश्चर्य का माहौल पैदा कर दिया। यह पहली बार है जब भोपाल शहर में विजयादशमी के दिन सूर्योदय से पहले इस तरह की घटना हुई हो, जिसने दशहरा उत्सव के पारंपरिक और सामाजिक महत्व को धूमिल कर दिया है।
उत्सव समिति ने कहा सोची-समझी साजिश
दशहरा उत्सव समिति ने हर साल की तरह इस वर्ष भी भव्य आयोजन की पूरी तैयारी की थी। सदस्यों ने रात-दिन मेहनत कर पुतलों का निर्माण करवाया था और पूरे शहर में उत्सव का माहौल था। हालांकि, कार्यक्रम से घंटों पहले पुतले के जलने की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया। स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
यह केवल एक संपत्ति का नुकसान नहीं है, बल्कि यह करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं पर सीधा आघात है। उत्सव समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने इसे केवल शरारत मानने से इनकार कर दिया है। उनका स्पष्ट कहना है कि यह एक सोची-समझी अराजक कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य त्योहार के माहौल को खराब करना और धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ना है।
समिति ने तुरंत पुलिस प्रशासन से संपर्क किया और मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने तथा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के तहत सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। स्थानीय निवासी भी इस घटना से अत्यंत दुखी और आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि इस तरह की हरकत से दशहरा त्योहार का उत्साह फीका पड़ गया है।
अलसुबह शरारती तत्वों द्वारा रावण दहन के इस मामले को ऐसे समझेंआज रावण दहन चौंकाने वाली घटना: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मुगलिया ग्राउंड में दशहरे के मुख्य कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले, गुरुवार सुबह लगभग 6 बजे, अज्ञात शरारती तत्वों ने रावण के पुतले में आग लगा दी, जिससे पुतला धू-धू कर जल गया। आरोप और चश्मदीद: चश्मदीदों और वायरल वीडियो के आधार पर, यह दावा किया गया है कि लाल रंग की कार में आए युवक-युवतियों ने, जो कथित तौर पर नशे की हालत में थे, इस विध्वंसकारी घटना को अंजाम दिया और मौके से भाग गए। गहरा आक्रोश: दशहरा उत्सव समिति और स्थानीय लोगों ने इस हरकत पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है, इसे महज़ शरारत नहीं बल्कि धार्मिक भावनाओं पर सीधा आघात बताया है, जिससे पूरे त्योहार का उत्साह फीका पड़ गया है। पुलिस जांच शुरू: घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है, ताकि आरोपियों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। सख्त कार्रवाई की मांग: समिति और स्थानीय निवासियों ने भोपाल पुलिस प्रशासन से मांग की है कि अराजक तत्वों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सार्वजनिक शांति भंग करने की संबंधित धाराओं के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि शहर के अन्य दशहरा उत्सव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सकें। |
पुलिस ने लिए चश्मदीदों के बयान
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मुगलिया ग्राउंड पहुँचे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चश्मदीदों के बयान लिए जा रहे हैं, जिनमें लाल रंग की कार और नशे की हालत में युवक-युवतियों के होने की बात सामने आई है।
जांच का मुख्य केंद्र इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगालना है। पुलिस की विशेष टीम आरोपियों की पहचान करने और उनके भागने के मार्ग का पता लगाने में जुटी है। इस तरह की घटनाएँ, जो धार्मिक आयोजनों में बाधा डालती हैं और सार्वजनिक शांति भंग करती हैं, भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं।
धार्मिक भावनाओं को आहत करना:
IPC की धारा 295A और 153A के तहत धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने या शत्रुता को बढ़ावा देने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। रावण दहन का पुतला, एक धार्मिक और सामाजिक उत्सव का प्रतीक है, और इसमें समय से पहले आग लगाना इन धाराओं का उल्लंघन माना जा सकता है। पुलिस का कहना है कि आरोपी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे और उन पर कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
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घटना के बाद अलर्ट हुई दशहरा उत्सव समितियां
दशहरा या विजयादशमी, हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह भगवान राम द्वारा रावण पर विजय और माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। भोपाल सहित पूरे देश में, यह पर्व सामाजिक सौहार्द और धार्मिक आस्था का केंद्र होता है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने शहर के कई अन्य दशहरा स्थलों पर भी अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है। दशहरा उत्सव समिति भोपाल के सदस्यों ने अब अन्य मैदानों पर सुरक्षा और निगरानी को बढ़ाने की मांग की है, ताकि अन्य आयोजनों में इस तरह की अप्रिय घटनाएं न हों।