भोपाल में धर्म परिवर्तन का नया मामला, झोपड़ी में हो रहा था खेल, मिशनरी के लोग रंगे हाथ पकड़े गए

भोपाल के सूखी सेवनिया क्षेत्र में एक बार फिर धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। इस बार गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को निशाना बनाया गया। कुछ ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग झोपड़ी में बंद कर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभन दे रहे थे।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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MP News : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बार फिर धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। इस बार सूखी सेवनिया क्षेत्र में गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को निशाना बनाया गया है। इस मामले में ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ लोग रंगे हाथों पकड़े गए हैं, जो झोपड़ी में बंद कर धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभन दे रहे थे। यह मामला न केवल धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन का प्रतीक है, बल्कि समाज में उथल-पुथल और असहमति को भी जन्म दे रहा है।

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धर्म परिवर्तन के लिए दिए जा रहे प्रलोभन

सूखी सेवनिया के एक झोपड़ी में गरीब लोगों को एकत्रित कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि लोगों को धर्म परिवर्तन के बदले प्रति व्यक्ति 50 हजार रुपये दिए जाने का वादा किया गया था। इसके अलावा, बच्चों को मिशनरी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा और हॉस्टल की सुविधा देने का प्रलोभन भी दिया जा रहा था। इस से भी आगे बढ़ते हुए, बुजुर्गों और माता-पिता को मेट्रो शहरों के बड़े अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा सेवा का भी वादा किया गया था।

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विदेशी मूल के लोग भी इस जाल में शामिल

इस मामले में एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इस धर्म परिवर्तन अभियान में विदेशी मूल के लोग भी शामिल थे। कालूराम गौड़, जो कि एक भारतीय नागरिक हैं, के अलावा दो विदेशी मूल के युवक और युवती को भी रंगे हाथ पकड़ा गया है। यह लोग भोपाल में आए थे और धर्म परिवर्तन के लिए गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को भटका रहे थे। उन्होंने स्थानीय लोगों को यह विश्वास दिलाया कि धर्म परिवर्तन से उनका जीवन बदल सकता है और वे बेहतर सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

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हिंदूवादी संगठनों की सक्रियता और पुलिस का एक्शन

हिंदूवादी संगठनों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी की और ईसाई धर्म से जुड़े कई धार्मिक ग्रंथों को जब्त किया। इस दौरान 50 से अधिक महिलाओं को झोपड़ी में बंद किया गया था, जिन्हें चोरी छिपे धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत मामला दर्ज किया है।

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मामले पर विवाद और पुलिस कार्रवाई

मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत अब राज्य में इस प्रकार के धर्म परिवर्तन पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, खासकर जब यह किसी प्रलोभन या धोखाधड़ी के तहत किया जाता है। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद इलाके में हंगामा हो गया, और हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि गरीब बस्तियों में चुपके से धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इस मामले ने समाज में धार्मिक असहमति को और बढ़ा दिया है, और यह एक और चेतावनी है कि धर्म परिवर्तन के मामलों को रोकने के लिए सरकार को और कड़ी नीति अपनानी चाहिए।

कानूनी और सामाजिक कदम उठाने की आवश्यकता

भोपाल में धर्म परिवर्तन के इस मामले ने धार्मिक स्वतंत्रता और समाज की एकता पर सवाल उठाए हैं। जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, और पुलिस ने इस मामले में सख्त कदम उठाए हैं। हालांकि, इस तरह की घटनाएं समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं, जो इस मुद्दे पर व्यापक चर्चाओं की आवश्यकता को दर्शाती हैं। भविष्य में इस प्रकार के मामलों को नियंत्रित करने के लिए कानूनी और सामाजिक कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।

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