संजय गुप्ता, INDORE. लोकसभा चुनाव के लिए इंदौर सीट पर 13 मई को वोटिंग होगी। इस बार सभी की नजरें इंदौर पर है कि यह वोटिंग और जीत के लिहाज से क्या नया रिकार्ड बनाता है? बीजेपी 8 लाख का पार का नारा क्यों दे रही है? क्यों यह संभव है? इसका कारण है, क्योंकि इंदौर संसदीय सीट देश में मतदाताओं की संख्या के लिहाज से छठे नंबर पर आती है, वहीं वोट डालने के मामले में साल 2019 में यह तीसरे नंबर पर थी।
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देश में मतदाताओं की संख्या यह है नंबर वन सीट
देश में वैसे नंबर वन संसदीय सीट मतदताओं के लिहाज से मल्काजगिरी है, जो तेलंगाना में हैं। यहां पर 31.49 लाख मतदाता (साल 2019 के रिकार्ड से) थे।
यह है मतदाताओं के लिहाज से सबसे बड़ी संसदीय सीट-
( साल 2019 के चुनाव के रिकार्ड के आधार पर)
1-मल्काजगिरी तेलंगाना – 31.49 लाख मतदाता, 2019 में वोट डले 15.63 लाख - 49 फीसदी
2- बैंगलुरू नार्थ कर्नाटक- 28.48 लाख मतदाता, वोट डले थे 2019 में 15.60 लाख- 55 फीसदी
3- गाजियाबाद यूपी- 27.26 लाख मतदाता, वोट डले थे 2019 में 15.25 लाख- 56 फीसदी
4- बैंगलुरू रूरल- 24.97 लाख मतदाता- वोट डले थे 16.22 लाख- 65 फीसदी
5- चेवेला (तेलंगना)- 24.42 लाख मतदाता – वोट डले थे 13 लाख- 53 फीसदी
6- इंदौर (मप्र) 23.49 लाख- वोट डले थे - 16.24 लाख- 69.33 फीसदी
(इंदौर में अब 25.13 लाख मतदाता है)
साल 2019 में सबसे ज्याद डले वोट में इंदौर तीसरे नंबर पर था-
1- गुवाहटी असम- 21.78 लाख में से 17.63 लाख ने वोट डाले, 80.87 फीसदी
2- धुबरी असम- 18.56 लाख में से 2019 में 16.85 लाख ने वोट डाले, 90.66 फीसदी
3- इंदौर- 23.49 लाख में से 16.24 लाख ने वोट डाले, 69.33 फीसदी
4- बेंगलुरु रूरल- कुल मतदाता 24.97 लाख,65 फीसदी डाले-16.22
इंदौर में आठ लाख पार का नारा, बनाएगा सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड
इंदौर में इस बार आठ लाख पार की जीत का नारा दिया गया है। जिस तरह से कांग्रेस के पूर्व विधायक सहित कई नेता बीजेपी में गए हैं तो ऐसे में बीजेपी इस पर काफी गंभीर है। यह होता है तो यह सबसे बडी चुनावी जीत हो सकती है, क्योंकि बीते चुनाव में नवसारी गुजरात से सीआर पाटिल ने 6.89 लाख वोट से सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। इंदौर में शंकर लालवानी ने 2019 के चुनाव में 5.47 लाख वोट से जीत हासिल की थी। हालांकि वोटों के लिहाज से ट़ॉप 10 जीत में नहीं थी लेकिन लालवानी ऐसे चुनिंदा सांसद में थे जिन्होंने 10 लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे। इस बार बीजेपी के निशाने पर कई रिकार्ड निशाने पर होंगे। हालांकि इसके लिए बीजेपी का जोर यही होगा कि वह अधिक से अधिक वोटिंग कराएं। इंदौर में लोकसभा में अभी भी 69 से 70 फीसदी के बीच ही वोटिंग होती है।
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इन दो विधानसभा सीट पर ही बीजेपी को करना है जोर
विधासनभा चुनाव में बीजेपी के लिए विधानसभा देपालपुर और इंदौर विधानसभा पांच ही सबसे कमजोर साबित हुई थी, देपालपुर में केवल 14 हजार करीब की जीत मिली तो पांच नंबर में 15671 की। महापौर चुनाव में भी पांच नंबर से बीजेपी हारी थी। देपालपुर के कांग्रेस नेता विशाल पटेल अब बीजेपी में आ गए हैं, उधर इंदौर पांच में अब सत्तू की वैसी सक्रियता नहीं दिख रही है और ना ही महापौर चुनाव लड़ने वाले संजय शुक्ला अब कांग्रेस के साथ है। ऐसे में इन दोनों सीट से ही बीजेपी को बड़ी बढ़त लेने का मौका है। वहीं रही बात बाकी विधानसभा की तो इंदौर एक से 57 हजार, दो नंबर से 1.07 लाख, तीन नंबर से (सबसे छोटी विधानसभा) 14757 वोट, चार नंबर 69 हजार, राउ से 35 हजार वोट, सांवेर से 68 हजार जैसे वोट से भारी लीड विधानसभा में ही बीजेपी ले चुकी है। ऐसे में इन सभी विधानसभाओं में अब और अधिक लीड की उम्मीद बीजेपी को है।
सबसे बड़ी जीत वाली 10 सीटें साल 2019 में सभी जीत बीजेपी की-
1. सीआर पाटिल (नवसारी, गुजरात) : सीआर पाटिल ने 6 लाख 89 हजार 668 वोटों से कांग्रेस के धर्मेश पटेल को हराया।
2. संजय भाटिया (करनाल, हरियाणा) : यहां भाजपा के संजय भाटिया ने 70 फीसदी से ज्यादा, 9 लाख 11 हजार 594 वोट लेकर कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को 6 लाख 56 हजार 142 वोटों से हराया।
3. कृष्णपाल गुर्जर (फरीदाबाद, हरियाणा) : कृष्णपाल गुर्जर ने कांग्रेस प्रत्याशी अवतार भड़ाना को 6 लाख 38 हजार 239 वोटों से हराया। कृष्ण को 9 लाख 13 हजार 222 वोट मिले।
4. सुभाष चंद्र (भीलवाड़ा, राजस्थान) : कांग्रेस के राम पाल शर्मा को 6 लाख 12 हजार वोटों से हराया। उन्हें 9 लाख 38 हजार 160 वोट मिले।
5. रंजनबेन भट (वडोदरा, गुजरात) : कांग्रेस के प्रशांत पटेल को 5.89 लाख वोटों से हराया।
6. प्रवेश वर्मा (पश्चिमी दिल्ली) : महाबल मिश्रा को 5 लाख 78 हजार 486 वोटों से हराया।
7. सीपी जोशी (चित्तौड़गढ़, राजस्थान) : कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत को 5 लाख 76 हजार 247 वोटों से हराया।
8. अमित शाह (गांधीनगर, गुजरात) : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 5 लाख 57 हजार 14 वोटों से कांग्रेस के सीजी चावड़ा को हराया है।
9. हंसराज हंस (उत्तर पश्चिमी दिल्ली) : हंसराज हंस ने 5 लाख 53 हजार 897 वोटों से आप के गुगन सिंह को हराया।
10. उदय प्रताप सिंह (होशंगाबाद, मध्यप्रदेश) : कांग्रेस के शैलेंद्र दीवान को 5 लाख 53 हजार 682 वोटों से हराया।