IT चोरी में फंस चुके सोम ग्रुप ने भी खरीदे 3 करोड़ के electoral bonds

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद SBI ने चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों और इसे लेने वाली पॉलिटिकल पार्टी के नाम और राशि तो उजागर कर दी है, लेकिन यह अब तक सामने नहीं आया की आखिर किस कंपनी ने किस या किन पार्टियों को चुनावी चंदा दिया है।

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Jitendra Shrivastava
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सोम ग्रुप ने भी खरीदे हैं 3 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड।

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संजय शर्मा . BHOPAL. पॉलिटिकल पार्टीज को चंदा देने वाली कंपनियों में प्रदेश की लिकर किंग सोम ग्रुप की कंपनियां भी शामिल हैं। साल 2023 में ग्रुप की कंपनियों ने 3 करोड़ के इलेक्टोरल बांड ( Electoral bonds ) खरीदे थे। सोम ग्रुप प्रदेश सबसे बड़ा शराब कारोबारी ग्रुप है। हालांकि इन ग्रुप की कंपनियों का विवादों से गहरा नाता रहा है। इनकम टैक्स विभाग सेनेटाइजर बनाकर बेचने के मामले में ग्रुप के कारोबारियों के ठिकानों पर रेड कर टैक्स चोरी का केस भी दर्ज कर चुका है। अब टैक्स न चुका पाने के मामले में सुर्खियों में रहने वाले इस ग्रुप की चर्चा इलेक्टोरल बांड खरीदी के मामले में हो रही है। 

ये चुनावी चंदा आखिर किस पार्टी को दिया

इन दिनों देश भर में इलेक्टोरल बांड का मामला गरमाया हुआ है। करोड़ों रुपए के चुनावी चंदे के लिए बांड को देश की कई नामी कंपनियों और कुछ गुमनाम लोगों ने भी खरीदा है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद एसबीआई ने चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों और इसे लेने वाली पॉलिटिकल पार्टीज के नाम और राशि तो उजागर कर दी है, लेकिन यह अब तक सामने नहीं आया है की आखिर किस कम्पनी ने किस पार्टी या कई पार्टियों को चुनावी चंदा दिया है। 

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337 पेज की रिपोर्ट में है चुनावी चंदे का जिक्र

प्रदेश में जब तब चर्चा में रहने वाली सबसे बड़े सोम ग्रुप की कंपनियों द्वारा इलेक्टोरल बांड खरीदे गए हैं। एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों और लोगों का ब्यौरा 337 पेज में दिया है। इसके साथ ही इलेक्टोरल बांड के जरिए यह राशि हासिल करने वाली बीजेपी- कांग्रेस, टीएमसी, सपा- बसपा जैसे छोटे-बड़े दलों की रिपोर्ट 426 पेज में दी गयी है। कंपनियों ने 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 के बीच बांड लेकर यह चुनावी चंदा दिया है। बांड खरीदी में दरियादिली दिखाने वाली ये कंपनियां पिछले सालों में आयकर चोरी के मामले में पकड़ी गईं थीं। यही वजह है कि इलेक्टोरल बांड खरीदने वालों की सूची में इन कंपनियों का नाम आने के बाद फिर चर्चा चल पड़ी है। 

खरीदे हैं 3 करोड़ के इलेक्टोरल बांड 

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सोम ग्रुप भी चुनावी चंदा देने के मामले में पीछे नहीं रहा है। एसबीआई की 337 पेज की रिपोर्ट में पेज नंबर 264 और 283 पर सोम ग्रुप की दो कंपनियों के नाम दर्ज हैं। 264 वे पेज पर उल्लेख किया गया है की सोम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ने 12 जुलाई 2023 में एक करोड़ रुपए का बांड खरीदा था। इसी साल 10 अक्टूबर को ग्रुप की कम्पनी सोम डिस्टलरी ब्रेवरीज लिमिटेड और सोम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड ने एक-एक करोड़ रुपए के बांड लिए थे। यानी कंपनियों ने टीम महीने में तीन करोड़ रुपया चुनावी चंदे के रूप में लगाया है। 

बांड खरीदते ही पड़ी थी IT की रेड

जहां देश की कई कंपनियों ने इनकम टैक्स, ED जैसी एजेंसियों की कार्रवाई के बाद करोड़ों के इलेक्ट्रोरल बांड खरीदे थे। जबकि सोम ग्रुप पर इलेक्टोरल बांड खरीदने के ठीक एक माह बाद ही यानी 6-7 नवंबर को कंपनियों से जुड़े कारोबारियों पर इनकम टैक्स की रेड हुई थी। ऐसे में जहां कई कंपनियों द्वारा कार्रवाई के दवाब में आकर करोड़ों का चंदा देने की चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन सोम ग्रुप के साथ चंदा देना होम करते हाथ जलने वाली कहावत में बदल गया है।

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