डिफिशियंट और अपात्र nursing college के छात्र भी दे सकेंगे परीक्षा

सरकार ने फर्जीवाड़े में फंसे नर्सिंग कॉलेजों को बचाने के लिए अपने नियम शिथिल कर दिए हैं। नए नियम के अनुसार नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए अब 24 हजार स्क्वायर फीट जमीन की जगह अब 8 हजार स्क्वायर फीट में ही कॉलेज खोले जा सकेंगे।

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Jitendra Shrivastava
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नील तिवारी, JABALPUR. जबलपुर के अपात्र नर्सिंग कॉलेजों ( nursing college ) के छात्रों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के करीब 45 हजार नर्सिंग छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है की प्रदेश के सभी डिफिशियंट और अपात्र कॉलेज के छात्र भी अब परीक्षा दे सकेंगे। हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के बाद अब प्रदेश के करीब 45 हजार नर्सिंग के छात्र-छात्राएं परीक्षा में बैठ सकेंगे। आपको बता दे की नर्सिंग फर्जीवाड़े कॉलेज के चलते प्रदेश में 3 साल से नर्सिंग की परीक्षाएं नहीं हो पा रही थी जिसके चलते प्रदेश के हजारों छात्र कई बार आंदोलन कर चुके हैं।

308 कॉलेजों पर चल रही थी सीबीआई की जांच

मध्यप्रदेश के 500 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में फंसे है, जिसके चलते साल 2020-21 से परीक्षा नहीं हो पाई और चलते हजारों छात्र परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं। नर्सिंग काउंसिल द्वारा 2020 में खोले 670 कॉलेज में से करीब 500 कॉलेज सीबीआई जांच के दायरे में हैं। पिछले दिनों मध्यप्रदेश लॉ स्टूडेंट यूनियन की ओर से दायर याचिका पर हुई सुनवाई के बाद सीबीआई जांच के बाद 308 नर्सिंग कॉलेज की लिस्ट पेश की गई थी, जारी सूची में सीबीआई जांच में 169 कॉलेज सही पाए गए है।

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अपात्र कॉलेजों को बचाने हुए नियम शिथिल 

याचिकाकर्ता के वकील विशाल बघेल के अनुसार सरकार ने फर्जीवाड़े में फंसे नर्सिंग कॉलेजों को बचाने के लिए अपने नियम शिथिल कर दिए हैं। नए नियम के अनुसार नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए अब 24 हजार स्क्वायर फीट जमीन की जगह अब 8 हजार स्क्वायर फीट में ही कॉलेज खोले जा सकेंगे। जानकारों का मानना है की सरकार के इस कदम से लगभग सभी कॉलेज जांच के दायरे से बाहर हो जाएंगे। नियम अनुसार नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 24 हजार स्क्वायर फीट जमीन की जरूरत होती है, जबकि प्रदेश में कई कॉलेज ऐसे है जो एक दो कमरे में संचालित हो रहे थे और कई कॉलेज तो कागजों पर ही संचालित हो रहे थे।

चौथे वर्ष के छात्रों की नहीं हुई प्रथम वर्ष की परीक्षा

मेडिकल नर्सिंग यूनिवर्सिटी के हजारों छात्र ऐसे हैं, जो अपनी डिग्री के चौथे वर्ष पर पहुंच चुके हैं, उसके बाद भी CBI जांच के कारण उनके प्रथम वर्ष की परीक्षाएं अभी भी अधर में लटकी हुई है। इस हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी।

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