कुशवाहा भवन पर कब्जे की साजिश के आरोपी बीजेपी नेता भगत सिंह कुशवाहा की साल भर बाद गिरफ्तारी

भोपाल पुलिस ने बीजेपी नेता भगत सिंह कुशवाहा और दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी सामाजिक ट्रस्ट भवन पर कब्जे की साजिश में हुई। आरोप है कि भगत सिंह ने फर्जी दस्तावेजों से गर्ल्स हॉस्टल शुरू किया। समाज के विरोध के बावजूद यह कार्रवाई की गई।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. सामाजिक ट्रस्ट भवन पर कब्जे की साजिश के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। भोपाल पुलिस ने बीजेपी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष और दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। बीजेपी नेता के खिलाफ एक-दो साल पहले टीटीनगर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। कई महीनों से चल रही तलाशी के बाद पुलिस ने बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तीनों को टीटीनगर थाने लाकर उनसे दर्ज आरोपों के संबंध में पूछताछ की जा रही है।    

समाज के विरोध के बावजूद चला रहे थे हॉस्टल 

साल 2022 में टीटीनगर पुलिस से बीजेपी नेता भगत सिंह कुशवाहा पर सामाजिक ट्रस्ट के कुशवाहा भवन पर कब्जा करने की शिकायत की गई थी। यह भवन टीटी नगर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित है। पहले इसका संचालन कुशवाहा समाज सामाजिक कार्यों के लिए करता था।

समाज के कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि भगत सिंह कुशवाहा भवन पर कब्जा कर रहे हैं। समाज के विरोध के बावजूद उन्होंने एक हिस्से में गर्ल्स हॉस्टल शुरू कर दिया। भवन पर कब्जे के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए हैं।

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पद का रसूख जाते ही दर्ज हुआ था केस 

टीटीनगर पुलिस ने इस शिकायत के बाद जांच शुरू की। मामला राजनीतिक दबाव में दो साल तक जांच में अटका रहा। बीजेपी पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष भगत सिंह का प्रभाव तत्कालीन सरकार में होने के कारण पुलिस भी जांच को दबाए रही। सरकार और संगठन में बदलाव के बाद 2024 में जांच की गई। 

जांच के बाद कुशवाहा और उनके दो सहयोगियों सीताराम कुशवाहा और मोहन कुशवाहा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। आरोप सामाजिक भवन पर कब्जा करने और धोखाधड़ी का है। अपराध दर्ज करने के बाद पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। 

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रंगीन मिजाजी के चलते छिना था पद

भगत सिंह कुशवाहा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहने के दौरान रंगीन मिजाजी को लेकर चर्चा में रहे थे। उन पर संगठन से ज्यादा बीजेपी नेताओं की व्यक्तिगत खुशामद के भी आरोप लगते रहे। प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहने के दौरान एक महिला के साथ उनका फोटो वायरल होने के बाद संगठन ने उनसे इस्तीफा ले लिया था।

इसके साथ ही पार्टी नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं ने भी उनसे किनारा कर लिया था। पद से उतरने के बाद सामाजिक संगठन में प्रतिद्वंद्वियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल लिया था और इसी वजह से पुलिस थाने में शिकायत पहुंची थी। 

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15 साल से था सामाजिक भवन पर कब्जा

 टीटी पुलिस एसीपी अंकिता खातेकर ने बताया कि तीन साल पहले हुई शिकायत पर 2024 में मामला दर्ज किया गया था। भगत सिंह कुशवाहा की तलाश की जा रही थी। उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने, 15 साल से जबरन कब्जा करने और समाज के विरोध के बावजूद व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने का आरोप है। पुलिस ने भगत सिंह और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

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दिवंगत नेता की साख पर रची साजिश 

कुशवाहा भवन पर कब्जे की साजिश के मामले में बीजेपी के पूर्व पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाहा के दो सहयोगियों की गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तार आरोपियों में पूर्व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष बाबूलाल कुशवाहा के पुत्र सीताराम और मोहन कुशवाहा शामिल हैं। भगत सिंह ने बाबूलाल की पहुंच का फायदा उठाकर राजनीतिक पकड़ बनाई थी। उनके निधन के बाद भगत सिंह ने उनके दोनों पुत्रों का सहारा लिया। वह कुशवाहा भवन पर कब्जा जमाकर हॉस्टल चला रहे थे। इससे समाज में नाराजगी बढ़ी और मामला शिकायत तक पहुंचा।

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