मध्य प्रदेश के राजगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ज्ञानसिंह गुर्जर की एक वायरल तस्वीर ने राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है। यह तस्वीर एक नाबालिग लड़की की सगाई के दौरान ली गई है, जिसमें गुर्जर उन्हें शगुन देते नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के सामने आते ही कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को बढ़ावा देने वाला कृत्य है। बीजेपी की ओर से इस पर सफाई भी दी गई है, लेकिन विवाद थमता नजर नहीं आ रहा।
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सगाई समारोह में BJP नेता की मौजूदगी
घटना गुरुवार की है जब राजगढ़ में आयोजित एक सगाई समारोह में ज्ञानसिंह गुर्जर शामिल हुए। कार्यक्रम में एक नाबालिग लड़की की सगाई हो रही थी, और गुर्जर ने उसे शगुन का लिफाफा सौंपा। उसी पल की तस्वीर किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, जो देखते ही देखते वायरल हो गई। इसके बाद राजनैतिक प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया।
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कांग्रेस ने बोला हमला
कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को तुरंत लपकते हुए बीजेपी पर सीधा हमला किया। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब सरकार खुद बाल विवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ अभियान चला रही है, तब सत्ताधारी दल के वरिष्ठ नेता इस प्रकार के आयोजनों में शामिल होकर समाज को उल्टा संदेश दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस समर्थकों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं और इस पूरे कृत्य को शर्मनाक बताया।
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'सगाई और शादी में फर्क है'
ज्ञानसिंह गुर्जर ने अपने बचाव में स्पष्ट किया कि सगाई और शादी दो अलग-अलग परंपराएं हैं। उन्होंने कहा कि सगाई एक सामाजिक प्रक्रिया है जो समय पर अच्छे रिश्ते को सुरक्षित करने के लिए की जाती है, जबकि विवाह तब होता है जब लड़की कानूनी रूप से बालिग हो जाती है। उन्होंने इसे समाज की पुरानी परंपरा बताते हुए कहा कि यदि समय पर अच्छे प्रस्ताव न मिलें, तो कई लोग अविवाहित रह जाते हैं।
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प्रशासन से कार्रवाई की मांग
कांग्रेस ने प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। पार्टी का कहना है कि चाहे सगाई हो या शादी, यदि लड़की नाबालिग है तो यह सामाजिक बुराई का पोषण है। प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि वायरल तस्वीर की जांच करे और यदि बाल विवाह को बढ़ावा देने का कोई भी पहलू सामने आता है तो कानूनी कदम उठाए जाएं।
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सामाजिक परंपरा बनाम कानून
इस पूरे मामले ने एक नई बहस को जन्म दिया है- क्या सामाजिक परंपराएं कानून से ऊपर हैं? जबकि बाल विवाह कानून के तहत दंडनीय अपराध है, परंपरा और समाजिक रीति-रिवाजों की आड़ में अब भी कई जगह ऐसी प्रथाएं जारी हैं। हालांकि बीजेपी नेता ने विवाह को बालिग होने तक टालने की बात कही, लेकिन नाबालिग की सगाई पर सवाल तो उठते ही हैं।