मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की लंच पार्टी में नहीं गए मालिनी, उषा और मनोज, खुलकर दिखी गुटबाजी

बीजेपी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में लंच पार्टी आयोजित की, लेकिन विरोधी गुट के विधायक मालिनी गौड़, मनोज पटेल और उषा ठाकुर नहीं पहुंचे। इसने पार्टी में गुटबाजी को उजागर किया। नगराध्यक्ष और महापौर ने पार्टी की पहल को सकारात्मक बताया।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (The Sootr)

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INDORE. बीजेपी संगठन ने इंदौर में पार्टी के अंदर खुलकर सामने आ रही गुटबाजी को दूर करने के लिए नया मंत्र लंच पार्टी का दिया है। इसके तहत हर जनप्रतिनिधि समय-समाय पर लंच पार्टी आयोजित करेगा और उनके यहां सभी जनप्रतिनिधि (महापौर, सांसद, विधायक व चुनिंदा पार्टी पदाधिकारी) जाएंगे। यहां सद्भावना भरे माहौल में भोजन करेंगे। इसके तहत इंदौर में पहली पार्टी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के घर पर रविवार दोपहर में हुई। लेकिन यह लंच दाल-बाटी पार्टी ने और खुलकर गुटबाजी को सतह पर ला दिया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की दाल बाटी पार्टी में ताई यानी पूर्व लोकसभा स्पीकर  सुमित्रा महाजन भी नजर नहीं आई। कुल मिलाकर भाई यानी कैलाश विजयवर्गीय की दाल बाटी पार्टी में ताई यानी सुमित्रा महाजन, भाभी यानी मालिनी गौड़, दीदी यानी उषा ठाकुर और देपालपुर के भाई यानी मनोज पटेल नहीं पहुंचे।

मंत्री गुट के विरोधी माने जाने वाले विधायक नहीं गए

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दाल-बाटी चूरमा का आयोजन रखा। उनके घर सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ विधायक महेंद्र हार्डिया,  मधु वर्मा, गोलू शुक्ला, रमेश मेंदोला भी पहुंचे। साथ ही संगठन मंत्री राघवेंद्र गौतम, नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा व अन्य नेता भी मौजूद थे। लेकिन जैसी की उम्मीद थी उनके विरोधी खेमे में माने जाने वाले इंदौर विधानसभा चार की विधायक मालिनी गौड़, विधानसभा देपालपुर के विधायक मनोज पटेल और विधानसभा महू की विधायक उषा ठाकुर नहीं पहुंची। इन तीनों का पहले से तय माना ज रहा था कि यह नहीं जाएंगे।

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5 पॉइंट्स में समझें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की लंच पार्टी से जुड़ी खबर...

👉 बीजेपी संगठन की पहल: बीजेपी संगठन ने इंदौर में गुटबाजी को दूर करने के लिए लंच पार्टी आयोजित करने की पहल की है, जिसमें सभी जनप्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे।

👉 बीजेपी लंच पार्टीनगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को दाल-बाटी चूरमा पार्टी आयोजित की, जिसमें सांसद, महापौर और अन्य विधायक शामिल हुए। लेकिन विरोधी गुट के विधायक शामिल नहीं हुए।

👉 विरोधी विधायक की अनुपस्थिति: मंत्री गुट के विरोधी माने जाने वाले विधायक मालिनी गौड़, मनोज पटेल और उषा ठाकुर इस लंच पार्टी में शामिल नहीं हुए, जबकि उनके अनुपस्थिति की उम्मीद पहले से जताई जा रही थी।

👉 नगराध्यक्ष का प्रतिक्रिया: नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा ने उन नेताओं की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई और कहा कि सभी ने पार्टी को पूर्व सूचित करके नहीं आने की जानकारी दी है।

👉 गुटबाजी और विवाद: मालिनी गौड़, मनोज पटेल और उषा ठाकुर के बीच मंत्री विजयवर्गीय के साथ पुरानी गुटबाजी और विवाद चलते रहे हैं, जिनकी वजह से उनकी अनुपस्थिति बनी रही।

पूछने पर उखड़े नगराध्यक्ष

इस मामले में जब नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा से पूछा गया तो वह उखड़ गए- उन्होंने कहा कि यदि कोई बीमार है और हास्पिटल में हैं तो हम उनके साथ खाना खाने तो नहीं जाएंगे, वहां तो सैलाइन ही लगेगी। जो भी नहीं आया है उसकी जानकारी पार्टी को है और वह पूर्व सूचित करके ही नहीं आए हैं। ऐसा कोई विधायक, नेता नहीं जो बिना सूचना के अनुपस्थित रहा हो।

वहीं महापौर भार्गव ने कहा कि यह अच्छी पहल है नगराध्यक्ष के आमंत्रण पर हम आए हैं। यहां पर एक जाजम पर आकर सभी से विकास, संगठन, परिवार सभी को लेकर बात हुई। चर्चा हुई सभी आपसी व सामूहिक भाव से पार्टी का काम करें। पुराने और वरिष्ठ नेताओं से बहुत कुछ सीखा जा सकता है।  

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जो नेता नहीं आए आखिर क्या है उनसे मनमुटाव

मालिनी गौड़- विधायक गौड़ और मंत्री विजयवर्गीय के बीच कभी नहीं पटरी बैठी। जब तक लक्ष्मणसिंह गौड़ जीवित रहे इंदौर में दो ध्रुव रहे एक गौड़ का और एक विजयवर्गीय का। उनके निधन के बाद भी यह जारी रहा। मालिनी गौड़ तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ रही।
मनोज पटेल- देपालपुर विधायक भी चौहान के खास समर्थक है। उनके कारण ही टिकट मिला। विधानसभा चुनाव के बाद मंत्री विजयवर्गीय ने पार्टी आयोजन में कहा कि इस बार सभी चुनाव में जीत गए, मनोज पटेल जैसे भी जीत गए। इसके बाद पटेल समर्थकों ने मंत्री विजयवर्गीय का विरोध करते हुए पुतले जलाए, इसके बाद से ही दोनों के बीच तनातनी है।
उषा ठाकुर- विधानसभा चुनाव 2018 में विधायक उषा ठाकुर को तीन नंबर से हटाकर महू भेजा गया, इसी के बाद से दोनों के बीच तनातनी है। ठाकुर ने कहा था कि पुत्र मोह में विजयवर्गीय ने उन्हें महू भिजवा दिया।

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इंदौर में लगातार जारी है बीजेपी की गुटबाजी

इंदौर में गुटबाजी का दौर हमेशा रहा है। हेमंत खंडेलवाल के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद इंदौर में पोस्टर के जरिए गुटबाजी दिखाई दी थी। खंडेलवाल के स्वागत के पोस्टर लगे जिसमें गौरव रणदिवे, सावन सोनकर, मनोज पटेल, एकलव्य गौड़ के पोस्टर थे। साथ ही प्रताप करोसिया ने भी पोस्टर लगवाए।

वहीं जब खंडेलवाल के लिए स्वागत आयोजन इंदौर में हुआ तब भी रणदिवे, सोनकर और गौड़ एक साथ रहे और बाकी नेताओं से अलग-थलग ही रहे। इंदौर में फिलहाल एक गुट में साफ तौर पर विजयवर्गीय, मेदोला और गोलू है, इसी में महापौर पुष्यमित्र भार्गव है।

नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा व जिलाध्यक्ष श्रवण चावड़ा भी इसी ओर झुके हुए हैं। वहीं दूसरी और ठाकुर, मालिनी, मनोज है। वहीं मधु व महेंद्र हार्डिया सभी के साथ है। मंत्री तुलसी सिलावट भी किसी गुट में नहीं है और उनकी अपनी राजनीति है जो सिंधिया से होकर ही गुजरती है।

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