भाई साहब की शर्ट, हमारी शर्ट से सफेद कैसे भला ? होंगे वे सांसद, हम तो मंत्री हैं भई! रोज हमसे ही काम पड़ना है। फिर बैनर पर हमको दूसरे नंबर पर कैसे रख दिए? स्कूल चलाते हो, फिर ऊ, जार्ज बर्नाड शॉ का नाम नहीं सुना जो कह गया है कि -
“अगर मुझे स्वर्ग में दूसरा नंबर मिले और नरक में पहला तो मैं खुशी- खुशी स्वर्ग को लात मार दूं”
यही पहले नंबर की लड़ाई नर्मदा किनारे दिखाई दी, जब जिले के राज्य मंत्री को यहीं के सांसद से नंबर दो कर दिया गया। वैसे तो मामला मख्खी टाइप का है, मगर सर ने दिल पर ले लिया और उनसे ज्यादा उनके किसी- लल्लू- पंजू ने…। आखिर चाय से ज्यादा केतली गर्म होती है। बस फिर क्या था मंत्रीजी की शान में गुस्ताखी की सजा का फरमान जारी कराया गया। अब बेचारा “अपराधी” त्राहिमाम करते हुए गाता भटक रहा है- हमसे भूल हो गई, हमका माफा दई- दो…
अब पता नहीं सर का गुस्सा कब ठंडा होगा, खैर हम आपको बताते हैं पूरा वाकया आखिर क्या है…
जानें क्या है पूरा मामला...
दरअसल उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के देवरी में स्थित अभिनव गरिमा विद्या निकेतन में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान संस्था द्वारा बैनर, पोस्टर और कार्ड छपाए गए। इसमें राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के नाम से पहले सांसद दर्शनसिंह चौधरी का नाम उल्लेख किया गया। इससे मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल नाराज हो गए।
मंत्री से जुड़े लोगों ने इसे अपमान बताया और शिकायत की। इसके बाद, रायसेन डीईओ ने 12 सितंबर को स्कूल को नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया है कि यदि स्कूल का जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है।
डीईओ ने जारी किया नोटिस
डीईओ द्वारा जारी नोटिस में प्रोटोकॉल से जुड़े नियमों का विवरण दिया गया है। नोटिस में कहा गया है कि राज्यपाल द्वारा अनुमोदित माननीयों की श्रेणी और पद की सूची में राज्यमंत्री को 21वें और सांसद को 24वें नंबर पर स्थान दिया गया है। इसके बावजूद, स्कूल द्वारा सांसद को पहले और राज्यमंत्री को बाद में स्थान देना प्रोटोकॉल की अवहेलना है और लापरवाही को दर्शाता है।
माफी मांगी, फिर भी नोटिस जारी
इधर अभिनव स्कूल के संचालक सुनील कुमार चौरसिया ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से राज्य मंत्री को कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, लेकिन मंत्री ने समय की कमी के कारण आने से इनकार कर दिया। साथ ही सुनील चौरसिया ने स्वीकार किया कि बैनर, पोस्टर और आमंत्रण पत्र पर राज्य मंत्री का नाम दूसरे स्थान पर छप जाना एक गलती थी। इसके लिए मैंने और मेरे साथियों ने मंत्री से माफी भी मांगी थी, फिर भी स्कूल को नोटिस जारी किया गया।
कार्रवाई बाद में तय की जाएगी
जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक ने बताया कि स्कूल संचालक की ओर से माफीनामा प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई बाद में तय की जाएगी।
नोटिस के साथ-साथ धमकी!
दूसरी ओर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मामले पर टिप्पणी की, कहा कि एक राज्यमंत्री को अपनी ही पार्टी के सांसद से इतनी खुन्नस होना आश्चर्यकारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यमंत्री ने स्कूल संचालक को नोटिस दिलाने के साथ-साथ धमकाया भी है।
सोशल मीडिया पर छाई मंत्री और सांसद की लड़ाई
बीजेपी मंत्री और सांसद के बीच वर्चस्व की लड़ाई का मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र सिंह शिवाजी पटेल ने अपनी फेसबुक आईडी पर एक पोस्ट में अपनी बात रखी और स्कूल को जारी नोटिस की प्रति साझा की। उन्होंने आगे से सभी लोगों से प्रोटोकॉल का ध्यान रखने का आग्रह किया।
दूसरी ओर, सिलवानी के कांग्रेस विधायक देवेंद्र पटेल ने फेसबुक पर बीजेपी मंत्रियों और सांसदों के बीच चल रही "गला काट प्रतिष्ठा" और "जलन की भावना" पर निशाना साधा। उन्होंने नरेंद्र शिवाजी पटेल की पोस्ट और जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दिए गए नोटिस को अपनी फेसबुक आईडी पर साझा किया है।
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