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मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायक कहे जाने वाले बीजेपी नेता संजय पाठक एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। पाठक की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने उनके खिलाफ की गई शिकायत पर फिर 5 जिलों के कलेक्टरों को आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि वे आदिवासी समुदाय के नाम पर जमीन खरीदने के मामले की जांच करें। यह मामला मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आदिवासियों की जमीनों की अवैध खरीदी से जुड़ा हुआ है।
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NCST की कलेक्टरों को चेतावनी
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने आदेश दिया है कि कटनी, जबलपुर, उमरिया, डिंडौरी और सिवनी के कलेक्टरों को एक महीने के भीतर रिपोर्ट भेजनी होगी। आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर समय पर रिपोर्ट नहीं भेजी जाती, तो कलेक्टरों या उनके प्रतिनिधियों को समन भेजा जा सकता है। आयोग ने यह भी कहा कि अगर तय समय में जवाब नहीं आता, तो वह सिविल न्यायालय की शक्तियों का इस्तेमाल कर कलेक्टर या उनके प्रतिनिधियों को तलब कर सकता है।
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कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा की शिकायत
इस मामले पर कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने भी शिकायत की है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लिखित शिकायत (आदिवासी जमीन मामला) की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने जनजातीय कार्य विभाग को पत्र भेजा और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जमीन की खरीदी में धोखाधड़ी का आरोप
शिकायतकर्ता दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने बताया कि 15 सितंबर को उन्होंने आयोग को शिकायत दी थी। इसके बाद आयोग के निर्देश पर डिंडौरी कलेक्टर ने जांच की और जानकारी भेज दी, लेकिन सिवनी, जबलपुर, कटनी और उमरिया के कलेक्टरों ने अब तक जानकारी नहीं दी। इस पर आयोग ने उन्हें अंतिम चेतावनी दी है।
दिव्यांशु ने अपनी शिकायत में कहा है कि कटनी जिले के चार आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर BJP MLA Sanjay Pathak ने डिंडौरी जिले में 795 एकड़ जमीन बैगा आदिवासियों से धोखाधड़ी करके खरीदी है। यहां पर वे बाक्साइट खदानें स्वीकृत करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह जमीन रघुराज सिंह गौड़, नत्थू कोल, राकेश सिंह गौड़ और प्रहलाद कोल के नाम पर डिंडौरी जिले के बजाग तहसील के पिपरिया माल, बघरेली सानी, सरई टोला और हर्रा टोला में 2025 के बाद से खरीदी गई है। दिव्यांशु ने इन सभी के खातों की जांच ((संजय पाठक पर गंभीर आरोप)) करने की मांग भी जांच एजेंसियों से की है।
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सिर्फ डिंडौरी कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट आयोग को भेजी
सभी कलेक्टरों को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। लेकिन अब तक सिर्फ डिंडौरी कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट आयोग को भेजी है। बाकी चार कलेक्टरों - सिवनी, जबलपुर, कटनी और उमरिया कलेक्टरों ने अभी तक रिपोर्ट नहीं भेजी है। इस वजह से आयोग ने उन्हें अंतिम चेतावनी दी है।
आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री पर गंभीर आरोप
कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री सचिवालय को पत्र लिखकर डिंडौरी जिले के बजाग तहसील में आदिवासी जमीन की अवैध खरीदी के बारे में बताया था। उनका कहना था कि 1200 एकड़ आदिवासी भूमि को गरीब आदिवासियों के नाम पर बेनामी तरीके से खरीदा गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय ने भी पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
इससे पहले भी जारी हो चुका है नोटिस
इससे पहले भी मामले में आयोग (राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नोटिस) ने मध्य प्रदेश के पांच जिला कलेक्टरों को नोटिस जारी कर इस मामले में विस्तृत जानकारी मांगी थी। साथ ही, आयोग ने कलेक्टरों को चेतावनी दी थी कि यदि निर्धारित समय सीमा में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई, तो सिविल कोर्ट की तरह सम्मन जारी किए जाएंगे। यहां पढ़ें पूरी खबर...
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