सीएम डॉ. मोहन यादव ने तो अभी बीआरटीएस हटाने की घोषणा भर की है और उधर बीजेपी ने सभी नियमों को धता बताते हुए रविवार को संविधान गौरव यात्रा ही बीआरटीएस कॉरिडोर के अदंर से निकाल जमकर भौकाल मचा दिया। जबकि बीआरटीएस के अंदर से केवल आईबस और एंबुलेंस को ही जाने की इजाजत है। संविधान के नाम पर निकली इस यात्रा में हुए असंवैधानिक कामों की अब कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। पुलिस, प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस सभी विभाग के अधिकारी बगले झांक रहे हैं और चुप्पी साध रखी है। इसमें दर्जन भर आईएएस, आईपीएस अधिकारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार बनते हैं।
किसकी कहां पर थी जिम्मेदारी?
पुलिस- पुलिस कमिशनरी में अब पुलिस ही आयोजन की मंजूरी देती है। विजयनगर से महू नाका तक एबी रोड से निकली इस यात्रा पर कैसी परेशानी आएगी, इसे ताक पर रखकर मंजूरी दी गई। वहीं पुलिस यात्रा की सुरक्षा के लिए साथ में बाइक से भी चली।
एआईसीटीएसएल- बीआरटीएस कॉरिडोर और इसमे संचालित बसों को यही संभालता है, नियम तोड़ने पर यही पुलिस को कार्रवाई के लिए पत्र लिखता है। इसमें महापौर खुद प्रमुख है, वहीं निगमायुक्त, कलेक्टर, स्मार्ट सिटी सीईओ सभी पदों पर हैं जो सभी आईएएस अधिकारी हैं।
ट्रैफिक पुलिस- बाइक के साइलेंसर को लेकर एकदम सतर्क रहकर इसे निकलवानी वाली ट्रैफिक पुलिस जो वीआईपी मामलों में हमेशा ही गर्दन घुमा लेती है, इस मामले में भी ऐसा ही किया। ना किसी को रोका ना ही टोका और 300 से ज्यादा कारों का कारवां आंखों के सामने से कॉरिडोर के अंदर से जाने दिया।
IPS, IAS की बनती है जिम्मेदारी
एआईसीसीटीएल के बोर्ड में महापौर के साथ ही चार आईएएस कलेक्टर, निगमायुक्त, स्मार्ट सिटी सीईओ और आईडीए सीईओ शामिल हैं, उधर आईपीएस की बात करें तो खुद सीपी हैं। यात्रा अलग-अलग जोन से निकली हो इनके पदस्थ आईपीएस डीसीपी हैं, मुख्यालय डीसीपी हैं ही, कुछ आईपीएस एसीपी भी हैं। वहीं ग्रामीण एरिया तक यात्रा गई तो वहां भी आईपीएस आईजी, डीआईजी, एसपी मौजूद हैं।
क्या जवाब दे रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी?
प्रशासन- इन्होंने पल्ला झाड़ लिया, क्योंकि पुलिस कमिशनरी में मंजूरी पुलिस स्तर से होती है। हालांकि, अधिकारी भूल गए कि प्रशासन और निगम मिलकर महीनों से इंदौर में ट्रैफिक मुहिम चलाते हुए ठेले, गुमटी व अन्य कब्जाधारियों को हटा रहे हैं। आंखों के सामने निकले इस तमाशे पर चुप हैं।
पुलिस मुख्यालय डीसीपी अंकित सोनी ने कहा- रैली को लेकर हमारे पास कोई पत्र नहीं आया, ना ही मंजूरी जारी की गई। जोनल डीसीपी ने जारी की हो तो पता नहीं।
डीसीपी ट्रैफिक अरविंद तिवारी- यात्रा के बीआरटीएस में प्रवेश पर संबंधित थाना पुलिस कार्रवाई करती है, यातायात विभाग की कार्रवाई नहीं बनती है।
एडीसीपी जोन 2 अमरेंद्र सिंह- मामला संज्ञान में आया है, कॉरिडोर में अन्य वाहनों की मंजूरी नहीं है, इस मामले में वैधानिक कार्रवाई करेंगे।
Indore BRTS हटाने पर दो फाड़ | हाईकोर्ट में लगी याचिका का क्या होगा?
आयोजक क्या बोल रहे हैं?
उधर, आयोजक बीजेपी अजा मोर्चा के बलजीत सिंह चौहान कहते हैं कि हमने यात्रा की मंजूरी 15 दिन पहले ली थी। रविवार को जब यात्रा शुरू हुई तो मौजूद पुलिस अधिकारियों ने ही हमे जिधर मोड़ा उधर से मुड गए। हमें किसी ने नहीं रोका था। हमें लगा कि यातायात व्यवस्था के हिसाब से बीआरटीएस के अंदर से निकाला गया। वहीं बीजेपी नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे का कहना है कि यह नगर बीजेपी का आयोजन नहीं है।
इस तरह निकली यात्रा
बीजेपी की यह यात्रा विजयनगर से राजीव गांधी चौराहे तक निकली। अन्य वाहनों के लिए प्रतिबंधित बीआरटीएस कॉरिडोर के अंदर से ही वाहन रैली की सभी गाड़ियां निकाले गए। वहीं यहां अंदर चलने वाली आई बसें कॉरिडोर के बाहर निकली। इस दौरान यात्रियों को खासी समस्या हुई। उधर अधिकारी अब चुप्पी साधे हुए हैं, क्योंकि मामला सत्ताधारी दल की यात्रा का है।
इंदौर नगर निगम के I BUS में 1.50 करोड़ का टिकट घोटाला, कोई FIR नहीं
इनकी अगुवाई में निकली यात्रा
यह यात्रा बीजेपी के अजा मोर्चा के बलजीत सिहं चौहान द्वारा निकाली गई। इसके लिए पहले विजयनगर चौराहे पर वाहन एकत्र हुए। इन पर तिरंगे झंडे लगे हुए थे। फिर यात्रा शुरू हुई और वाहन कॉरिडोर से निकलने लगे।
11.45 किमी तक कोई रोक-टोक नहीं
यह पूरा कॉरिडोर 11.45 किमी का है। इस दौरान विजयनगर थाना समेत कई थाने रास्ते में आते हैं। साथ ही कॉरिडोर को संभालने के ट्रैफिक जवान भी रहते हैं लेकिन मजाल है कि किसी ने भी यात्रा को रोक दिया हो। यात्रा राजीव गांधी चौक पर कॉरिडोर के अंतिम स्टेशन को पार कर मही तक वेटनरी कॉलेज में पहुंचकर खत्म हुई।
मप्र के 235 बार काउंसिल के हजारों वकीलों को मिली हाईकोर्ट से राहत
बीजेपी विधायक पुत्र भी मचा चुके हैं भौकाल
बीआरटीएस से अंदर निकलना रसूखदारों का शौक रहा है। हाल ही में बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला के पुत्र रूद्र ने भी हूटर लगी लग्जरी कार को भी बीआरटीएस कॉरिडोर में जमकर दौड़ाया था। यह भौकाल उन्होंने अपने कुछ अन्य मित्रों को दिखाने के लिए मचाया था, जिसमें अन्य कारों का काफिला भी शामिल था। उस समय भी अधिकारी यह बोलकर चुप हो गए थे कि हमारे कैमरे नहीं चल रहे हैं, नहीं तो हम चालान बना देते।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक