बोल हरि बोल : कल तक सलाम ठोकने वाला आज पार्टनर है… भाईसाहब का भैरंट प्रचार और इंदौर में कौन है वो?

लक्ष्मी आनी चाहिए, तरीका भले कोई हो। क्या है कि इन दिनों युवाओं में बार कल्चर का क्रेज है। इसी मौके को भुनाने के लिए कमाई की संभावना को देख अब अफसर भी यहां इन्वेस्टमेंट करने लगे हैं।

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Pratibha ranaa
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हरीश दिवेकर @ भोपाल

बस्ती में तुम खूब सियासत करते हो, 

बस्ती की आवाज उठाओ तो जानें। 

चुनाव की इस बेला में कहां कोई बस्तियों की आस उठा रहा है। नेता अपना राग अलाप रहे हैं। मौन मतदाता किसे सिर पर बैठाएंगे, किसे धूल चटाएंगे… ये तो 4 जून को ही पता चलेगा। फिलवक्त तो खबर यह है कि युवराज कल यानी 6 मई को मध्य प्रदेश में गरजेंगे। आदिवासियों को साधेंगे। फिर 7 मई को पंत प्रधान भी उसी मैदान पर हुंकार भरेंगे।

पिछले दो फेज में हुई कम वोटिंग से कांग्रेस उत्साहित है, पर पार्टी अपने सेनापति पर धडाधड़ हो रहीं एफआईआर से चिंता में भी है। बीजेपी ने मजमा लूट लिया है। इधर, एमपी में सियासी गठबंधन भले सक्सेसफुल न हो, पर इंदौर में खाकी वर्दी वाले साहब और बड़े शराब कारोबारी का गठजोड़ चर्चा में हैं। कई साहब कमिश्नर नहीं बनना चाहते हैं। इसी के बीच खबर है कि एक आईएएस ने बार क्लब में भारी भरकम इन्वेस्टमेंट किया है।

खैर, देश- प्रदेश में खबरें तो हजार हैं, आप तो सीधे नीचे उतर आईए और बोल हरि बोल ( bol hari bol ) के चुनिंदा रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।

कल तक सलाम ठोकते थे, अब पार्टनर 

लक्ष्मी आनी चाहिए, तरीका भले कोई हो। क्या है कि इन दिनों युवाओं में बार कल्चर का क्रेज है। इसी मौके को भुनाने के लिए कमाई की संभावना को देख अब अफसर भी यहां इन्वेस्टमेंट करने लगे हैं। ताजा खबर यह है कि एक युवा आईएएस ने भोपाल के एक क्लब में अच्छी खासी रकम लगाई है। ये साहब महाकौशल के एक जिले में कलेक्टर रह चुके हैं। एक क्लब से कमाई हुई तो इन साहब ने दूसरे क्लब में भी पैसा लगा दिया। इस युवा आईएएस के साथ एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी ने भी इन्वेस्ट किया है। मजे की बात ये है कि आईएएस- आईपीएस अफसरों की काली कमाई को दोगुना- चौगुना करने की जवा​बदारी पंडितजी ने ले रखी है। ये पंडितजी कभी एसएएफ में आरक्षक हुआ करते थे। अफसरों का भरोसा जीतने के बाद पंडितजी ने नौकरी छोड़ दी। अब वे आईएएस- आईपीएस की काली कमाई को निवेश कराने के धंधे में उतर गए हैं। कल तक पंडितजी साहब लोगों को सल्यूट ठोकते थे, अब पार्टनर बनकर उनके साथ गलबहियां करते हैं। ( bol hari bol )

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हाईवे का ले आउट खरीदोगे

भोपाल में मंडीदीप से सीहोर के बीच बनने वाले हाईवे को लेकर अफसरों और नेताओं ने खेला कर दिया है। इस बात का खुलासा 'द सूत्र' ने एक खबर में किया था। ताजा अपडेट यह है कि अब इस हाईवे के ले- आउट की सीडी बाजार में बिक रही है। दलाल हाईवे की लोकेशन बताकर अफसरों की जमीनें करोड़ों के भाव पर बेच रहे हैं। अफसर- नेताओं के खेल की जानकारी मिलने के बाद डॉक्टर साहब ने हाईवे की फाइल तलब करते हुए इस पर रोक लगा दी है। इसकी भनक मिलने के बाद कई अफसरों और नेताओं की नींद उड़ गई है। चर्चा है कि डॉक्टर साहब ने हाईवे का ले- आउट बदल दिया तो लेने के देने पड़ जाएंगे। भैंस पानी में डूब जाएगी। 

कमाई के लिए दाग अच्छे हैं

जैसे किसी जाहिल ने कहा है कि इश्क और जंग में सब जायज होता है, वैसे ही कमाई में भी सब बढ़िया होता है। अब यही केस देख लीजिए। इंदौर में इन दिनों खाकी वर्दी वाले साहब और बड़े शराब कारोबारी का गठबंधन उफान मार रहा है। ये साहब पुलिस मुख्यालय में अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, ऐसे में शराब कारोबारी के काले- पीले धंधों को सीधे संरक्षण मिल रहा है। इसके ऐवज में शराब कारोबारी साहब की दोस्ती का मान रखने में भी पीछे नहीं रहते। साहब की हर डिमांड समय पर पूरी हो जाती है। दोनों की दोस्ती अब तक चोरी छिपे चल रही थी, लेकिन जैसे ही शराब कारोबारी के विरोधी ने धार जिले का ठेका लिया तो साहब से उनकी दोस्ती उजागर हो गई। दरअसल, साहब ने अपने दोस्त की मदद करने की कोशिश की तो दूसरे शराब कारोबारी ने उनकी दोस्ती को जग जाहिर कर दिया। अब साहब इस मामले में चुप्पी साध गए हैं। उन्हें डर है कि कहीं शराब कारोबारी के काले- पीले धंधे उनकी वर्दी पर कोई दाग न लगा दें। 

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इंदौर ​के बिल घोटाले का मास्टर माइंड कौन?

कौन है वो कौन है वो...

कहां से वो आया है...

थोड़े दिनों में ही चारों ओर छाया। 

बाहुबली ​फिल्म का यह गाना इंदौर में गुनगुनाया जा रहा है। इधर, नगर निगम में करोड़ों के फर्जी बिल का खेला उजागर होने के बाद कई आईएएस अफसरों की नींद हराम हो गई है। सरकार भी इस मामले में गंभीर है। मंत्रालय के दो सीनियर और ईमानदार माने जाने वाले आईएएस अमित राठौर और अजीत कुमार अब घोटाले की जांच करेंगे। पुलिस ने इस मामले में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय राठौर के खिलाफ एफआईआर की है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि सरकार को बताया गया है कि राठौर ने स्थानीय नेता और आईएएस अफसरों के वरदहस्त मिलने के बाद ये खेला किया है। इसके बाद से सरकार इस खेल के मास्टर माइंड की खोज में लग गई है, इसलिए जांच में ऐसे अधिकारी रखे हैं, जो किसी प्रभाव में आकर मैनेज नहीं होंगे।

डायरेक्ट आईएएस नहीं बनना चाहते कमिश्नर

सरकार ने ​डिविजनल कमिश्नर पद की ऐसी बैंड बजाई है कि अब डायरेक्ट आईएएस अफसर इस पद से तौबा करते हैं। अभी प्रदेश के 10 डिविजनल कमिश्नर की पोस्ट में से 4 भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग में डायरेक्ट आईएएस पदस्थ हैं। पहले ये पद सम्मान और पॉवर के लिए माना जाता था। इस पद का सम्मान तो बना हुआ है, लेकिन पॉवर कम हो गया है। तीन साल पहले ​कमिश्नर को आरटीए यानी रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के पॉवर हुआ करते थे, जिसमें ये साहब लोगों की सीधे आरटीओ पर पकड़ रहती थी। सरकार ने पहले आरटीए का अधिकार छीना। अब डिविजनल कमिश्नर से मेडिकल कॉलेज का नियंत्रण भी छीन लिया है। ऐसे में उनके पास अब कोई मलाई वाला काम नहीं बचा है। अब वे सिर्फ जमीनों की अपील सुनकर छोटा मोटा खेला ही कर सकते हैं। देखा जाए तो रिटायरमेंट से पहले प्रमोटी अफसर को कमिश्नर बनाकर खुश करने की जगह हो गई है ये पोस्ट।

भाईसाहब ऐसे तो न थे...

चुनाव लड़ रहे एक भाईसाहब इन दिनों चर्चाओं में हैं। कभी मंच पर उनकी सुरक्षा में सेंध लग जाती है तो कभी माइक बंद होने पर वे गुस्सा जाते हैं। एक दिन में उनके कई- कई रूप देखने को मिल रहे हैं। भाईसाहब अब भी मानो अपने आप को 'सुपर नेता' मानते हैं। उनके प्रचार वाहनों, होर्डिंग्स, पंपलेंट कहीं भी डॉक्टर साहब और सूबे के बड़े भाईसाहब के फोटो आपको देखने नहीं मिलेंगे। जलने वाले कहते फिर रहे हैं कि इन भाईसाहब का स्वैग अलग है। वे अपनी पुरानी यादों से बाहर आ ही नहीं पा रहे। उन्हें मार्जिन की बड़ी चिंता है। लू लगने के बाद भी वे प्रचंड जीत के लिए भीषण गर्मी में पसीना बहा रहे हैं।  

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देखना दादा… हम पांच से छह सीट जीतेंगे

सन्नाटे को चीरती सनसनी… जैसे हालत थे दफ्तर के। हां, मतलब दो चार नेता कार्यालय में मो​बाइल पर रील देखने में व्यस्त थे। नमस्कार के बाद सिलसिला आगे बढ़ा। टीवी पर वोटिंग के आंकड़े फ्लैश हो रहे थे। इन्हें देखकर बार- बार नेताजी मुस्कारते। फिर कहने लगे, देखना आप… एमपी में कांग्रेस रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करेगी। हम पांच से छह सीट जीतने जा रहे हैं। हमने पूछा कैसे, तो बोले कम वोटिंग हमेशा हमारे पक्ष में जाती है। लोग बीजेपी से नाराज हैं। हम उन नेताजी को नाराज नहीं करना चाहते थे, सो कोई सवाल नहीं किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये युवा नेताजी मध्य और मालवा क्षेत्र की एक सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे।  

नच बलिए… कोई मारो भाई छोंका 

ये चौराहों के चाणक्य भी न कभी- कभी गजब बात कर देते हैं। हर चौराहे पर चर्चा है कि महलों के राजा- महाराजा जनता से गजब मेल- मुलाकात कर रहे हैं। उनके परिवार वाले भी पीछे नहीं हैं। महाराज का डांस वाला वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। उनके सुपुत्र आदिवासी इलाकों में कड़ी कड़ाही में छोंक मार रहे हैं। इधर, राजा साहब का अलग मिजाज है। वे अपने बयानों की वजह से चर्चा में हैं। बढ़िया है… हम तो यही कहेंगे कि आप जीतकर भी पूरे पांच साल ऐसे ही जनता जनार्दन ​से मिलते रहें, ताकि भविष्य में फिर जब वोट मांगने जाएं तो शर्मिंदा न होना पड़े।

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