शर्मनाकः कोरोना में पिता को खोने वाले बच्चों से बाल आशीर्वाद योजना के लिए मांगी 36 हजार की Bribe, लोकायुक्त ने पकड़ा

कोरोना महामारी में या अन्य कारण से मां-पिता को खो चुके 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सरकार की ओर से हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है। सीएम बाल आशीर्वाद योजना में दी जाने वाली राशि देने के बदले मांग रहे थे रिश्वत...

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. लोकायुक्त इंदौर ने खंडवा में महिला व बाल विकास विभाग के सामाजिक कार्यकर्ता और डाटा एंट्री ऑपरेटर को 36 हजार की रिश्वत ( Bribe ) लेते हुए रंगों हाथों पकड़ा है। शर्मनाक बात यह है कि यह कोरोना में पिता को खो चुके भाई-बहन से सीएम बाल आशीर्वाद योजना की राशि देने के बदले रिश्वत मांग रहे थे। 

17 साल के किशोर की शिकायत पर कार्रवाई 

आवेदक अमन राठौड़ पिता स्वर्गीय संतोष राठौड़ उम्र 17 साल ने इस संबंध में लोकायुक्त को शिकायत की थी। शिकायत मनोज दिवाकर जो सामाजिक कार्यकर्ता है महिला व बाल विकास विभाग खंडवा में और संजय जगताप डाटा एंट्री आपरेटर महिल व बाल विकास विभाग खंडवा के खिलाफ हुई थी। 

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हर महीने 4000 की राशि मिले, इसके लिए मांगी रिश्वत

आवेदक के अनुसार अगस्त 2023 में उसके द्वारा मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत आवेदन पत्र महिला एवम् बाल विकास विभाग कार्यालय खंडवा में दिया गया था। आवेदक के पिता की मृत्यु होने से आवेदक एवं उसकी बहन के नाम से आवेदन कार्यालय द्वारा स्वीकृत किया गया था जिसमें प्रत्येक माह ₹4000 की राशि दोनों बच्चों की शिक्षा के अलग-अलग स्वीकृत की गई थी। इस योजना के तहत कोरोना महामारी में अथवा अन्य कारण से मां-पिता को खो चुके 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सरकार की ओर से हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है। 7 माह के हिसाब से 56000 रु कार्यालय द्वारा आवेदक के खाते में अंतरित किए गए जिसमें से ₹36000 की कार्यालय में  सामाजिक कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ मनोज दिवाकर और कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप ने इस कार्य को करने और भविष्य में भी ये राशि मिलती रहे इसके एवज में मांग की और पेमेंट नहीं देने पर योजना का लाभ आगे नहीं दिए जाने का कहा गया। 

रंगे हाथों पकड़े गए दोनों

शिकायत आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में की गई। जिसका सत्यापन कराया गया जिसमें बातचीत के दौरान आरोपीगण द्वारा 36000 रुपए लेना तय किया।आवेदन पत्र के सत्यापन एवं आरोपियों से हुई बातचीत के आधार पर आरोपी मनोज दिवाकर एवं संजय जगताप के विरुद्ध धारा 7 एवं धारा 120b IPC का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया और आरोपी मनोज दिवाकर को 36,000 रुपए की राशि लेने पर ट्रैप किया गया है।

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