BHOPAL. स्कूल शिक्षा विभाग का गड़बड़ियों से नाता टूटने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक मामला शांत नहीं होता कि विभाग की फेहरिस्त में दूसरा गड़बड़झाला जुड़ जाता है। ताजा मामला विभाग में 250 से ज्यादा लोकसेवकों की नियम विरुद्ध पदस्थापना का है। इसकी जानकारी उजागर होने के बाद अब विभाग में खलबली मच गई है। सीएम और विभागीय मंत्री के अधिकार क्षेत्र में सेंध लगाते हुए अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर ही निर्णय लिया गया है। इस खुलासे के बाद अब स्कूल शिक्षा मंत्री ने भी संबंधित अधिकारी के निलंबन की नोटशीट आगे बढ़ा दी है। मंत्री के तीखे तेवरों के बाद विभाग में ऊपर से नीचे तक हलचल बढ़ गई है।
250 लोकसेवकों की पदस्थापना
दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग में बीते माह में लोकसेवकों की पदस्थापना की कार्रवाई शुरू की गई थी। इसके लिए विभागीय स्तर पर नोटशीट तैयार करके मंत्री उदयप्रताप सिंह के कार्यालय को भेजी जानी थी। लोकसेवकों की पदस्थापना का अधिकार सीधे तौर पर सीएम अथवा विभागीय मंत्री के पास सुरक्षित है। यानी उनके आदेश के बाद ही पदस्थापना के आदेश जारी किए जा सकते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस नियम और चली आ रही परम्परा को अनदेखा कर दिया। यही नहीं विभागीय मंत्री को भी पदस्थापना के मामले में अंधेरे में रखा गया और आदेश जारी कर दिए गए। विभाग में 250 लोकसेवकों की पदस्थापना होते ही मामला गरमा गया और खबर सीधे मंत्री कार्यालय तक पहुंच गई।
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अफसरों की मनमनी पर मंत्री सख्त
स्कूल शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह विभागीय अधिकारियों के इस रवैए से नाराज हैं। लोकसेवकों की पदस्थापना में हुए खेल की जानकारी लगने के बाद मंत्री सिंह ने जिम्मेदारी तय करने के लिए विभाग के सचिव डॉ.संजय गोयल को आदेशित किया है। इसके साथ ही मनमानी करने वाले अधिकारी के निलंबन के निर्देश भी मंत्री की ओर से जारी किए गए हैं। हांलाकि मंत्री कार्यालय से आगे बढ़ाई गई नोटशीट में किसी अधिकारी के नाम का उल्लेख नहीं है। इसके चलते अब विभाग में अधिकारी अपने बचाव में जुट गए हैं।
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तीन संचालकों में से किसने की पदस्थापना
बताया जाता है स्कूल शिक्षा विभाग के संचालनालय यानी डीपीआई में लोकसेवकों की पदस्थापना का खेल हुआ है। लोकसेवकों की पदस्थापना का काम संचालक स्तर के अधिकारी संभालते हैं। डीपीआई में संचालकों के तीन पद हैं। अब गफलत ये खड़ी हो गई है कि पदस्थापना के ये आदेश किस संचालक के इशारे पर जारी किए गए हैं। वहीं मंत्री के आदेश पर अब विभागीय सचिव ये पड़ताल कर रहे हैं। वहीं लोकसेवकों की थोकबंद पदस्थापना के इस मामले की कड़ियां डीपीआई से लेकर मंत्रालय तक जुड़ी होने की चर्चा भी जोरों पर है।
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