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भोपाल नगर निगम (Bhopal Municipal Corporation) की तत्कालीन अपर आयुक्त निधि सिंह (Nidhi Singh) एक बार फिर चर्चा में हैं। मामला बीसीएलएल (BCLL) से जुड़ी गड़बड़ियों का बताया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इसे अपने खिलाफ साजिश करार दिया है।
मामले में रिपोर्ट तलब
नगरीय प्रशासन विभाग ने नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण से इस मामले में एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
खबर यह भी...IAS निधि सिंह के खिलाफ राजधानी में निंदा प्रस्ताव पास, ऐसा पहली बार
मामला सामने कैसे आया
दिसंबर 2024 में, नगर निगम परिषद (Municipal Corporation Council) की बैठक में एमआईसी सदस्य मनोज राठौर (MIC Member Manoj Rathore) ने बीसीएलएल (BCLL) से जुड़ी गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया था। इसके एक महीने बाद जनवरी 2025 में राज्य शासन ने उनका ट्रांसफर ग्वालियर कर दिया।
इसी दौरान ईओडब्ल्यू में निधि सिंह आरटीओ संजय तिवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। शिकायत में आरोप लगाया गया कि तत्कालीन आरटीओ संजय तिवारी और निधि सिंह ने बस ऑपरेटरों के साथ मिलकर लाखों रुपए की टैक्स चोरी कराई है। हालांकि इस पूरे मामले में आईएएस निधि सिंह ने द सूत्र के सामने अपना पक्ष रखा है। उनका कहना है कि मेरे ज्वाइन करने से पहले का ये मामला है। सीधे तौर पर मेरा कुछ लेना- देना ही नहीं है।
ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट
जुलाई 2024 में ईओडब्ल्यू ने प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को एक पत्र भेजकर इस बात की जानकारी दी थी कि निगम सीमा से बाहर बसों का संचालन नियमों के खिलाफ है। पत्र में यह भी कहा गया था कि तत्कालीन आरटीओ, अपर आयुक्त और बीसीएलएल स्टाफ की आपस में मिलीभगत हो सकती है। ईओडब्ल्यू ने यह स्पष्ट किया था कि यदि विभागीय समीक्षा में जांच जरूरी मानी जाए, तो इसकी सूचना दी जाए। इसी पत्र के आधार पर नगरीय विकास विभाग ने निगमायुक्त से इस मामले में जानकारी मांगी है।
निंदा प्रस्ताव के एक महीने बाद हुआ था तबादला
भोपाल नगर निगम की परिषद बैठक में निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाए जाने के बाद संबंधित फाइल सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी गई थी। इसके एक महीने बाद, 13 जनवरी 2025 को निधि सिंह का ट्रांसफर हो गया था। बता दें कि आईएएस निधि सिंह के पास BCLL (भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड), जल कार्य, राजस्व, संपत्ति कर, जनसंपर्क जैसे कई प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी थी।
निधि सिंह बोलीं- मेरे खिलाफ साजिश
thesootr से बातचीत में IAS निधि सिंह ने इसे अपने खिलाफ कुप्रचार बताते हुए साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि हर काम नियमानुसार ही किया है। जो भी नोटिस मुझे मिला था, उसका जवाब मैं दे चुकी हूं। वैसे यह मामला ईओडब्ल्यू का नहीं, लोकायुक्त का है। तत्कालीन आयुक्त और बीसीएलएल की बोर्ड की स्वीकृति से बीसीएलएल को लगभग पांच करोड़ का लाभ पहुंचाया जो कि शासन हित तथा नियमानुसार किया गया है। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग ने ही एक पॉलिसी निकाली थी, जिसके अनुसार 10% टैक्स जमा करने पर शेष 90% टैक्स माफ किया जाना था। ऐसे में मैंने मेयर से अनुमोदन के बाद ही फैसला लिया था। इसके अलावा टैक्स चोरी का मामला मेरे कार्यकाल के पहले से ही चल रहा था। अब एक साल बाद इस मामले को वापस उखाड़कर कुछ लोग मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
कौन हैं IAS Nidhi Singh ?
मध्यप्रदेश की 2019 बैच की आईएएस अधिकारी निधि सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। यह अफसर अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं, और नेताओं से सीधे टक्कर लेने में भी पीछे नहीं रहतीं। एमपी कैडर मिलने के बाद, एसडीएम के रूप में अपनी पहली पोस्टिंग पर ही उनका सत्ताधारी दल के एक प्रमुख नेता से विवाद हो गया था।
एक पूर्व विधायक द्वारा काम में हस्तक्षेप और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किए जाने पर आईएएस अधिकारी निधि सिंह ने पहले उन्हें समझाया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने उन्हीं की भाषा में जवाब देते हुए कहा, "आप बदतमीजी मत करिए, हम कितने दिन नौकरी करेंगे, यह सरकार तय करेगी, हमें सरकार ने नौकरी पर रखा है... आप दफा हो जाइए... यहां से।"
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