इंदौर में सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई जब कैब ड्राइवर द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निजी सहायक रवि विजयवर्गीय पर जानलेवा हमला कर दिया गया। इस घटना को लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे बेहद निंदनीय और चिंताजनक बताया है। महापौर का यह बयान तब आया है, जबकि मंत्री कैलाश के पीए पर कैब ड्राइवर ने किया चाकू से हमला कर दिया। तब उन्हें आम यात्रियों की भी चिंता सताने लगी। इसको लेकर उन्होंने पुलिस अफसरों को भी दिशा–निर्देश जारी कर कैब ड्रायवरों के सत्यापन की बात कही है। गौरतलब है कि इसके पूर्व शहर के नागरिकों द्वारा कैब डायवरों की मनमानी का शिकार होते रहे हैं और उसकी सैकड़ों शिकायतें शहर के कई थानों में की जाती भी रही हैं, लेकिन उन पर पुलिस ने कोई सख्ती नहीं दिखाई। इसी का परिणाम है कि आज यह घटना हुई।
महापौर ने कैब एजेंसियों की भर्ती व्यवस्था पर उठाए सवाल
महापौर भार्गव ने कहा कि इस घटना ने न केवल कैब सेवाओं की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि शहरवासियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं। उन्होंने विशेष रूप से ऊबर, ओला जैसी निजी कैब कंपनियों के रिक्रूटमेंट पैटर्न और ड्राइवरों के वेरिफिकेशन प्रोसेस पर प्रश्न चिह्न लगाया है। महापौर ने जोर देकर कहा कि यदि ड्राइवरों की भर्ती के दौरान उनके आपराधिक रिकॉर्ड और पारिवारिक पृष्ठभूमि की गहन जांच नहीं की जाती, तो ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं। जिससे आम जनता का भरोसा इन सेवाओं पर से उठ जाएगा।
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कैब ड्रायवर का मामूली बात पर आक्रामक होना चिंताजनक
उन्होंने कहाकि मामूली सी दो बैग रखने की बात पर कैब ड्राइवर का इतना उत्तेजित हो जाना, अत्यधिक चिंता का विषय है। विवाद के दौरान कैब ड्राइवर द्वारा धारदार हथियार से रवि विजयवर्गीय पर हमला कर दिया गया, जिससे वे घायल हो गए। हालांकि प्राथमिक उपचार के बाद उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है।
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कैब ड्रायवरों का वेरिफिकेशन हो
महापौर ने पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया है कि कैब ड्रायवरों के पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाए। ड्रायवरों के आपराधिक रिकॉर्ड तथा परिवारिक पृष्ठभूमि का गहन परीक्षण अनिवार्य बनाया जाए। निजी कैब कंपनियों के रिक्रूटमेंट और संचालन की विस्तृत जांच की जाए। ड्रायवरों के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाएं (SOPs) तैयार कर, उन्हें सार्वजनिक रूप से लागू किया जाए। महापौर ने कहा कि इंदौर जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर में नागरिकों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि एक ऐसी प्रणाली विकसित की जाए, जिससे यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद परिवहन सेवा मिल सके।
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हमेशा से विवाद में रही निजी कैब एजेंसियां
ऊबर, ओला सहित कई निजी कैब एजेंसियाँ डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ड्राइवरों की भर्ती करती हैं, जिनमें कई बार वेरिफिकेशन प्रक्रिया सतही रह जाती है। भारत में कई बड़े शहरों में पहले भी कैब ड्राइवरों के आचरण को लेकर प्रश्न उठ चुके हैं, जिसके बाद कई राज्यों ने कैब कंपनियों पर सख्त नीतियाँ लागू करने के निर्देश दिए थे। महापौर ने कहा कि कैब कंपनियों को रोजगार से पहले पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट अनिवार्य बनाना चाहिए और नियमित व्यवहारिक प्रशिक्षण देना चाहिए। महापौर भार्गव ने भरोसा दिलाया कि इस मामले को प्रशासन पूरी गंभीरता से ले रहा है और शीघ्र ही ऐसी व्यवस्थाएँ बनाई जाएंगी जो भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में सहायक होंगी।
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