संजय गुप्ता, INDORE. उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 ( Higher Secondary Teacher Class 1 ) के 34789 पद खाली है, लेकिन सरकार कुल 16 विषय में केवल 8720 पदों पर भी नियुक्ति की प्रक्रिया कर रही है। पद बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदेश के युवाओं ने कुछ दिन पहले स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ( Education Minister Uday Pratap Singh ) से नरसिंहपुर में मुलाकात की। युवाओं द्वारा इस मुलाकात का वीडियो द सूत्र को भेजा गया है। इसमें पद बढ़ाने की मांग पर स्कूल शिक्षा मंत्री बोले यह आश्वासन नहीं दे सकता हूं, मदद करूंगा, अभी तो जलपान करके जाना।
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ओबीसी आरक्षण की बात कही मंत्री ने
मंत्री ने खुद कहा कि 18 हजार पद तो आरक्षण के कारण पाइपलाइन में हैं। हम ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देना चाहते हैं। लेकिन अभी कोर्ट के कारण रूकना पड़ रहा है, हम सुप्रीम कोर्ट भी जा रहे हैं। उन्होंने बात करते हुए कहा कि कोई ऐसा नहीं होगा जितना मैं लगा हूं, दो-दो बार मीटिंग कर रहा हूं। उधर, चयनितों ने कहा कि टॉप सात-आठ में होने के बाद भी कम पद होने के कारण नियुक्ति नहीं मिल रही है। पद बढ़ाए जाने चाहिए। हमारे 80-85 फीसदी अंक आ रहे है लेकिन पद नहीं होने से मतलब नहीं है। लेकिन मंत्री जी की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।
द सूत्र से बोले मंत्री- यह अधिकारी देखेंगे
वहीं द सूत्र ने सीधे मंत्री से बात की तो उन्होंने एक लाइन कहकर फोन रख दिया कि पद बढ़ोतरी को लेकर अधिकारी ही आपको बता सकेंगे, मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता हूं। वहीं अधिकारियों को मोबाइल पर संदेश दिए, बात करने की कोशिश की, लेकिन डीपीआई अनुभा श्रीवास्तव ने फोन नहीं उठाया और ना संदेश का जवाब दिया।
कम पदों के कारण मेरिट वालों को भी नियुक्ति नहीं
कम पदों के कारण हालत यह है कि कई विषयों में तो अनारक्षित और ओबीसी के लिए पद ही नहीं है। वहीं अन्य विषयों में इतने कम पद है कि मेरिट होल्डर टॉप टेन वालों को भी नियुक्ति के आसार नहीं है। सभी छात्र चयनित शिक्षक संघ (वर्ग 1) का गठन कर इन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
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इस बार मिले हैं सबसे ज्यादा योग्य क्योंकि दो बार हुई परीक्षा
शिक्षक वर्ग 1 के लिए चयन पात्रता परीक्षा औसतन पांच साल में सरकार एक बार लेती है। इसके पहले 2012, 2018 और अब 2023 में यह परीक्षा हुई है, यानि कि चुनावी साल में ही यह परीक्षा होती है। पहली बार यह परीक्षा दो चरणों में हुई है, इसलिए योग्यता की जांच का स्तर दोहरा था। इसमें पहले चयन पात्रता परीक्षा मार्च 2023 में और फिर चयन परीक्षा अगस्त 2023 में हुई। रिजल्ट फरवरी 2024 में आया, लेकिन ना तो अभी तक नियुक्ति हुई और ना ही इसमें पदों को लेकर बढ़ोत्तरी की जा रही है।
सरकार के मुताबिक ही 17 हजार सीधी भर्ती से होना है भर्ती
उम्मीदवारों की मांग है कि 20 हजार पदों की वृद्धि की जाए और 2018 की भर्ती प्रक्रिया में काउंसलिंग में खाली रहे 5935 पदों को भी इसमें शामिल किया जाए। मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र में एक दिसंबर 2022 के अनुसार उच्च माध्यमिक शिक्षक (वर्ग 1) के 34789 पद खाली है। इनमें से 50% यानी 17394 पद सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने है, लेकिन बताया जा रहा है कि सरकार वित्त की कमी के चलते यह पद नहीं भर रही है। उधर सरकार मंच से कहती है कि वित्त की कमी नहीं है।
8720 पद में भी 3668 तो बैकलॉग के ही है
अभी खाली 8720 पदों में से स्कूल शिक्षा विभाग के 7591 और ट्राइबल के 1129 पद है। इसमें भी कुल फ्रेश पद मात्र 5052 ही है, बाकी 3668 पद तो बैकलॉग के है। फ्रेश 5052 पद में भी 25 फीसदी यानि 1264 सीधे अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित है।
पदों की हालत देखिए, मेरिट वालों की भी नियुक्ति इसलिए नहीं
पदों की हालत 12 फरवरी को ईएसबी (कर्मचारी चयन मंडल) के जारी पत्र के आधार पर ही एक बार देखिए क्या है?
1- पद कोड टू हिंदी- 7 पद- सभी एसटी वर्ग में
2- पद कोड 4 अंग्रेजी- 606 पद जो एससी व एसटी वर्ग के, यानि बैकलॉग के, अनारक्षित, ओबीसी के लिए एक भी नहीं।
3- इसी तरह संस्कृत, गणति, उर्दू, जीव विज्ञान, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, इतिहास सहित कई विषयों में अनारक्षित, ओबीसी के लिए पद ही नहीं है।