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रावतपुरा इंस्टीट्यूट रायपुर के घूसकांड में सीबीआई के आरोपी नंबर 25 बने इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया को फिलहाल जेल जाने का भय सता रहा है। अपने गृह नक्षत्र ठीक कराने के लिए हाल ही में उन्होंने सीबीआई केस के बाद इंदौर के एक मंदिर में शनि पूजा और हवन किया था। अब वह नए कर्मकांड में भी लगे हैं।
पंडित ने बताया, जेल से बुलाकर खाओ रोटियां
द सूत्र को मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार शनि पूजा करने के बाद भी भदौरिया को जेल जाने का डर सता रहा है। एक बार पहले वह तिहाड़ जेल जा चुके हैं वह भी मेडिकल कॉलेज की मान्यता केस में हैं। अब नए केस में फंसने के बाद पंडित ने उनके जेल जाने के योग बताए हैं, साथ ही इससे बचने के उपाय भी। इसके तहत बताया गया है कि जेल से बुलाकर खाना खाओ। इसके बाद भदौरिया ने जेल में अपने संपर्कों और पहुंच के जरिए रोटियां बुलाना शुरू कर दिया है और वह अब यही खा रहे हैं।
10 करोड़ की कार में घूमने वाले भदौरिया के यह हाल
इंदौर की सबसे महंगी कार ब्रिटिश लग्जरी कार ब्रांड रॉल्स रॉयस की सुपर स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) कलिनन मप्र में भदौरिया के पास ही है जिसकी कीमत 10.50 करोड़ रुपए है। भारत में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के पास से इसे इंदौर के भदौरिया ने अगस्त 2022 में खरीदा था। यह सुपर लग्जरी कार है जिसके लिए भदौरिया ने आरटीओ से विशेष नंबर 0003 खरीदा था।
जेल जाने के योग हो तो लाल किताब के करते हैं उपाय
पंडित और ज्योतिष के जानकारों ने द सूत्र को बताया कि जेल जाने के योग दिखने पर दो तरह के उपाय बताए जाते हैं। पहला उपाय नक्षत्र पूजन का बताया जाता है जिसमें विविध गृह की शांति के लिए हवन, पूजन करते हैं।
दूसरा उपाय लाल किताब वाले होते हैं, जो तत्काल असर दिखाने वाले बताए जाते हैं। इसमें जेल से भोजन बुलाकर खाना, हाथी को मूली खिलाना जैसे कई तरह के उपाय उसकी कुंडली के हिसाब से बताए जाते हैं।
नक्षत्र पूजन के तहत भदौरिया पहले ही इंदौर के एलआईजी चौराहे के पास स्थिति उदयवीर हनुमान मंदिर परिसर में हवन कर चुके हैं और अब लाल किताब वाले उपाय भी कर रहा है।
इस तरह भदौरिया का राष्ट्रीय दलाली का था नेटवर्क
सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि केंद्रीय मंत्रालय के स्वास्थ्य मंत्रालय चंदन कुमार (इन्हें भी इस कांड में आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज हुई है) और मप्र के इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश भदौरिया की जमकर सांठगांठ थी। कुमार भदौरिया को हर गोपनीय जानकारी भेजते थे। सूत्रों के अनुसार यह जानकारी मान्यता संबंधी निरीक्षण टीम, सदस्यों की जानकारी, दौरा, रिपोर्ट आदि को लेकर होती थी। इसी जानकारी के आधार पर भदौरिया डील करते थे।
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रावतपुरा सरकार के साथ भदौरिया की सांठगांठ
इस पूरे कांड में रावतपुरा सरकार यानी रविशंकर महाराज मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आए हैं। यह भिंड (लहार) के हैं। इसी एरिया के भदौरिया भी है। भदौरिया के रावतपुरा सरकार से सालों से संबंध है। भदौरिया ने रावतपुरा के साथ संपर्कों का लाभ उठाया और धीरे-धीरे सरकारी सिस्टम में पैठ बना ली। वहीं रावतपुरा को भदौरिया के मेडिकल कॉलेजों से संपर्कों का लाभ हो रहा था। दोनों की इसी जुगलबंदी ने भदौरिया को मान्यता दिलाने के लिए राष्ट्रीय दलाल बना दिया और इसमें जमकर कमीशन खाया। एक-एक कॉलेज की मान्यता के लिए लाखों नहीं बल्कि दो से तीन करोड़ रुपए तक की डील हुई है। इसमें कमीशन खाया गया। राशि संबंधित को हवाला के जरिए पहुंचाई जाती थी।
भदौरिया ने घोस्ट फैकल्टी के लिए क्लोन फिंगर इंप्रेशन बनाए
भदौरिया को लेकर सीबीआई की रिपोर्ट में है कि इंडेक्स ग्रुप में चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग, फार्मेसी, पैरामेडिकल साइंसेज और प्रबंधन में शिक्षा देने वाले संस्थान शामिल हैं, जो शैक्षणिक वर्ष 2015-16 से मालवांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। भदौरिया मालवांचल विश्वविद्यालय का संचालन करने वाली मूल संस्था मयंक वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं। भदौरिया द्वारा इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, इंदौर में डॉक्टरों और कर्मचारियों को अस्थायी आधार पर नियुक्त किया। लेकिन कॉलेज की मान्यता के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की न्यूनतम मानक आवश्यकताओं (MSR) को पूरा करने के लिए उन्हें गलत तरीके से स्थाई फैकल्टी बताया। इसके लिए आधार सक्षम बायोमेट्री उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) के तहत बायोमेट्रिक उपस्थिति में हेरफेर करने के लिए इन व्यक्तियों के कृत्रिम क्लोन फिंगर इंप्रेशन बनाने तक के काम किए।
भदौरिया दे रहे हैं फर्जी पीएचडी, ग्रेजुएशन डिग्रियां
सीबीआई यहीं तक नहीं रूकी। यह भी खुलासा किया गया है कि भदौरिया अपने करीबी सहयोगियों की मदद से मालवांचल विश्वविद्यालय और उससे जुड़े संस्थानों के माध्यम से कई तरह की अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इन गतिविधियों में अक्सर अयोग्य उम्मीदवारों को फर्जी स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की डिग्री जारी करना शामिल है। स्वास्थ्य मंत्रालय के राहुल श्रीवास्तव और चंदन कुमार सभी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार से जुड़े अधिकारी रिश्वत के बदले में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण, नवीनीकरण और अनुमोदन पत्र (10 ए) जारी करने के काम में शामिल है।
अधिकारी कैसे कर रहे थे भदौरिया को मदद
स्वास्थ्य मंत्रालय के आरोपी अधिकारी विभाग के भीतर गोपनीय फाइलों का पता लगाकर और उन पर नज़र रखकर अपने आधिकारिक अधिकार का दुरुपयोग कर रहे थे। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई आंतरिक टिप्पणियों और टिप्पणियों की अवैध रूप से तस्वीरें खींच रहे निजी व्यक्तियों और मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों के साथ साझा किया जा रहा था। इसमें भदौरिया भी शामिल है।
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