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पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय जबलपुर में बुधवार शाम को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अचानक छापेमारी की। CBI ने मुख्यालय के स्टोर और इंजीनियरिंग विभाग में जांच की और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई विभाग में गड़बड़ी की शिकायत के बाद की गई थी। सीबीआई ने सामग्री प्रबंधक अशोक कुमार और स्टेनो शैलेंद्र कुमार से देर रात तक पूछताछ की।
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CBI का पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय पर छापा
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय में अचानक छापेमारी की। इस दौरान पूरे कार्यालय में खलबली मच गई और जल्द ही जबलपुर से दिल्ली तक इस कार्रवाई की खबर फैल गई। सीबीआई के अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के मुख्यालय पहुंचे और अपनी जांच शुरू की। सुरक्षा गार्ड से बात करने के बाद, सीबीआई की टीम ने सीधे कार्यालय के अंदर प्रवेश किया और कार्रवाई शुरू की।
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WCR के विभागों में गड़बड़ी की शिकायत
सीबीआई को सूत्रों से जानकारी मिली थी कि पश्चिम मध्य रेलवे के स्टोर और इंजीनियरिंग विभागों में गड़बड़ी हो रही थी। इसी शिकायत के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की। उन्होंने इंजीनियरिंग विभाग के भंडार शाखा में जाकर खरीदी गई सामग्रियों और निविदा प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेजों की छानबीन की। सीबीआई ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए, जो इन विभागों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के संकेत देते हैं।
सीबीआई की पूछताछ से अहम जानकारी हासिल हुई
सीबीआई ने पश्चिम मध्य रेलवे के भंडार शाखा के मुख्य सामग्री प्रबंधक (सीएमएम) अशोक कुमार और स्टेनो शैलेंद्र कुमार से लंबी पूछताछ की। पूछताछ देर रात तक चली, और अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई को महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। यह पूछताछ बंद कमरे में की गई थी, जिससे अन्य कर्मचारी और अधिकारी किसी भी जानकारी से अनजान रहे।
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लोगों के आने-जाने पर रोक
सीबीआई की टीम ने पूरे कार्यालय में अन्य लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी और पूछताछ शुरू की। कर्मचारियों से एक-एक करके पूछताछ की गई। कार्यालय में कर्मचारियों की छुट्टी होने के बाद भी सीबीआई की टीम जांच करती रही। इस दौरान मुख्यालय परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। सीबीआई के अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई जारी रखी, जिससे रेलवे कार्यालयों में अफरा-तफरी का माहौल था।
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अधिकारियों को भी नहीं थी जानकारी
इस छापे के दौरान, जबलपुर मंडल के अधिकारी और रेलवे के अन्य कर्मचारी इस कार्रवाई से अंजान रहे। कई अधिकारियों को यह चिंता थी कि सीबीआई कभी भी उनके कार्यालयों में भी छापेमारी कर सकती है। हालांकि, सीबीआई और रेलवे अधिकारियों ने इस कार्रवाई को लेकर कोई बयान नहीं दिया और न ही किसी प्रकार की जानकारी साझा की।
हेल्थ इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी से जुड़ा मामला
सीबीआई की यह कार्रवाई हाल ही में इटारसी में गिरफ्तार किए गए हेल्थ इंस्पेक्टर हरिमोहन मीणा के मामले से जुड़ी हुई मानी जा रही है। हेल्थ इंस्पेक्टर को रेलवे स्टेशन पर साफ-सफाई के पेंट्री कांट्रैक्टर के बिल पास करने के एवज में 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। यह मामला सीबीआई द्वारा की जा रही जांच का हिस्सा हो सकता है, जो पश्चिम मध्य रेलवे में भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।