ऑर्डिनेंस फैक्ट्री जबलपुर में CBI की दबिश, भ्रष्टाचार के आरोप में डीजीएम दीपक लांबा पर शिकंजा

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री जबलपुर में सीबीआई ने DGM दीपक लांबा के घर और ऑफिस पर छापा मारा। लांबा पर आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार करते हुए सरकारी ठेकों में हेराफेरी की और अपने चचेरे भाई के नाम पर कंपनी बनाई।

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Neel Tiwari
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Photograph: (thesootr)

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ऑर्डिनेंस फैक्ट्री जबलपुर (OFJ) में मंगलवार शाम सीबीआई की टीम ने बड़ी कार्रवाई की। टीम ने DGM दीपक लांबा के निवास और कार्यालय पर दबिश दी। लांबा पर आरोप है कि नागपुर स्थित आयुध निर्माणी (पूर्व में गन कैरिज फैक्ट्री) में पदस्थ रहने के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। सीबीआई पहले ही उनके खिलाफ FIR दर्ज कर चुकी है और अब जांच के दायरे को और आगे बढ़ाया जा रहा है।

रिश्तेदार के नाम बनाई कंपनी

सीबीआई की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि लांबा ने अपने चचेरे भाई मोहित ठोलिया के नाम पर ऑटोमेशन इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल सर्विसेज नामक कंपनी बनाई थी। आरोप है कि सरकारी ठेके हासिल करने के लिए निविदा शर्तों में हेराफेरी की गई और फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए गए। इसके जरिए ठोलिया की फर्म को लाभ पहुंचाया गया और सरकारी खजाने को लाखों रुपए का नुकसान हुआ।

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नागपुर से जबलपुर तक फैला भ्रष्टाचार का जाल

यह पूरा मामला नागपुर स्थित यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL) से जुड़ा हुआ है। वहां पदस्थ रहते हुए लांबा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर फर्म को टेंडर दिलवाए। इस मामले की शिकायत नागपुर स्थित वाईआईएल के उप मुख्य सतर्कता अधिकारी डी.के.टी. गुप्ता ने की थी, जिसके बाद सीबीआई ने 25 अगस्त को एफआईआर दर्ज की। जांच में लांबा और उनके परिवार के सदस्यों भाई, पत्नी, बहन और मां के बैंक खातों में संदिग्ध लेन-देन का खुलासा भी हुआ है।

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चार जगहों पर सीबीआई की छापेमारी

सीबीआई की टीम ने जबलपुर और नागपुर सहित चार स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले हैं। अधिकारियों को आशंका है कि इस गड़बड़ी में आयुध निर्माणी के अन्य अधिकारी और बाहरी लोग भी शामिल हो सकते हैं।

सीबीआई ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 468 और 471 (जालसाजी और जाली दस्तावेजों का उपयोग) सहित भारतीय न्याय संहिता 2023 की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

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जबलपुर में सीबीआई अधिकारीयों का डेरा

सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीम अभी जबलपुर में रुके हुए है और डीजीएम दीपक लांबा से लगातार पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसी इस पूरे नेटवर्क की गहन पड़ताल कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि भ्रष्टाचार के इस खेल में और कौन-कौन शामिल रहा है।

अब यह मामला न केवल जबलपुर बल्कि देशभर की आयुध निर्माणियों में फैले भ्रष्टाचार के नेटवर्क पर गंभीर सवाल खड़े करता है। बल्कि सीबीआई की कार्रवाई आने वाले दिनों में और बड़े खुलासों की ओर इशारा कर रही है।

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