लोन के बदले लेता था रिश्वत : सेंट्रल बैंक के असिस्टेंट मैनेजर पर ED का शिकंजा, अवैध संपत्ति जब्त

भोपाल में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के असिस्टेंट मैनेजर वसंत पावसे पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप लगा है। ED की जांच में खुलासा हुआ कि पावसे ने अपने पद का दुरुपयोग कर 1.58 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की।

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Sourabh Bhatnagar
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ईडी का एक्शन
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भोपाल में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) की अरेरा हिल्स ब्रांच के असिस्टेंट मैनेजर वसंत पावसे पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Prevention of Money Laundering Act - PMLA) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। वसंत पावसे पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 1.58 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की है।

ED की जांच के प्रमुख निष्कर्ष

जांच में यह पाया गया कि वसंत पावसे ने अपने पद का गलत फायदा उठाते हुए पार्टियों को लोन मंजूर करने के लिए रिश्वत ली। इसके अलावा, उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर फर्जी हस्ताक्षर किए और धोखाधड़ी की। पावसे ने पत्नी और बेटे के नाम पर बैंक खाते खोले और इनमें अवैध धन जमा किया। इस अवैध कमाई का उपयोग उन्होंने प्रॉपर्टी (Property), बीमा पॉलिसी (Insurance Policy), शेयर (Shares), म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) और ज्वेलरी (Jewelry) खरीदने में किया।

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कानूनी कार्रवाई

ED ने 24 सितंबर को स्पेशल कोर्ट (Special Court) में प्रोसिक्यूशन कम्प्लेंट (Prosecution Complaint) दायर की थी, जिसे कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। अब तक की जांच में ED ने 1.58 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त की है, और आगे की जांच जारी है। वसंत पावसे ने बैंक के नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध तरीके से धन अर्जित किया, जो मनी लॉन्ड्रिंग के अंतर्गत आता है।

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मनी लॉन्ड्रिंग का तरीका

वसंत पावसे ने न केवल नकद रिश्वत ली, बल्कि उसने बैंक के आवेदन पत्रों और चेक पर फर्जी दस्तखत भी किए। अपने और परिवार के नाम पर खाते खोलकर वह इन खातों में अवैध पैसा जमा करता था। इसके बाद इन पैसों का उपयोग संपत्ति खरीदने में किया। इस प्रकार, पावसे ने बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की, जिसे ED की टीम ने पकड़ लिया।

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