वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली ने किताब में उतारी चंबल की संस्कृति और समृद्ध विरासत

देव श्रीमाली की नई किताब चंबल-संस्कृति और विरासत चंबल के इतिहास, लोक संस्कृति, और परंपराओं की गहरी समझ देती है। यह किताब इस क्षेत्र की समृद्ध विरासत और असल पहचान को उजागर करती है, जो आमतौर पर छुपी रहती है।

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Amresh Kushwaha
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BHOPAL. चंबल को लेकर आम धारणा अक्सर बीहड़ों और अपराध की कहानियों तक सिमट जाती है, लेकिन अब एक नई किताब इस क्षेत्र की असली पहचान, परंपराओं और इतिहास को सामने ला रही है।

वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली की लिखी पुस्तक ‘चंबल-संस्कृति और विरासत’ हाल ही में नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित होकर पाठकों के बीच पहुंच चुकी है। यह किताब चंबल अंचल के उन पक्षों पर रोशनी डालती है, जिनकी चर्चा आमतौर पर कम होती रही है। 

63 वर्षीय श्रीमाली ने पत्रकारिता के लंबे अनुभव के साथ चंबल को करीब से देखा और समझा है। उनकी पुस्तक का सबसे मजबूत पक्ष यह है कि यह किसी एक विषय की सतही जानकारी नहीं, बल्कि पूरे अंचल का व्यवस्थित दस्तावेज है।

किताब की शुरुआत चंबल नदी के प्राकृतिक स्वरूप से होती है, जहां जैव विविधता, दुर्लभ जल जीव, घाटों की संस्कृति और नदी आधारित जीवन शैली का विस्तार से वर्णन मिलता है।

आगे के अध्यायों में यहां की लोक कथाएं, देवी-देवताओं से जुड़ी गाथाएं, पारंपरिक पोशाक, संगीत-नृत्य, मेले, रीति-रिवाज और बोलचाल की जुबान का सजीव चित्रण किया गया है।

सीएम भोपाल में करेंगे विमोचन 

किताब का विमोचन 1 दिसंबर शाम 5 बजे विधानसभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में होगा। मध्‍य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल इसका लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर चंबल से जुड़े इतिहासकार, साहित्यकार, पत्रकार और कई सामाजिक प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

इतिहास पर किया फोकस 

किताब ‘चंबल- संस्कृति और विरासत’ बताती है कि चंबल का अतीत महाभारत काल से लेकर आधुनिक इतिहास तक कितनी समृद्ध धाराओं से जुड़ा रहा है। यह किताब उन पाठकों के लिए खास है, जो किसी इलाके को घटनाओं से नहीं, उसकी संस्कृति, लोक जीवन और ऐतिहासिक धरोहरों से समझना चाहते हैं। आने वाले समय में यह किताब चंबल अंचल पर शोध, पर्यटन, सांस्कृतिक विमर्श और क्षेत्रीय पहचान के दस्तावेजीकरण में अहम स्रोत के रूप में देखी जा रही है।

चंबल-संस्कृति और विरासत की किताब पर एक नजर...

  • वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली की किताब 'चंबल-संस्कृति और विरासत' हाल ही में नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित हुई है, जो चंबल क्षेत्र की असली पहचान, परंपराओं और इतिहास को उजागर करती है।

  • किताब में चंबल नदी की जैव विविधता, दुर्लभ जल जीव, घाटों की संस्कृति और नदी आधारित जीवन शैली का विस्तार से वर्णन किया गया है।

  • पुस्तक में चंबल की लोक कथाएं, देवी-देवताओं से जुड़ी गाथाएं, पारंपरिक पोशाक, संगीत-नृत्य, मेले, रीति-रिवाज और बोलचाल की जुबान का सजीव चित्रण किया गया है।

  • किताब का विमोचन 1 दिसंबर को विधानसभा परिसर में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल मौजूद रहेंगे।

  • यह किताब चंबल के इतिहास, संस्कृति और विरासत पर शोध, पर्यटन और क्षेत्रीय पहचान के दस्तावेजीकरण में अहम स्रोत बन सकती है।

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सीएम मोहन यादव नरेंद्र सिंह तोमर चंबल नदी देव श्रीमाली हेमंत खंडेलवाल चंबल-संस्कृति और विरासत
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