खाकी की आड़ में कैदियों से हो रही वसूली, जेल में बिक रहा गुटखा-बीड़ी, वीडियो वायरल

छतरपुर जिला जेल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में महिला जेल प्रहरी कैदियों से वसूली करती दिखाई दे रही है। पूरा मामला जानने के लिए खबर आखिरी तक पढ़िए...

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Aman Vaishnav
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छतरपुर जेल में वसूली का खेल

👉 छतरपुर जिला जेल से कैदियों से वसूली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

👉 महिला प्रहरी पुष्पा अहिरवार पर जेलर का एजेंट होने का आरोप लगा।

👉 जेल के अंदर बीड़ी, गुटखा और सफाई के नाम पर वसूली का दावा है।

👉 डीआईजी अखिलेश तोमर ने जेल पहुंचकर मामले की जांच शुरू की।

👉 जेलर ने वीडियो को पुराना बताते हुए ब्लैकमेलिंग की बात कही है।

छतरपुर जिला जेल इन दिनों चर्चा में है। जेल के अंदर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कैदियों से पैसे लेने के आरोप लगे हैं। खबर मिलते ही जेल विभाग के आला अधिकारी सक्रिय हो गए।

जेल डीआईजी अखिलेश तोमर ने तुरंत जेल का दौरा किया। उन्होंने वहां कैदियों और स्टाफ से पूछताछ की। फिलहाल पूरे मामले की बारीकी से जांच चल रही है।

वायरल वीडियो में क्या दिखा?

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो (Viral Video) में एक महिला प्रहरी नजर आ रही हैं। उनका नाम पुष्पा अहिरवार बताया जा रहा है। वीडियो में वह जेल की कैंटीन में बैठी हुई हैं। उनके पास एक युवक पैसों को लेकर मोलभाव कर रहा है। आरोप है कि वह युवक से किसी सुविधा के बदले पैसे मांग रही हैं। वीडियो में महिला प्रहरी पैसे लेकर अपने बैग में रखती दिखती हैं।

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हर काम के लिए तय है मोटी रकम?

वायरल वीडियो के साथ कुछ चौंकाने वाले दावे भी किए गए हैं। आरोप के हिसाब से जेल में हर सुविधा का एक रेट फिक्स है।

  •  नए कैदियों से झाड़ू न लगवाने के लिए 5 हजार मांगते हैं।

  • टॉयलेट में पानी न डालने के बदले भी पैसे लिए जाते हैं।

  • कैंटीन का सामान एमआरपी से 50% ज्यादा दाम पर मिलता है।

  • गुटखा और बीड़ी का एक बंडल 250 रुपए में बिकता है।

  • नामदार कैदियों से 10 से 50 हजार तक की मांग होती है।

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जेलर ने सफाई में क्या कहा?

छतरपुर जेलर दिलीप सिंह जाटव ने इन आरोप को नकारा है। उन्होंने बताया कि यह वीडियो करीब 4 से 5 महीने पुराना है। जेलर के मुताबिक, महिला प्रहरी सिर्फ कैंटीन के पैसे ले रही थी।

जेल के नियमों के तहत कैदी कैंटीन कार्ड में पैसे जमा करते हैं। पहले यह सीमा 1500 रुपए थी, जो अब 2 हजार रुपए हो गई है। जेलर ने इसे ब्लैकमेलिंग का मामला बताया है।

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डीआईजी ने की जांच 

वीडियो वायरल होते ही डीआईजी अखिलेश तोमर छतरपुर जेल पहुंचे। उन्होंने जेल परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने कैंटीन के रिकॉर्ड और स्टॉक की जांच भी की है।

डीआईजी ने कहा कि वीडियो की सही या गलत की जांच की हो रही है। कोई दोषी पाया गया, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी। विभाग यह पता लगा रहा है कि वीडियो किसने और क्यों बनाया। 

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भ्रष्टाचार या साजिश?

महिला प्रहरी पुष्पा अहिरवार साल 2014-15 से जेल विभाग में कार्यरत हैं। पिछले कई महीनों से वह कैंटीन की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें बड़े अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। हालांकि, जेल प्रशासन ने इन बातों को पूरी तरह गलत बताया है।

यह भी देखा जा रहा है कि वीडियो अभी ही क्यों वायरल हुआ? क्या इसके पीछे जेल के ही किसी स्टाफ का हाथ है? इन सभी पहलुओं पर विभाग की जांच टीम काम कर रही है। Madhya Pradesh News 

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