दोबारा हाईकोर्ट पहुंचेगा एमपी में अवैध फीस वसूली का मामला, पुराने आदेश से आहत पेरेंट्स एसोसिएशन ने की तैयारी

मध्य प्रदेश में पेरेंट्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने की घोषणा की। वे कहते हैं कि सरकारी पक्ष ठीक से प्रस्तुत नहीं किया गया था, जिससे अभिभावकों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ।

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Neel Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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JABALPUR.मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में निजी स्कूलों को राहत देते हुए एक आदेश दिया था। लेकिन इस आदेश से अभिभावक पूरी तरह से असहमत हैं। मध्य प्रदेश पेरेंट्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई। एसोसिएशन ने कहा कि यह बच्चों और माता-पिता के अधिकारों के खिलाफ है। संगठन ने यह स्पष्ट किया कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील और नई याचिका दायर करने की तैयारी कर रहा है।

सरकार का पक्ष कमजोर पड़ा

पेरेंट्स एसोसिएशन का आरोप है कि सरकारी अधिवक्ताओं ने कोर्ट में पूरी मजबूती से अपना पक्ष नहीं रखा। उनका कहना है कि मध्य प्रदेश स्कूल फीस विनियम अधिनियम, 2017 की सही व्याख्या नहीं की गई, जिसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ा। इससे यह स्थिति पैदा हुई कि कोर्ट ने निजी स्कूलों के पक्ष में फैसला दे दिया, जबकि सरकार का पक्ष सही तरीके से पेश नहीं किया गया।

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हाईकोर्ट ने मांगे था एसोसिएशन के दस्तावेज

इससे पहले हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान एक महत्वपूर्ण बात भी सामने आई थी। डिविजनल बेंच द्वारा सुनवाई में पेरेंट्स एसोसिएशन से उसके रजिस्ट्रेशन से संबंधित दस्तावेज मांगे गए थे। तब यह स्पष्ट हुआ था कि संगठन का विधिवत रजिस्ट्रेशन नहीं है। कोर्ट ने इस पर मौखिक टिप्पणी करते हुए इसे स्वघोषित संगठन बताया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी एसोसिएशन ने यह स्वीकार किया कि संस्था अभी तक रजिस्टर्ड नहीं है।

अब रजिस्ट्रेशन करवाएगी पेरेंट्स एसोसिएशन

एसोसिएशन की ओर से यह कहा गया कि अब वह पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगे। इसके बाद पुनः हाई कोर्ट में नई याचिका दायर करेंगे। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की अपील पर सुनवाई करते हुए इन स्कूलों के खिलाफ की गई कार्यवाही को निरस्त कर दिया था। मौखिक टिप्पणी में कहा था कि यदि अभिभावक निजी स्कूलों में बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहते तो वे सरकारी स्कूलों का विकल्प चुन सकते हैं।

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हाईकोर्ट के फैसले से अभिभावक आहत

इस पूरे घटनाक्रम के बाद एक और यह बात सामने आई है कि हाईकोर्ट के फैसले से अभिभावक आहत है। मध्यप्रदेश सरकार पर भी सही ढंग से अपना पक्ष ना रख पाने के आरोप लगे हैं। लंबे समय से स्कूलों के खिलाफ आंदोलन और कानूनी लड़ाई लड़ रही पेरेंट्स एसोसिएशन अब तक रजिस्ट्रेशन के बिना ही संचालित हो रही थी। अब संस्था के रजिस्ट्रेशन के बाद यह मामला दोबारा हाईकोर्ट पहुंचेगा। 

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