जबलपुर में करोड़ों का घोटाला, पूर्व DPM विजय पांडे पर आरोप, दो साल की खरीदी का रिकॉर्ड गायब

जबलपुर NHM में करोड़ों का बड़ा घोटाला सामने आया है। पूर्व DPM विजय पांडे पर भ्रष्टाचार और रिकॉर्ड गायब करने के गंभीर आरोप हैं। 2023-25 के बीच की गई सरकारी खरीदारी का स्टॉक रजिस्टर और रिकॉर्ड जांच टीम के पहुंचने से पहले ही मिटा दिया गया।

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Neel Tiwari
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JABALPUR helth dipartment gavan case

Photograph: (the sootr)

JABALPUR..जबलपुर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने ऐसी गड़बड़ी की है, जिससे राज्य स्तरीय जांच दल भी चौंक गया। यहां नेशनल हेल्थ मिशन के तहत की गई करोड़ों की खरीदी और डिस्ट्रीब्यूशन का रिकॉर्ड गायब कर दिया गया। उसके बाद भी पूरा विभाग सिर्फ मामले को दबाने की कोशिश में लगा हुआ है।

जबलपुर स्वास्थ्य विभाग के पास बीते दो वित्तीय वर्षों 2023-24 और 2024-25 में की गई करोड़ों की खरीदी और डिस्ट्रीब्यूशन का कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है। इस मामले की पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि बीते दो सालों में जिस GEM आईडी से ऑर्डर प्लेस और अप्रूव किए गए वह आईडी ही फर्जी थी। 

जांच दल ने मांगे रिकॉर्ड तो रजिस्टर गायब

बीते 13 और 14 नवंबर को जबलपुर में राज्य स्तरीय जांच दल पहुंचा था। स्वास्थ्य विभाग में खरीद फरोख्त में भ्रष्टाचार के लगातार लग रहे आरोपों के तहत यह जांच चल रही है। लेकिन जब टीम के द्वारा यह रिकार्ड मांगा गया। तो इस रिकॉर्ड को अपडेट करने वाले DDC फार्मासिस्ट निशांक कुमार तिवारी ने यह रिकार्ड पेश ही नहीं किया।

विभागीय सूत्रों की माने तो यह रिकॉर्ड सामने आने से पूर्व DPM (डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर) सहित बड़े अधिकारी भी भ्रष्टाचार के आरोपी बन जाते। इसलिए ही मिलीभगत कर इस पूरे रिकॉर्ड को ही गायब करवा दिया गया। 

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नए DPM को प्रभार के साथ नहीं मिला रिकॉर्ड 

पूर्व DPM विजय पांडे की नियुक्ति पर सवाल खड़े होने और जांच के चलते उन्हें उनके मूल पद पर वापस भेजा गया था। इसके बाद जिला प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर आदित्य तिवारी की पदस्थापना हुई। द सूत्र ने जब आदित्य तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि जब से उन्होंने प्रभार लिया है तब से ही यह रिकॉर्ड नहीं मिला।

DPM आदित्य तिवारी ने बताया कि इस रजिस्टर में सरकार के द्वारा आवंटित बजट के अंतर्गत की गई खरीदारी और डिस्ट्रीब्यूशन की जानकारी होती है। बीते 2 सालों में यह रकम कई करोड़ के ऊपर की है।

हालांकि उन्होंने रजिस्टर मेंटेन करने वाले कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किए जाने की बात की। लेकिन कारण बताओं नोटिस जारी होने के एक माह बीतने के बाद भी दोबारा नोटिस जारी करने की ही बात वह कर रहे हैं। 

पूर्व DPM ने बनवा ली थी खुदकी GEM आईडी

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि पूर्व DPM विजय पांडे ने नियम विरुद्ध जाकर खुद की GEM आईडी बनवा ली थी। स्वास्थ्य विभाग के आर्डर प्लेस करने और अप्रूव करने के लिए सीएमएचओ स्टोर की GEM आईडी उपयोग की जाती है।

लेकिन बीते 2 सालों से पूर्व DPM मनमर्जी से आर्डर प्लेस भी कर रहे थे और अप्रूव भी कर रहे थे। पारदर्शिता बरतने के लिए बनाए गए GEM पोर्टल के जरिए ही शासन को करोड़ों का चूना लगाने के आरोप लग रहे हैं। वर्तमान जिला प्रोग्राम मैनेजर आदित्य तिवारी ने बताया कि उन्होंने इस नियम विरुद्ध बनाई गई आईडी को बंद करवा दिया है।

अधिकारियों की चुप्पी पर खड़ा हुआ सवाल

सालों से चल रही इस गड़बड़ी और रिकॉर्ड के गायब हो जाने पर भी कोई कार्यवाही ना होने से अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सालों से सीएमएचओ स्टोर आईडी की जगह यदि किसी अन्य आईडी से ऑर्डर प्लेस हो रहे थे तो आखिर यह किसी जिम्मेदार अधिकारी या सीएमएचओ की नजर में क्यों नहीं आया।

जांच दल के सामने रिकॉर्ड पेश न करने के बाद CMHO संजय मिश्रा ने आरोपी कर्मचारी निशांक कुमार तिवारी को कारण बताओं नोटिस जारी किया। 26 नवंबर को जारी इस कारण बताओ नोटिस में 3 दिन का समय दिया गया था। लेकिन लगभग एक माह पूरा होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। मामले को दबाने के लिए की जा रही कोशिश खुद अधिकारियों पर भी सवाल खड़े कर रही है।

NHM सलोनी सडाना का नहीं आया जवाब

इस मामले में हमने नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर सलोनी सडाना से भी जानकारी लेनी चाहिए। सलोनी सडाना का फोन रिसीव नहीं हुआ जिसके बाद उन्हें आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ जारी कारण बताओं नोटिस के साथ ही मामले की जानकारी हमारे द्वारा दी गई है लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है।

DMP करें कार्यवाही प्रस्तावित: CMHO

जबलपुर सीएमएचओ संजय मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि यह संविदा कर्मी DPM के अधीनस्थ आते हैं। उन्होंने कहा कि डीपीएम यदि प्रस्तावित करेंगे तो कार्यवाही की जाएगी। अब इस मामले में कार्यवाही प्रस्तावित करने के लिए DMP को कौन ये निर्देश देगा यह अब भी समझ से परे है। जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग के मुखिया पद पर बैठे सीएमएचओ भी इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं। 

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विजय पांडे कर चुके हैं मानहानि का दावा

बीते दिनों विधानसभा में तत्कालीन DPM विजय पांडे की मार्कशीट से लेकर नियुक्ति तक पर सवाल खड़ा हुआ था। कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने विजय पांडे की फर्जी मार्कशीट के आरोपों में सरकार को भी घेरा था। इसके बाद विजय पांडे ने कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और लखन घनघोरिया के खिलाफ जबलपुर जिला न्यायालय में मानहानि का प्रतिवाद भी दायर कर दिया था।

कांग्रेस लगातार यह आरोप लगा रही है कि जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को सरकार का संरक्षण है। अब विजय पांडे इस फर्जीवाड़े और इसकी जांच में आरोपी सिद्ध होते हैं या फिर बच निकलते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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