अपराधों को रोकने में नाकाम जबलपुर पुलिस, पनागर में ज्वेलर्स को गोली मारकर लाखों की लूट

जबलपुर में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पनागर थाना क्षेत्र में नकाबपोश बदमाशों ने ज्वेलर्स की दुकान पर हमला कर लाखों की लूट को अंजाम दिया। पुलिस की नाकामी ने इलाके के व्यापारियों में डर और असुरक्षा पैदा कर दी है।

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Neel Tiwari
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Jabalpur jewellars loot metter

Photograph: (the sootr)

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JABALPUR. जबलपुर में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। पुलिस इन्हें रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। सिहोरा बैंक लूट और फिर रेत व्यापारी की हत्या के बाद भी जबलपुर पुलिस अपराधियों पर लगाम नहीं कस पा रही है। ताजा मामला पनागर थाना क्षेत्र का है।

यहां नकाबपोश बदमाशों ने दिनदहाड़े भूरा ज्वेलर्स में घुसकर कट्टे से फायरिंग करते हुए लूट की वारदात को अंजाम दिया। बदमाश तीन थैलों में भरे आभूषण लेकर फरार हो गए। घटना से पूरे पनागर बाजार में दहशत का माहौल बन गया।

दुकान संचालक को मारी गोली, बेटे पर चाकू से हमला

वारदात के दौरान ज्वेलर्स सुनील सोनी को बदमाशों ने गोली मार दी, जो उनकी कमर में लगी। उनके बेटे संभव सोनी पर चाकू से हमला किया गया। लहूलुहान हालत में पिता–पुत्र को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलते ही पनागर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने की कार्रवाई शुरू की गई है।

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50 लाख से ऊपर की लूट

व्यापारियों से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लुटेरे 900 ग्राम सोना और 20 किलो चांदी लेकर फरार हुए हैं। आकंलन के मुताबिक सोने की कीमत करीब 12 लाख 6 हजार रुपए और चांदी की कीमत लगभग 42 लाख 20 हजार रुपए बताई जा रही है। कुल मिलाकर 54 लाख रुपए से अधिक की लूट ने इलाके की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।

क्षेत्र में लगातार वारदातें, पुलिस सुरक्षा की खुली पोल

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सिहोरा और पनागर थानों के बीच महज 20 से 25 किलोमीटर की दूरी है। सिहोरा में एक ओर बीते दिनों हुई 15 करोड़ की बैंक लूट का पूरा माल अब तक बरामद नहीं हो पाया। दूसरी ओर उसी क्षेत्र में रेत व्यापारी की हत्या हो चुकी है। इसके बावजूद पनागर में ज्वेलर्स से यह बड़ी लूट हो जाना पुलिस की गश्त, खुफिया तंत्र और सतर्कता पर सवाल खड़े करता है।

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पूरे क्षेत्र के व्यापारियों में दहशत

लूट की घटना के बाद पनागर बाजार में सनसनी फैल गई। कई दुकानदारों ने एहतियातन शटर गिरा दिए। व्यापारियों का कहना है कि लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं के बावजूद पुलिस की मौजूदगी केवल कागज़ों तक सीमित है।

फिलहाल पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश तेज करने का दावा किया है। सवाल यही है कि जब एक के बाद एक बड़ी वारदातें हो रही हैं, तो आखिर पुलिस क्या कर रही है?

आपको बता दें कि जबलपुर पुलिस कंट्रोल रूम से रोजाना ऐसे मैसेज आते हैं। इसमें पुलिस दावा करती है कि उन्होंने 36 से लेकर 140 तक वारंटी पकड़ लिए। लेकिन धरातल पर अपराधों को कंट्रोल करने में जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय सहित पूरी टीम नाकामयाब साबित हो रही है।

उंगलियों में गिने जाने वाले थानों को यदि छोड़ दें, तो जबलपुर में कोई भी ऐसा थाना नहीं है जिसने अपराधों का सच में नियंत्रण किया हो। पूरी जबलपुर पुलिस सिर्फ कागजी दावों पर चल रही है।

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