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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर सीधा हमला बोला है। पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है, जबकि जमीनी हकीकत में किसान बदहाली झेल रहा है।
किसानों का हाल बेहाल
सचिन यादव ने मध्यप्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की नीतियों ने किसानों की कमर तोड़ दी है। न फसल का सही दाम मिल रहा है और न ही सरकारी खरीदी की गारंटी। उन्होंने कहा कि खेती आज भी जोखिम भरा सौदा बनी हुई है।
बिजली और खरीदी पर वादे हवा-हवाई
कांग्रेस नेता का कहना है कि भाजपा की मोहन सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को 10 घंटे बिजली देने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में अघोषित कटौती जारी है। सोयाबीन की सरकारी खरीदी बंद कर दी गई और भावांतर जैसी योजनाएं किसानों के लिए नुकसान का सौदा बन गईं।
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एमएसपी के बड़े वादे, छोटे नतीजे
सचिन यादव ने कहा कि भाजपा ने गेहूं 2700 रुपए और धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने का वादा किया था। लेकिन न तो ये दरें लागू हुईं और न ही खरीदी की कोई ठोस गारंटी दी गई।
खाद संकट और मारपीट के आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश में किसानों को समय पर खाद नहीं मिल रही। खाद मांगने पर किसानों के साथ मारपीट तक की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में गुणवत्ताहीन खाद वितरण के मामले में देश में तीसरा और गलत तरीके से खाद बांटने में दूसरा स्थान है।
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लोकसभा के आंकड़ों का हवाला
सचिन यादव ने स्पष्ट किया कि खाद से जुड़े ये आंकड़े कांग्रेस के नहीं, बल्कि लोकसभा में पेश आधिकारिक आंकड़े हैं। उनका कहना है कि सरकार सच्चाई से आंखें मूंद रही है
कांग्रेस बनाम भाजपा: किसान केंद्र में
कांग्रेस नेता ने कहा कि कमलनाथ सरकार की नीतियों में किसान सबसे ऊपर था। 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण, किसानों का कर्ज माफ करना और खेती को संरक्षण देना उनकी सरकार की प्राथमिकता थी।
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कमलनाथ सरकार की योजनाएं गिनाईं
सचिन यादव ने पूर्ववर्ती सरकार की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि जय किसान ऋण मुक्ति योजना के तहत 2 लाख रुपए तक का फसल ऋण माफ किया गया। 10 एचपी तक के बिजली बिल आधे किए गए और प्याज किसानों के लिए प्रोत्साहन योजना लागू की गई।
नकली खाद-बीज पर कार्रवाई का दावा
उन्होंने बताया कि ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के तहत नकली खाद और बीज पर सख्त कार्रवाई हुई। साथ ही कृषि उपकरणों पर सब्सिडी बढ़ाई गई और गोशालाओं के निर्माण से फसलों और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
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किसान बनाम सरकार की नीतियां
कांग्रेस का आरोप है कि मौजूदा सरकार जश्न मना रही है, जबकि किसान आज भी बुनियादी सुविधाओं और उचित दाम के लिए संघर्ष कर रहा है। सवाल यही है कि सरकार के दो साल बाद भी किसानों की समस्याओं का समाधान कब होगा।
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