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छतरपुर में ईद मिलाद उन नबी के जुलूस का एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में ड्यूटी पर तैनात एसडीओपी नवीन दुबे और अन्य पुलिसकर्मी घोड़े पर सवार होकर धार्मिक झंडा लहरा रहे हैं। इस घटना ने स्थानीय समुदाय और अधिकारियों में सवाल उठाए हैं कि क्या ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का धार्मिक जुलूस में इस तरह से भाग लेना उचित है।
दिए गए जांच के आदेश
वीडियो के वायरल होने के बाद छतरपुर एसपी अगम जैन ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर चार दिन के भीतर जवाब देने का आदेश दिया। एसपी ने यह भी बताया कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद, छतरपुर के डीआईजी ललित शाक्यवार ने भी पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई और जांच के लिए एक टीम गठित की।
घोड़े पर सवार SDOP ने हाथ में इस्लामिक झंडा लेकिर लगाए नारा-ए-तकबीर के नारे... DIG ने लगाई फटकार, कारण बताओ नोटिस जारी #SDOP#IslamicFlag#NaraeTakbeer#DIGAction#PoliceControversy#PublicSafety#ReligiousSymbols#IndiaPolitics#PoliceDiscipline#ReligiousHarmony#PublicOrder… pic.twitter.com/ytJLWMEHaE
— TheSootr (@TheSootr) September 7, 2025
क्या है पूरा मामला ?
यह घटना शुक्रवार, 5 सितंबर को ईद मिलाद उन नबी जुलूस में घटित हुई। जब मुस्लिम समुदाय ने पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब की यौम-ए-पैदाइश (ईद मिलाद उन नबी) के मौके पर भव्य जुलूस निकाला। यह जुलूस मुश्किल कुशा अली मैदान से शुरू होकर विभिन्न प्रमुख मार्गों से होता हुआ छत्रसाल चौक पर समाप्त हुआ। जुलूस में हजारों लोग शामिल थे और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगभग 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था।
क्या बोले एसडीओपी नवीन दुबे?
एसडीओपी नवीन दुबे ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि वे घोड़े पर सवार होकर जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उसी दौरान एक व्यक्ति ने उन्हें झंडा पकड़ाया और वह इस वीडियो में रिकॉर्ड हो गए। दुबे ने दावा किया कि उनका इरादा धार्मिक झंडा लहराने का नहीं था, बल्कि वे सिर्फ सुरक्षा का निरीक्षण कर रहे थे।
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जुलूस की सुरक्षा में तैनात थे 1000 जवान
जुलूस को शांतिपूर्वक और व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। लगभग 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, जिसमें घुड़सवार पुलिसकर्मी भी जुलूस के साथ चल रहे थे। जुलूस के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और जगह-जगह मिठाई और पानी की व्यवस्था भी की गई थी। इस जुलूस के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली और जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।
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