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खंडवा @ मुश्ताक मंसूरी
खंडवा न्यूज: मध्य प्रदेश के खंडवा में शुक्रवार, 5 सितंबर की रात ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid Milad-un-Nabi) जुलूस के दौरान एक विवाद उत्पन्न हो गया। आरोप है कि जुलूस के दौरान पाकिस्तान सेना से जुड़ा एक गाना बजाया गया। साथ ही, कुछ आपत्तिजनक झंडे भी फहराए गए। इसको लेकर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने खंडवा के कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
जुलूस में बजाए गए पाकिस्तानी सेना के गाने
हिंदू संगठनों का कहना था कि ईद-ए-मिलाद जुलूस के दौरान बजाया गया गाना पाकिस्तानी सेना से जुड़ा था। साथ ही, इसमें आपत्तिजनक झंडे लहराए गए थे। आरोपियों पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया। हिंदू जागरण मंच और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता मामले को लेकर कोतवाली थाना पहुंचे। यहां नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 299 और 223 BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भगवा झंडे पर लिखा इस्लाम जिंदाबाद
खंडवा पुलिस ने इस मामले को लेकर गंभीरता से कार्रवाई शुरू कर दी है। FIR के अनुसार, दो-तीन अज्ञात आरोपियों ने मिलाद उन नबी के जुलूस के दौरान भगवा झंडा लिया था। इस झंडे पर काले रंग से इस्लाम जिंदाबाद के नारे लिखे। साथ ही इसे सार्वजनिक स्थान पर फहराया। इससे हिंदू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
एमपी में ईद-ए-मिलाद के जुलूस पर विवाद की खबर पर एक नजर👉5 सितंबर को खंडवा में जश्ने ईद-ए मिलाद उन नबी जुलूस के दौरान पाकिस्तान सेना से जुड़ा गाना बजाने और आपत्तिजनक झंडे फहराने का विवाद उत्पन्न हुआ। 👉हिंदू संगठनों ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई, आरोप है कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। 👉जुलूस में भगवा झंडे पर काले रंग से इस्लाम जिंदाबाद लिखा गया था, जिसे सार्वजनिक स्थान पर फहराया गया। 👉पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला दर्ज किया है। 👉खंडवा पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, सभी पक्षों से जानकारी जुटाई जा रही है और शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। |
मामले की जांच कर रही खंडवा पुलिस
खंडवा के एसपी अभिनव बारंगे ने बताया कि प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सभी पक्षों से जानकारी जुटाई जा रही है। उनका कहना है कि प्रशासन किसी भी प्रकार की अनियंत्रित घटना को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखे हुए है। जल्द ही इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
जानें ईद-ए मिलाद उन नबी क्यों मनाया जाता है...
ईद-ए मिलाद उन नबी मुसलमानों के लिए एक बहुत ही खास और अहम दिन है। यह दिन, जो इस्लामी कैलेंडर के 12 रबी-उल-अव्वल को मनाया जाता है। पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन और उनकी वफात दोनों की याद में होता है। वफात का मतलब मृत्यु होता है, इसलिए इस दिन को कुछ लोग पैगंबर साहब के निधन की याद में मनाते हैं, जबकि दूसरों के लिए यह उनके जन्मोत्सव का दिन होता है।
पैगंबर मुहम्मद साहब का जन्म मक्का में हुआ था और मान्यता है कि उनकी मौत भी इसी दिन हुई थी। यही वजह है कि इसे बारह वफात कहा जाता है, यानी 12 तारीख का दिन, जिस दिन उनकी मृत्यु हुई थी। सुन्नी मुसलमान इसे 12 रबी-उल-अव्वल को ईद-ए मिलाद उन नबी के रूप में मनाते हैं, जबकि शिया मुसलमान इसे 17 रबी-उल-अव्वल को मनाते हैं। इस दिन को मुसलमान प्रेम और श्रद्धा के साथ, पैगंबर साहब के उपदेशों और उनकी पूरी जिंदगी से प्रेरणा लेकर मनाते हैं।
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