मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां सरकारी आदेश के बाद अपनी शादी के सपने देख रहे 600 कपल्स के सपनों पर पानी फिर गया। यहां 600 जोड़ों ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह में रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन अचानक एक सरकारी आदेश के बाद कार्यक्रम को कैंसिल कर दिया गया। इसके कारण इन जोडों के सपने चूर-चूर हो गए। इस फैसले को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला है। अब 7 मार्च को इस फैसले के खिलाफ रैली और धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
जानें पूरा मामला
दरअसल, छिंदवाड़ा जिले के परसिया क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन 7 मार्च को किया जाना था। इस कार्यक्रम के लिए करीब 600 जोड़ो ने रजिस्ट्रेशन कराया था और शादी की तैयारियां भी शुरू हो चुकी थीं। कार्ड बांटे जा चुके थे और सभी जोड़े शादी के सपने देख रहे थे, लेकिन अचानक एक सरकारी आदेश के बाद इस सामूहिक विवाह सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया और अगले महीने के लिए शिफ्ट कर दिया गया। यह खबर जैसे ही कपल्स को मिली, उनके सपनों पर पानी फिर गया। इससे कपल्स में आक्रोश फैल गया और उन्होंने सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।
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भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना गलत
इधर, इस मामले में परसिया के विधायक सोहन वाल्मिक ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि शादी का सपना हर लड़के-लड़की का सबसे बड़ा सपना होता है और इस तरह की स्थिति से उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना गलत है। उन्होंने कहा कि वे सरकार के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे और इस मुद्दे पर जन आंदोलन करेंगे।
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7 मार्च को होगा विरोध-प्रदर्शन
इस मामले के विरोध में 7 मार्च को परसिया विधायक सोहन वाल्मिक की मौजूदगी में एक रैली आयोजित की जाएगी। यह रैली मां सिद्धेश्वरी मंदिर से निकाली जाएगी और इसके बाद एसडीएम कार्यालय में धरना देकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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