मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा ( Chhindwara ) में बहादुरी की मिसाल देते हुए दो बुजुर्ग महिलाएं भेड़िए से भिड़ गईं। दरअसल, दोनों बुजुर्ग अपने खेत पर सो रही थीं, तभी भेड़िए ने उनपर हमला कर दिया था। अपनी जान बचाने के लिए दोनों खूंखार भेड़िए पर हावी हो गईं। भेड़िए के हमले से महिलाएं घायल हो गई थीं, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। दोनों ने पहले उसका मुंह दबोचा और फिर उसपर फावड़े से ताबड़तोड़ वार किए। इससे भेड़िए की मौत हो गई। हमले की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर गांववालों की भीड़ जमा हो गई।
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भेड़िए के हमले से घायल महिलाओं को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई। सभी लोग बुजुर्ग महिलाओं की बहादुरी की वाह-वाही कर रहे हैं।
बता दें घटना छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा रेंज के खकराचौरई गांव की है। भेड़िए के हमले से बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। वहीं इस मामले को लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। इस दौरान स्थानिय लोगों का कहना है कि जंगली जानवरों के भय से वह अपने खेत-खलियानों में नहीं जा पा रहे हैं। वन विभाग की टीम इस घटना को गंभीरता से नहीं ले रही है। 2 बुजुर्ग महिलाओं पर भेड़िए के हमले की जानकारी वन विभाग की टीम को दी गई थी लेकिन सूचना मिलने के काफी देर बाद टीम मौके पर पहुंची।
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सोती महिलाओं पर भेड़िए ने किया हमला
घटना शुक्रवार सुबह 5 बजे की है, जब खकराचौरई गांव में रहने वाली 65 वर्षीय भुजलो बाई और 55 वर्षीय दुर्गाबाई देर रात तक मक्के के खेत पर काम कर रही थीं, फिर वो दोनों खेत पर ही सो गईं। सुबह 5 बजे अचानक भेड़िए ने भुजलो बाई पर हमला कर दिया और उनकी हाथ की उंगलियां चबा डालीं। महिला की चीख सुन पास में सो रही दुर्गाबाई भुजलो उन्हें बचाने पहुंचीं और उन्होंने भेड़िए का मुंह पकड़ लिया। दोनों महिलाओं और भेड़िए के बीच आधा घंटा तक संघर्ष चला और फिर भुजलो ने फावड़ा उठाया और भेड़िए को मार डाला।
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फावड़े से हमला कर मार डाला
भेड़िए के हमले से बचने के लिए भुजलो ने फावड़ा से भेड़िए पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही जान चली गई। महिलाओं की चीख पुकार सुनकर गांव के लोग भी दौड़-दौड़कर आए और उन्होंने दोनों घायल महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करवाया।