जबलपुर में प्रशासन से बेखौफ निजी स्कूलों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि लगातार कार्रवाई होने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अभिभावकों की शिकायत पर बाद फीस वृद्धि और स्कूल प्रशासन की अनियमितता के खिलाफ जिला प्रशासन का रुख सख्त है। बावजूद इसके स्कूलों द्वारा बच्चों को फीस जमा करने की बात कह कर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।
निजी स्कूलों की मनमानी, 52 हजार छात्रों से 31 करोड़ की अवैध फीस वसूली
स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल का मामला
बीते दिनों लगभग डेढ़ सौ बच्चों को बंधक बनाने के आरोप के साथ एक निजी स्कूल के विरोध में अभिभावकों ने भारी प्रदर्शन किया था। अभी भी स्कूल अपनी हठधर्मिता से पीछे नहीं है रहे हैं। ताजा मामला जबलपुर के स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल का है जहां पर पहले तो छात्रा के अभिभावकों को मन मुताबिक फीस जमा न करने पर स्कूल से निकाल देने की धमकी दी गई और उसके बाद दूसरे दिन छात्रा को सबके सामने अपमानित करने के लिए उसकी कक्षा से निकाल कर एक अलग कमरे में घंटों बैठाया गया।
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स्कूल प्रबंधन और प्रशासन दोनों है मौन
इस मामले में जब स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने भी कैमरे के सामने बात करने से इनकार करते हुए यह कहा कि यह मामला कोर्ट में लंबित है और इस पर वह बयान नहीं दे सकते।
बच्चों को मोहरा बना रहे हैं निजी स्कूल
जबलपुर में निजी स्कूलों के द्वारा बच्चों को लगातार फीस के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। विजयनगर जबलपुर के स्टेम फील्ड इंटरनेशनल में सातवी क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को स्कूल प्रशासन के द्वारा फीस जमा न होने पर घंटों लाइब्रेरी में बैठा कर रखा गया। उसके बाद छात्रा के द्वारा स्कूल के फोन से परिजनों को फोन लगाकर उसे स्कूल से ले जाने की बात कही। तीन दिन पहले भी छात्रा को क्लास रूम से बुलाकर नीचे कंपाउंड में घंटों बैठाया गया था। साथ ही फीस जमा न होने पर स्कूल नहीं आने की बात कही गई। छात्रा के अभिभावक ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सूत्र को दी है जिसमें स्कूल की और से या साफ कहा जा रहा है कि यदि फीस जमा न हो तो कल से छात्रा को स्कूल मत भेजना। हालांकि, अभिभावक जिला समिति के द्वारा तय की गई फीस जमा करने को तैयार हैं। लेकिन स्कूल के द्वारा अपनी मनमर्जी की अवैध फीस सहित लेट फीस भी जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
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प्रशासन-स्कूल माफिया के बीच पिस रहे बच्चे
स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल के द्वारा फीस के लिए प्रताड़ित छात्रा के पिता ने बताया कि प्रशासन और स्कूल माफिया के बीच बच्चे पिस रहे हैं। क्योंकि जिला प्रशासन के द्वारा अवैध फीस वसूली में स्कूलों पर कार्रवाई करके फीस का निर्धारण किया गया था। इसके बाद छात्रा के पिता के द्वारा निर्धारित फीस दर पर फीस जमा की जाती है तो स्कूल प्रशासन के द्वारा यह कहकर मना कर दिया जाता है कि उनके फीस निर्धारण का कोई भी आदेश नहीं है। इसके बाद लगातार तीन महीनों से परेशान अभिभावकों ने जबलपुर BEO ऑफिस से फीस निर्धारण संबंधी जानकारी स्कूल प्रशासन को लाकर दी। जिससे यह साबित होता है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा निर्धारित फीस आदेश को प्राप्त कर पावती भी दी गई है। झूठ की पोल खोलने के बाद भी स्कूल इस आदेश को मानने को तैयार नहीं है और अब फीस के साथ लेट फीस की भी मांग कर रहा है। छात्रा के परिजनों ने इस मांग का विरोध किया और गवर्नमेंट और स्कूल प्रशासन के बीच फीस निर्धारण में बच्चों को प्रताड़ित किए जाने की बात कही है।
बच्चों की प्रताड़ना का यह पहला मामला नहीं
जबलपुर में निजी स्कूलों के द्वारा फीस के लिए बच्चों को प्रताड़ित करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी विजडम वैली स्कूल में जिन बच्चों के द्वारा फीस जमा नहीं की गई थी उन्हें अलग कमरे में बंद कर दिया गया था और स्कूल प्रशासन की तरफ से लगातार बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। जिसका विरोध पेरेंट्स एसोसिएशन के द्वारा किया गया था।
अवैध वसूली के लिए अपना रहे हर पैंतरा
अभिभावकों के द्वारा स्कूल प्रशासन से जबलपुर कलेक्टर और जिला शिक्षा समिति के द्वारा निर्धारित की गई स्कूली फीस को जमा करने की बात पर स्कूल प्रशासन के द्वारा इस मामले को कोर्ट में लंबित होने की बात कही गई। जिस पर परिजनों ने कोर्ट के आदेश के बाद फीस जमा किए जाने को कहा जिसके लिए स्कूल प्रशासन तैयार नहीं हुआ और लगातार लेट फीस के साथ स्कूली फीस जमा करने के लिए दबाव बनाने लगा।
हाईकोर्ट से सिर्फ दंडात्मक कार्रवाई पर है स्टे
दरअसल निजी स्कूलों के द्वारा अवैध फीस वसूली करने और अनियमितताओं के कारण जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के द्वारा जांच कमेटी के परिणाम पर स्कूलों द्वारा की गई। अवैध फीस वसूली को वापस करने और स्कूल प्रबंधन पर FIR दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई करने की निर्देश जारी किए गए थे और कुछ निजी स्कूल संचालकों को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद स्कूल प्रशासन के द्वारा कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगल पीठ में याचिका पर सुनवाई करते हुए इस याचिका पर अगली सुनवाई तक स्कूल प्रबंधकों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश जारी किया गया था। अब तक हुई इस मामले की किसी भी सुनवाई में जिला शिक्षा समिति के द्वारा जारी किए गए आदेश पर कोई स्थान नहीं मिला है और जिला जांच कमेटी के द्वारा निर्धारित की गई स्कूली फीस पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई है। हालांकि सिंगल बेंच के द्वारा पिछले आदेश में स्कूलों को यह राहत दी गई थी कि वह राज्य शिक्षा समिति में अपील कर सकते हैं। पर इस आदेश के तहत भी जिला शिक्षा समिति के द्वारा जारी किए गए आदेशों पर स्थगन नहीं मिलता। ऐसे में कानूनी स्थिति तो यह है कि इन निजी स्कूलों को जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा जारी किए गए निर्देशों को तब तक मानने की बाध्यता है, जब तक किसी अन्य अदालत से इस पर कोई आदेश नहीं आ जाता। लेकिन यह कोर्ट का हवाला देकर अभी भी अवैध वसूली के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं।
24 निजी स्कूलों से 166 करोड़ रुपए की वसूली है लंबित
जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना के द्वारा लगातार निजी स्कूलों पर अवैध फीस वसूली करने और स्कूलों की द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं पर कार्यवाही की जा रही है। जिसमें स्कूलों के द्वारा 15 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नियम विरुद्ध की गई है। निजी स्कूलों के द्वारा यह रकम अभिभावकों से वसूल ली गई है। निजी स्कूलों पर (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम, 2017 के अंतर्गत मिली शिकायतों की जांच कर जिले के 24 प्रमुख स्कूलों पर कार्यवाही करते हुए 166 करोड़ रुपए की अवैध वसूली को वापस किए जाने का निर्देश जारी किया गया था। जबलपुर जिले में हजारों छात्रों के अभिभावकों से अवैध फीस वसूली कर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसमे मई 2024 में 11 निजी स्कूलों से 81 करोड रुपए ,सितंबर 2024 में 8 निजी स्कूलों से 54 करोड़ रुपए और नवंबर 2024 में 5 निजी स्कूलों के द्वारा 31 करोड़ रुपए की अवैध वसूली फीस के रूप में की गई है। या फीस अवैध घोषित हो जाने के बाद भी निजी स्कूल इस रकम को अभिभावकों को लौटाने की बजाय और अवैध वसूली करने पर उतारू है।
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