छिंदवाड़ा में बच्चों की किडनी फेलियर से 3 मौतें, प्रशासन अलर्ट

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में बुखार के बाद बीते एक पखवाड़े में तीन बच्चों की किडनी फेलियर होने से मौत हो गई। इन घटनाओं से जिले में हड़कंप मच गया।

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Ravi Awasthi
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भोपाल। 
छिंदवाड़ा में बीते 15 दिन में किडनी फेल होने से तीन बच्चों की मौत हो गई। आधा दर्जन अन्य बच्चों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की टीम को जांच के लिए बुलाया है। 

मामला परासिया विकासखंड का है। बताया जाता है कि बच्चों को शुरुआत में हल्का बुखार और जुकाम की शिकायत हुई। निजी अस्पतालों में सामान्य इलाज के दौरान अचानक पेशाब की मात्रा कम होने और किडनी इन्फेक्शन की समस्या सामने आई। हालत बिगड़ने पर बच्चों को नागपुर रेफर किया गया, जहां 5 साल 8 महीने के अदनान खान, 4 साल के हितांश सोनी और 2 साल की श्रेया यादव की मौत हो गई।

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भोपाल की टीम परासिया पहुंची, लिए सैंपल 

भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय टीम भी परासिया पहुंची है। टीम के सदस्य तीन दिन तक इलाके में रहकर जांच कर रहे हैं। चिकित्सा अधिकारियों ने परासिया,न्यूटन चिकली और दूसरे गांवों का दौरा किया। इन्होंने मृतक बच्चों के परिजन से बातचीत कर जानकारी जुटाई। 

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बच्चों की मौत से मचा हड़कंप

सूत्रों के मुताबिक,जिले में तीन बच्चों की संदिग्ध बीमारी से मौत हुई। इनमें परासिया के अदनान ने 11 सितंबर​​ जबकि​​​​​ ​​​​​हितांश सोनी ने 14 सितंबर को नागपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। वहीं, श्रेया की मौत 16 सितंबर को हुई। बताया जाता है कि बच्चों को हल्का बुखार आया। इलाज के दौरान दवा खाने के बाद इनकी किडनी में संक्रमण बताया गया। बाद में एक-एक कर इनकी मौत हो गई।

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स्वास्थ्य टीम घर-घर कर रही सर्वे: कलेक्टर 

बुधवार शाम छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने एक बयान जारी किया। उन्होंने लिखा कि बच्चों में किडनी फेलियर की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा पूरी नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर बुखार का सर्वे कर रही है ताकि किसी बच्चे को ​दो दिन से अधिक बुखार है तो उसे अस्पताल में दाखि​ल किया जा सके।

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किडनी फेलियर मामले एक जगह के नहीं

कलेक्टर ने कहा कि बच्चों के किडनी फेलियर के मामले एक ही स्थान विशेष पर केंद्रित नहीं हैं। परासिया क्षेत्र में केवल 3 ऐसे प्रकरण सामने आए थे, जिनमें 1 परासिया लोकल,1 बाघबर्दिया गांव और 1 सेठिया गांव का मामला था। प्रभावित बच्चों के सैंपल वायरोलॉजी लैब पुणे भेजे गए हैं।

जहां से रिपोर्ट आने के बाद ही किसी तरह के वायरल इन्फेक्शन की पुष्टि हो सकेगी।किडनी फेलियर के कई कारण हो सकते हैं । उन्होंने कहा कि परासिया क्षेत्र में किसी तरह के वायरल इन्फेक्शन या महामारी के फैलने की अपुष्ट एवं भ्रामक खबरों से सावधान रहें और घबराएं नहीं।

छिंदवाड़ा
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