भैरू जी की पूजा अर्चना से रोका, 13 साल पुराने मामले में अप्पू घर के निदेशक नरेंद्र सुराणा को दो महीने की कैद की सजा

राजस्थान में अप्पू घर के निदेशक नरेंद्र सुराणा को अदालत के आदेश का उल्लंघन करने पर दो महीने की सिविल कारावास की सजा मिली है। कोर्ट ने उन्हें मंदिर में पूजा अर्चना से रोकने पर अवमानना का दोषी माना।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास दौलतपुरा में बनने वाले अप्पू घर की जमीन में स्थित बाढ़ के भैरवनाथ मंदिर में पूजा अर्चना से रोकने के मामले में इंटरनेशनल एम्यूजमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (अप्पू घर) के निदेशक नरेंद्र सुराणा को दो महीने के सिविल कारावास की सजा सुनाई है। 

अवमानना का दोषी माना

कोर्ट ने सुरणा को यह सजा अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर अवमानना का दोषी मानकर दी है। एडीजे—एक बी. एल. चंदेल ने परिवादी महंत अशोक योगी,नवरत्न,रूडा राम की अवमानना याचिका को स्वीकार करके सजा दी है। 

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एडवोकेट ने दिया तर्क

परिवादी के एडवोकेट रामजीलाल गुप्ता ने बताया कि अप्पू घर के लिए सरकार ने कंपनी को करीब 300 एकड़ जमीन कंपनी को दी थी। इस जमीन में सैकड़ों साल प्राचीन भैरवनाथ जी का मंदिर है। जमीन मिलने के बाद कंपनी के कर्मचारियों ने मंदिर महंत व भक्तों का पूजा अर्चना संपन्न करने से रोका और उनके आने जाने के रास्ते को बंद कर दिया था। इस पर कोर्ट में याचिका लगाकर पूजा अर्चना व आने जाने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने कंपनी निदेशक नरेंद्र सुराणा व अन्य को, मंदिर महंत व भक्तों को पूजा से नहीं रोकने और आने जाने के लिये रास्ता देने के आदेश दिए थे। 

200 करोड़ की ठगी की,अप्पू घर का आवंटन रद्द 

अप्पू घर बनाने के लिए कंपनी को 300 एकड़ से भी अधिक जमीन दौलतपुरा में दी गई थी। कंपनी को यहां मेगा टूरिज्म के तहत मनोरंजन सुविधायुक्त केंद्र खोलने थे लेकिन कंपनी ने दो दशक तक कुछ नहीं किया। जमीन को विला,होटल और दुकान के नाम पर बेच दिया था।

अनुबंध के तहत कंपनी जमीन का बेचान नहीं कर सकती थी। निवेशकों ने जमीन नहीं मिलने व पट्टे नहीं मिलने पर कंपनी के कर्ताधर्ता के खिलाफ मामले दर्ज करवाए। सरकार को शिकायत मिली तो जांच हुई। जांच में शिकायतें सही मिलने पर जेडीए ने अप्पू घर का जमीन आवंटन रद्द कर दिया है।

अप्पू घर के निदेशक नरेंद्र सुराणा को सजा

करीब 13 साल पहले दिए आदेश के बाद भी कंपनी ने मंदिर महंत व आमजन को मंदिर में पूजा—अर्चना नहीं करने दी। इस पर अदालती आदेश की अवमानना करने की याचिका दायर की गई थी। लेकिन कोर्ट के नोटिस देने के बावजूद न तो कंपनी निदेशक आरोपी नरेंद्र सुराणा अदालत में उपस्थित हुए और न ही उनकी ओर से कोई एडवोकेट पैरवी करने आया।। कोर्ट ने उचित अवसर देने के बाद भी सुराणा और उनकी ओर से पैरवी के लिए किसी के उपस्थित नहीं होने पर नरेंद्र सुराणा को दो महीने सिविल जेल की सजा से दंडित किया है। 

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FAQ

1.नरेंद्र सुराणा को किस कारण सजा मिली?
नरेंद्र सुराणा को अदालत के आदेश का पालन न करने और मंदिर के महंत और भक्तों को पूजा अर्चना से रोकने के कारण सिविल कारावास की सजा दी गई।
2.क्या अप्पू घर ने जमीन बेचने के लिए अनुमति ली थी?
नहीं, अप्पू घर के निदेशक ने अनुबंध के खिलाफ जाकर जमीन को विला, होटल और दुकान के नाम पर बेचा था, जबकि उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं थी।
3.जयपुर विकास प्राधिकरण ने अप्पू घर के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
जांच में दोषी पाए जाने के बाद जयपुर विकास प्राधिकरण ने अप्पू घर की जमीन का आवंटन रद्द कर दिया।

अप्पू घर का आवंटन रद्द अप्पू घर के निदेशक नरेंद्र सुराणा को सजा जेडीए जयपुर राजस्थान
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