/sootr/media/media_files/2025/09/24/pooja-2025-09-24-21-04-38.jpg)
राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास दौलतपुरा में बनने वाले अप्पू घर की जमीन में स्थित बाढ़ के भैरवनाथ मंदिर में पूजा अर्चना से रोकने के मामले में इंटरनेशनल एम्यूजमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (अप्पू घर) के निदेशक नरेंद्र सुराणा को दो महीने के सिविल कारावास की सजा सुनाई है।
अवमानना का दोषी माना
कोर्ट ने सुरणा को यह सजा अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर अवमानना का दोषी मानकर दी है। एडीजे—एक बी. एल. चंदेल ने परिवादी महंत अशोक योगी,नवरत्न,रूडा राम की अवमानना याचिका को स्वीकार करके सजा दी है।
ये खबरें भी पढ़िए
माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना: राजस्थान के लिए क्या है इसका महत्व, जानिए
राजस्थान सरकार के लिए चुनौती बना नरेश मीणा का आमरण अनशन, जानें क्या होगा अंजाम
एडवोकेट ने दिया तर्क
परिवादी के एडवोकेट रामजीलाल गुप्ता ने बताया कि अप्पू घर के लिए सरकार ने कंपनी को करीब 300 एकड़ जमीन कंपनी को दी थी। इस जमीन में सैकड़ों साल प्राचीन भैरवनाथ जी का मंदिर है। जमीन मिलने के बाद कंपनी के कर्मचारियों ने मंदिर महंत व भक्तों का पूजा अर्चना संपन्न करने से रोका और उनके आने जाने के रास्ते को बंद कर दिया था। इस पर कोर्ट में याचिका लगाकर पूजा अर्चना व आने जाने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने कंपनी निदेशक नरेंद्र सुराणा व अन्य को, मंदिर महंत व भक्तों को पूजा से नहीं रोकने और आने जाने के लिये रास्ता देने के आदेश दिए थे।
200 करोड़ की ठगी की,अप्पू घर का आवंटन रद्दअप्पू घर बनाने के लिए कंपनी को 300 एकड़ से भी अधिक जमीन दौलतपुरा में दी गई थी। कंपनी को यहां मेगा टूरिज्म के तहत मनोरंजन सुविधायुक्त केंद्र खोलने थे लेकिन कंपनी ने दो दशक तक कुछ नहीं किया। जमीन को विला,होटल और दुकान के नाम पर बेच दिया था। अनुबंध के तहत कंपनी जमीन का बेचान नहीं कर सकती थी। निवेशकों ने जमीन नहीं मिलने व पट्टे नहीं मिलने पर कंपनी के कर्ताधर्ता के खिलाफ मामले दर्ज करवाए। सरकार को शिकायत मिली तो जांच हुई। जांच में शिकायतें सही मिलने पर जेडीए ने अप्पू घर का जमीन आवंटन रद्द कर दिया है। | |
अप्पू घर के निदेशक नरेंद्र सुराणा को सजा
करीब 13 साल पहले दिए आदेश के बाद भी कंपनी ने मंदिर महंत व आमजन को मंदिर में पूजा—अर्चना नहीं करने दी। इस पर अदालती आदेश की अवमानना करने की याचिका दायर की गई थी। लेकिन कोर्ट के नोटिस देने के बावजूद न तो कंपनी निदेशक आरोपी नरेंद्र सुराणा अदालत में उपस्थित हुए और न ही उनकी ओर से कोई एडवोकेट पैरवी करने आया।। कोर्ट ने उचित अवसर देने के बाद भी सुराणा और उनकी ओर से पैरवी के लिए किसी के उपस्थित नहीं होने पर नरेंद्र सुराणा को दो महीने सिविल जेल की सजा से दंडित किया है।
ये खबरें भी पढ़िए
राजस्थान एसआई भर्ती 2021 : चयनितों को लगा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह बड़ा फैसला
राजस्थान सहित कई राज्यों में आयकर विभाग की छापेमारी, मित्तल पिगमेंट फैक्ट्री की जांच