राजस्थान सहित कई राज्यों में आयकर विभाग की छापेमारी, मित्तल पिगमेंट फैक्ट्री की जांच

राजस्थान और अन्य राज्यों में इनकम टैक्स विभाग ने एक साथ 10 ठिकानों पर छापेमारी की। कोटा में मित्तल पिगमेंट फैक्ट्री के मालिक और उनके दामाद के घरों की भी जांच की गई। कर्मचारियों से पूछताछ और मोबाइल जब्त किए गए हैं।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान, दिल्ली, कठुआ (जम्मू-कश्मीर) और नागपुर (महाराष्ट्र) में आयकर विभाग ने एक साथ 10 स्थानों पर छापेमारी की है। छापेमारी का मुख्य लक्ष्य मित्तल पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री के वित्तीय लेन-देन और अन्य दस्तावेजों की जांच करना है।

कोटा के इंद्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इस फैक्ट्री के अलावा अन्य स्थानों पर भी जांच चल रही है, जहां विभिन्न प्रकार के दस्तावेज और डिजिटल डेटा प्राप्त हुए हैं।

मित्तल पिगमेंट फैक्ट्री की जांच

मित्तल पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिंक और लेड बैटरी की प्लेटें बनाने के कारोबार से जुड़ी है। इस कंपनी की फैक्ट्रियां दिल्ली, कठुआ और नागपुर में भी स्थित हैं। आयकर विभाग की टीम ने इन सभी स्थानों पर एक साथ छापेमारी की, जिससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी के वित्तीय लेन-देन और अकाउंट्स में गड़बड़ हो सकती है।

आयकर विभाग की टीम ने फैक्ट्री के कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की। कई कर्मचारियों के मोबाइल फोन भी जब्त किए गए और एक अधिकारी के मोबाइल को चेक किया गया। एक कर्मचारी ने फोन की जांच से बचने के लिए अपना फोन जमीन पर जोर से पटक दिया, जिससे फोन टूट गया।

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कोटा में आयकर छापेमारी 

कोटा के जगपुरा और भीमपुरा इलाके में स्थित एनटीपी फैक्ट्रियों पर भी छापेमारी चल रही है। यहां ब्राउन सोडा और लेड प्लेटों का बड़ा हिस्सा तैयार किया जाता है। जांच में फैक्ट्री के दस्तावेज और कंप्यूटर की जांच की जा रही है। आयकर विभाग छापा शहर में चर्चा का विषय है।  

कर्मचारियों और मालिकों से पूछताछ

दिल्ली और हरियाणा से आई आयकर टीम के साथ-साथ राजस्थान की आयकर अन्वेषण शाखा ने मित्तल पिगमेंट फैक्ट्री के मालिक रमेश चंद्र अग्रवाल और उनके दामाद अंकित अग्रवाल के घरों पर भी जांच की। इस दौरान फैक्ट्री से जुड़े कई अहम रिकॉर्ड भी खंगाले गए। कर्मचारियों को बुलाकर उनके मोबाइल और दस्तावेजों की भी जांच की गई। अधिकारियों ने कई मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। 

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विदेशों तक फैला कारोबार

मित्तल पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड के कारोबार का दायरा केवल देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक फैला हुआ है। कंपनी में दिन और रात की शिफ्ट में करीब 250-300 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से 50 कर्मचारी परमानेंट हैं। कारोबार के मालिक रमेश अग्रवाल के पास लगभग 112 ट्रक हैं, जो माल को विभिन्न फैक्ट्रियों तक पहुंचाते हैं।

यहां से माल रोजाना करोड़ों रुपए की कीमत में सप्लाई किया जाता है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कंपनी का आयकर चोरी से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आ सकता है।

आयकर चोरी का खुलासा संभव

छापेमारी में अधिकारियों को कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डेटा मिले हैं, जिनसे आयकर चोरी के आरोपों की पुष्टि हो सकती है। आयकर विभाग को इस मामले में एक बड़ा खुलासा होने की संभावना है, जो न सिर्फ इस फैक्ट्री के कारोबार बल्कि पूरे उद्योग में फैली अवैध गतिविधियों पर रोशनी डाल सकता है।

FAQ

1. मित्तल पिगमेंट फैक्ट्री पर आयकर विभाग ने छापेमारी क्यों की?
आयकर विभाग ने मित्तल पिगमेंट फैक्ट्री पर छापेमारी की क्योंकि कंपनी के वित्तीय लेन-देन और अकाउंट्स में गड़बड़ियों का संदेह था। विभाग को कंपनी की आयकर चोरी का संभावित मामला सामने आया है।
2. क्या छापेमारी के दौरान कर्मचारियों से पूछताछ की गई?
हां, छापेमारी के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों से एक-एक कर पूछताछ की गई। उनके मोबाइल फोन भी चेक किए गए, और कई मोबाइल जब्त किए गए हैं।
3. क्या मित्तल पिगमेंट फैक्ट्री का कारोबार विदेशों में भी फैला हुआ है?
जी हां, मित्तल पिगमेंट का कारोबार न केवल भारत में, बल्कि विदेशों तक भी फैला हुआ है। कंपनी रोजाना करोड़ों रुपए का माल सप्लाई करती है।

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