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चुनाव आयोग ने राजस्थान की सात राजनीतिक पार्टियों को नोटिस जारी किया है, क्योंकि इन पार्टियों ने चुनावी खर्च का ब्योरा और सालाना ऑडिटेड अकाउंट पेश नहीं किया। आयोग ने इन पार्टियों से सवाल पूछा है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान चुनाव खर्च का ब्योरा क्यों नहीं दिया गया और सालाना आय और खर्चों का हिसाब क्यों नहीं पेश किया गया।
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सख्त रुख अपनाया चुनाव आयोग ने
चुनाव आयोग ने इस बार राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। आयोग ने इन पार्टियों को 15 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। अगर पार्टियां निर्धारित समय में जवाब नहीं देतीं, तो उनका पंजीकरण (Registration) रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद इन पार्टियों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित किया जा सकता है।
पार्टियों को चुनाव आयोग का नोटिस
नोटिस में चुनाव आयोग ने पूछा है कि क्या इन पार्टियों ने अपनी गतिविधियां या कार्यकुशलता सीमित या बंद कर दी है। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने यह भी पूछा है कि इन पार्टियों ने अपने चुनाव खर्च का ब्योरा क्यों नहीं दिया और क्यों वे पिछले तीन वित्तीय वर्षों में ऑडिटेड अकाउंट पेश नहीं कर पाईं।
359 दलों पर हुई कार्रवाई
चुनाव आयोग ने पूरे देश में 359 राजनीतिक दलों पर कार्रवाई की है, जिन्होंने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया और तीन साल का ऑडिटेड अकाउंट पेश नहीं किया। आयोग ने यह भी बताया कि यदि कोई राजनीतिक दल छह साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसे पंजीकरण से हटा दिया जाएगा।
क्या राजस्थान में पहले भी हुई थी कार्रवाई
पिछले कुछ समय में चुनाव आयोग ने राजस्थान की 17 पार्टियों के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया था। इन पार्टियों ने पिछले छह सालों में कोई चुनाव नहीं लड़ा था और वे पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुकी थीं। इन पार्टियों को नोटिस दिए गए थे और जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया गया।
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