/sootr/media/media_files/2025/09/24/rajasthan-ayurvedic-hospitals-medicine-shortage-2025-09-24-11-00-38.jpg)
Photograph: (TheSootr)
राजस्थान के आयुर्वेद चिकित्सालयों में दिसंबर 2024 से दवाओं की कमी को लेकर गंभीर समस्या सामने आई है। राज्य के आयुर्वेद विभाग ने दावा किया था कि जनवरी 2025 तक 150 दवाओं की आपूर्ति हो जाएगी, लेकिन कई माह बाद भी विभाग ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इस स्थिति ने प्रदेशभर के आयुर्वेदिक अस्पतालों और चिकित्सालयों में परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे में लोगों को दवाओं के अभाव में मजबूरन एलोपैथी की ओर दौड़ना पड़ रहा है।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/09/24/rajasthan-ayurvedic-hospitals-medicine-shortage-2025-09-24-11-08-56.jpg)
यह खबर भी देखें...
पीएम मोदी राजस्थान और मध्यप्रदेश को कल देंगे सौगात, शुरू करेंगे 1.21 लाख करोड़ की परियोजनाएं
दवाओं की आपूर्ति में देरी
राजस्थान के अधिकांश जिला अस्पतालों में 9 महीने बाद भी 100 दवाओं की आपूर्ति नहीं हो पाई है। कई अन्य अस्पतालों में भी दवाओं की गंभीर कमी का सामना किया जा रहा है। जोधपुर सहित अन्य संभागों के आयुर्वेद अधिकारियों ने 190 दवाओं की सूची भेजी थी, लेकिन स्थिति अब तक बेहतर नहीं हुई है। जोधपुर में पहले 67 तरह की दवाएं आईं थीं, जिन्हें अस्पतालों और चिकित्सालयों में भेज दिया गया। अब, 14 दवाओं की पैकिंग रसायनशाला में चल रही है और कुछ अन्य दवाओं की आपूर्ति का इंतजार किया जा रहा है।
हालांकि, राजस्थान आयुर्वेद विभाग के निदेशक डॉ. आनंद शर्मा का कहना है कि प्रदेश के अस्पतालों में दवाओं की कमी नहीं है और वे अच्छा सामान मुहैया करवा रहे हैं। उनका दावा है कि तीन अलग-अलग सूची के अनुसार दवाइयों की आपूर्ति की जाती है, और इस बार विशेष रूप से दवाओं की आपूर्ति बेहतर हुई है।
यह खबर भी देखें...
राजस्थान में लोग बना रहे मोबाइल से दूरी, टेलीडेंसिटी में 3 प्रतिशत की गिरावट
अस्पतालों के लिए दवाओं की आवश्यकता
राजस्थान के आयुर्वेद अस्पतालों के लिए दवाओं की आपूर्ति एक गंभीर समस्या बनी हुई है। राज्य में कुल 33 जिला अस्पताल, 88 चिकित्सालय और 3578 औषधालय हैं। इन सभी अस्पतालों और औषधालयों में दवाओं की लगातार आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिससे मरीजों को जरूरी इलाज नहीं मिल पा रहा है।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/09/24/rajasthan-ayurvedic-hospitals-medicine-shortage-2025-09-24-11-09-16.jpg)
यह खबर भी देखें...
प्रिसीपल तबादला सूची : जिन्होंने की गड़बड़ी उन्हें इनाम, उत्कृष्ट को भेजा 450 किमी दूर
अस्पतालों के लिए दवाओं की सूची
राजस्थान के अस्पतालों के लिए दवाओं की संख्या निम्नलिखित है:
जिला अस्पताल: 190 दवाएं
चिकित्सालय: 124 दवाएं
औषधालय: 90 दवाएं
इसमें भी देखा गया है कि जिला अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पा रही है, जिससे इलाज की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/09/24/rajasthan-ayurvedic-hospitals-medicine-shortage-2025-09-24-11-09-35.jpg)
दवाओं की आपूर्ति में कमी के कारण
राजस्थान के आयुर्वेद अस्पतालों में दवाओं की कमी का मुख्य कारण वितरण प्रणाली की कमी और आपूर्ति में देरी हो सकती है। जब तक सही समय पर दवाएं अस्पतालों और चिकित्सालयों तक नहीं पहुंचतीं, तब तक मरीजों को इलाज में रुकावट आती है। यही कारण है कि इस मुद्दे को लेकर स्थानीय चिकित्सक और मरीज दोनों ही चिंतित हैं।
औषधालयों में कमी
राजस्थान के अधिकांश औषधालयों में भी 90 प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं की कमी है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब मरीजों को इलाज के लिए जरूरी दवाएं तुरंत चाहिए होती हैं। लेकिन, दवाओं की आपूर्ति में देरी होने के कारण यह समस्या और भी बढ़ जाती है।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/09/24/rajasthan-ayurvedic-hospitals-medicine-shortage-2025-09-24-11-09-52.jpg)
दवाओं की आपूर्ति प्रक्रिया
दवाओं की आपूर्ति प्रक्रिया राज्य के आयुर्वेद विभाग द्वारा तीन प्रमुख सूची के आधार पर की जाती है। यह सूची हर अस्पताल और औषधालय की जरूरतों के हिसाब से बनाई जाती है। हालांकि, दवाओं की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इन सूची का सही तरीके से पालन करना जरूरी है।
आयुर्वेद क्या है?आयुर्वेद के बारे में मुख्य बिंदु (हिंदी में):
| |
यह खबर भी देखें...
राजस्थान कांग्रेस को जल्द मिलेंगे नए जिलाध्यक्ष, संगठन सृजन अभियान शुरू
जोधपुर में दवाओं की स्थिति
जोधपुर में पहले 67 तरह की दवाएं भेजी गई थीं, जो अब अस्पतालों में वितरित की जा चुकी हैं। वर्तमान में, 14 दवाओं की पैकिंग रसायनशाला में चल रही है और 47 दवाओं की आपूर्ति भी की गई है। इन दवाओं की आपूर्ति जल्द ही संभाग के जिलों में की जाएगी। इसके बाद, 40 दवाओं की और आपूर्ति का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि, यह सभी दवाएं मिलकर भी अस्पतालों के लिए निर्धारित 190 दवाओं की संख्या तक नहीं पहुंच पाएंगी।