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जबलपुर को मनोरंजन और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलने जा रही है। भोपाल में 24 और 25 फरवरी को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में जबलपुर की बियोंड स्टूडियोज और प्रदेश सरकार के बीच 3000 करोड़ रुपए का अनुबंध होगा। इस करार के तहत जबलपुर में एक आधुनिक फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा, जिससे न केवल शहर को नई पहचान मिलेगी, बल्कि यहां 80 हजार से 1 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
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फिल्म निर्माताओं के लिए जबलपुर आकर्षण का केंद्र
मध्य प्रदेश धीरे-धीरे फिल्म निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। भोपाल, चंदेरी और जबलपुर जैसे शहरों में हाल के वर्षों में कई हिंदी और क्षेत्रीय फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। खासकर जबलपुर की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्थलों के चलते यह शहर फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर रहा है। सिर्फ पिछले दो वर्षों में जबलपुर में 50 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के निर्माता भी जबलपुर की लोकेशंस में दिलचस्पी ले रहे हैं। इस वजह से यहां फिल्म सिटी की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिसे अब बियोंड स्टूडियोज के प्रयास से साकार किया जा रहा है।
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इनवेस्टमेंट प्रमोशन सेंटर में परिचर्चा
फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर जबलपुर कलेक्ट्रेट के इनवेस्टमेंट प्रमोशन सेंटर में जबलपुर आर्कियोलॉजिकल टूरिज्म काउंसिल (JATCC) की ओर से एक परिचर्चा आयोजित की गई। इसमें फेडरेशन ऑफ मध्य प्रदेश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे, JATCC के CEO हेमंत सिंह और जबलपुर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजेश धीरवानी सहित कई प्रमुख उद्योगपतियों और व्यापारियों ने भाग लिया। इस दौरान हेमंत सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी की परिकल्पना पर लंबे समय से काम चल रहा था, जिसे बियोंड स्टूडियोज ने हकीकत में बदलने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि जबलपुर कला और संस्कृति के क्षेत्र में हमेशा से अग्रणी रहा है, और फिल्म सिटी बनने से यह शहर मनोरंजन जगत में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करेगा। डॉ. राजेश धीरवानी ने कहा कि फिल्म सिटी बनने से जबलपुर की ब्रांडिंग होगी और शहर में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि मनोरंजन के साधनों की कमी के कारण कई युवा शहर छोड़कर बाहर जा रहे हैं, लेकिन अगर यहां फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास होता है, तो उन्हें यहीं पर बेहतर अवसर मिल सकते हैं।
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पर्यटन और फिल्म उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज ने कहा कि जबलपुर में एशिया का सबसे बड़ा अर्बन फॉरेस्ट विकसित किया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस अर्बन फॉरेस्ट का उपयोग फिल्म निर्माण के लिए भी किया जा सकता है। फेडरेशन ऑफ एमपी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने कहा कि जबलपुर अभी तक एक "टूरिस्ट इन ट्रांजिट" यानी एक ऐसा स्थान बना हुआ था, जहां पर्यटक सिर्फ थोड़े समय के लिए रुकते थे और फिर आगे बढ़ जाते थे। लेकिन फिल्म सिटी बनने से यह शहर एक प्रमुख पर्यटन और फिल्म निर्माण केंद्र के रूप में उभरेगा।
फिल्म निर्माताओं का बढ़ता भरोसा
फिल्म निर्माताओं का जबलपुर में भरोसा लगातार बढ़ रहा है। पिछले दो वर्षों में यहां 50 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हुई है, जो यह दर्शाता है कि फिल्म उद्योग के लिए यह शहर अनुकूल माहौल प्रदान कर सकता है। GIS में बियोंड स्टूडियोज के करार के बाद, जबलपुर जल्द ही देश के प्रमुख फिल्म निर्माण स्थलों में से एक बन सकता है।
हिमांशु खरे ने कहा कि जबलपुर में फिल्म सिटी बनने से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि इससे स्थानीय व्यापार, होटल इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्ट और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शहर में फ्लाइट कनेक्टिविटी को बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि देश-विदेश के फिल्म निर्माता और पर्यटक यहां आसानी से आ सकें। अब जबलपुर के नागरिकों की नजरें 24 और 25 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) पर टिकी हैं, जहां इस ऐतिहासिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।