मध्यप्रदेश तेजी से देश का नया स्टार्ट-अप हब बनने की ओर अग्रसर है। सरकार नवाचार और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देते हुए उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है। आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश के स्टार्ट-अप्स को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए कई सुविधाओं और प्रोत्साहनों की घोषणा की है।
आइडिया को व्यवसाय में बदलने सरकार करेगी सहयोग
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्टार्ट-अप्स के लिए अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन, लाइसेंस फीस में छूट और आधुनिक विकास की योजनाओं पर जोर दिया है। सरकार की नई नीति में स्टार्ट-अप्स को निवेश का 18 प्रतिशत ( अधिकतम 18 लाख तक ) सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य को स्टार्ट-अप्स और नवाचार का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए प्रभावी रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के औद्योगिक विकास के विजन में प्रदेश सरकार युवाओं को अपने आइडिया को व्यवसाय में बदलने के लिए जरूरी सहयोग प्रदान कर रही है।
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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
आगामी 24 और 25 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होगा। इसमें विभिन्न देशों के निवेशक और उद्यमी शामिल होंगे। इससे प्रदेश के उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और नवाचारों का लाभ मिलेगा।
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स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप्स प्रदेश के आर्थिक विकास में योगदान देंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे। सरकार वित्तीय सहायता, सशक्त नीतिगत ढांचा और आधुनिक बुनियादी ढांचे की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।
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नई स्टार्ट-अप नीति...
- स्टार्ट-अप्स को निवेश का 18 प्रतिशत तक (अधिकतम 18 लाख रुपए) की वित्तीय सहायता।
- सरकारी निविदाओं में अनुभव और टर्न ओवर की शर्तों में छूट।
- अनिवार्य लाइसेंस और परमिट शुल्क में छूट।
- सरकारी खरीद में दो वर्षों तक प्राथमिकता।
- पेटेंट कराने की लागत के लिए 5 लाख रुपए तक की सहायता।
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प्रदेश का बढ़ता स्टार्ट-अप नेटवर्क
प्रदेश में 4,900 से अधिक स्टार्ट-अप्स कार्यरत हैं। आईटी, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, सोलर जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेष औद्योगिक पार्क विकसित किए गए हैं। इसके अलावा 72 इनक्यूबेटर प्रदेश में सक्रिय हैं, जो उत्पाद-आधारित स्टार्ट-अप्स को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह प्रयास मध्यप्रदेश को भारत के प्रमुख स्टार्ट-अप हब में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।