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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के आयोजन के दौरान मानव संग्रहालय में वीआईपी मेहमानों के लिए त्रिस्तरीय पास चेकिंग व्यवस्था की जाएगी। कार्यक्रम में शामिल होने वाले वीआईपी मेहमानों को यह सुरक्षा प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही कार्यक्रम स्थल में प्रवेश मिलेगा। चेकिंग के बाद, उनके वाहनों को संग्रहालय के गेट-3 से बाएं मुड़ते हुए सैर-सपाटा क्षेत्र की ओर भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शहरी विकास, पर्यटन, माइनिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, आईटी और एमएसएमई, ये सभी क्षेत्र अपनी असीमित संभावनाओं और अनुकूल वातावरण से निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं।
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पर्यटन समिट
मध्य प्रदेश को ‘भारत का दिल’ कहा जाता है और इसके धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौन्दर्य से पूर्ण पर्यटन क्षेत्र पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। खजुराहो, उज्जैन, सांची, पचमढ़ी, कान्हा और बांधवगढ़ जैसे विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर उपलब्ध कराने के लिये तैयार हैं।
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शहरी विकास समिट
मध्यप्रदेश का शहरी बुनियादी ढांचा तेजी से सुदृढ़ हो रहा है। राज्य की स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट और लॉजिस्टिक्स हब इसे एक आदर्श रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश डेस्टिनेशन बना रहे हैं। जीआईएस में शहरी विकास समिट के माध्यम से स्मार्ट और सतत् शहरों के निर्माण पर केंद्रित चर्चा होगी, जिससे नवाचार और आधुनिक शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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माइनिंग समिट
मध्य प्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। यह देश में डायमंड, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, कोयला, मैंगनीज और तांबे का प्रमुख उत्पादक है। पन्ना स्थित एशिया की एकमात्र डायमंड माइंस और विशाल कोयला भंडार राज्य को माइनिंग इंडस्ट्री के लिए एक आदर्श डेस्टिनेशन बनाते हैं।
प्रवासी समिट
मध्य प्रदेश प्रवासी भारतीयों को प्रदेश के उद्योग, स्टार्ट-अप, पर्यटन, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया गया है। यह समिट न केवल राज्य की आर्थिक प्रगति में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा, बल्कि मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री के आगमन के बाद वाहनों की व्यवस्था
कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एंट्री के बाद, वीआईपी मेहमानों के लगभग 3000 वाहनों को सैर-सपाटा क्षेत्र से वापस बुलाया जाएगा। इन वाहनों को फिर कलर कोडिंग के आधार पर अलग-अलग 10 पार्किंग क्षेत्रों में भेजा जाएगा। यह व्यवस्था वीआईपी मेहमानों की सुविधा के लिए की जाएगी ताकि कार्यक्रम के दौरान कोई असुविधा न हो।
बोट क्लब पर नो व्हीकल जोन की स्थिति
24 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम के दौरान बोट क्लब क्षेत्र को नो व्हीकल जोन बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, प्रधानमंत्री के प्रोटोकॉल के तहत इस सड़क पर किसी भी वाहन का आवागमन नहीं होगा। इस क्षेत्र को 23 फरवरी को आयोजित रिहर्सल के बाद अंतिम रूप से तय किया जाएगा। रिहर्सल के दौरान यह परखा जाएगा कि बोट क्लब तक वाहनों की संख्या कितनी है और चेकिंग प्रक्रिया के बाद वहां आने वाले वाहनों को किस प्रकार नियंत्रित किया जा सकता है।
पर्यटकों के लिए मार्ग व्यवस्था
रिहर्सल के बाद यह तय किया जाएगा कि पर्यटकों को वन विहार तक जाने के लिए सैर-सपाटा से होकर जाना पड़ेगा। इसके अलावा, दिनभर बोट क्लब क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा।
वीआईपी मेहमानों के रूट्स और चेकिंग प्रक्रिया
वीआईपी मेहमानों के रूट की योजना पहले ही तैयार की जा चुकी है। इन रूट्स पर वाहन केवल निर्धारित मार्गों से ही गुजरेंगे। एमपी नगर से आने वाले गेस्ट्स: इनको होटल से बोर्ड ऑफिस, व्यापमं चौराहा, लिंक रोड नं.1, अपेक्स बैंक, माता मंदिर, डिपो चौराहा, स्काउट गाइड तिराहा, जनजातीय संग्रहालय होते हुए कार्यक्रम स्थल तक लाया जाएगा। नर्मदापुरम रोड से आने वाले गेस्ट्स: इन गेस्ट्स को आशिमा मॉल, गणेश मंदिर, जीजी फ्लाईओवर, माता मंदिर, डिपो चौराहा, जनजातीय संग्रहालय होते हुए कार्यक्रम स्थल पर लाया जाएगा। होटल पलाश से आने वाले गेस्ट्स: इन गेस्ट्स को रंगमहल चौराहा, डिपो चौराहा, स्काउट गाइड तिराहा, जनजातीय संग्रहालय से होते हुए कार्यक्रम स्थल तक लाया जाएगा।
पास चेकिंग प्रक्रिया
वीआईपी गेस्ट्स की पहली पास चेकिंग डिपो चौराहा पर होगी। इसके बाद स्काउट गाइड तिराहा और ट्राइबल म्यूजियम तिराहा पर भी चेकिंग की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही गेस्ट्स के वाहनों को मानव संग्रहालय में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। वीआईपी गेस्ट्स को अलग-अलग रंग के पास दिए जाएंगे, जिससे चेकिंग प्रक्रिया को और सरल बनाया जा सके।