सीएम डॉ. यादव बोले- नेहरू बाबा साहेब से घबराते थे, वसुंधरा राजे ने कहा, अलग करने वालों की होती है आलोचना

वसुंधरा ने पहले पहलगाम के आतंकी हमले पर मृतकों को श्रृद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर मारने का काम किया। इंदौर के सुशील को कलमा पढ़ने के लिए कहा नहीं पढ़ सके तो खत्म कर दिया।

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Sanjay Gupta
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MP NEWS: मध्य प्रदेश के इंदौर में मंगलवार को बीजेपी द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान कार्य़क्रम किया गया। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पंडित नेहरूजी बाबा साहब के संघर्ष और लोकप्रियता से घबराते थे, इसलिए जब भी वह चुनाव के लिए गए तो उन्हें हरवा दिया, जबकि उन्होंने संविधान बनाया था। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान के पूर्व सीएम वसुंधरा राजे रही। 

यह बोली वसुंधरा राजे

वसुंधरा ने पहले पहलगाम के आतंकी हमले पर मृतकों को श्रृद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर मारने का काम किया। इंदौर के सुशील को कलमा पढ़ने के लिए कहा नहीं पढ़ सके तो खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी इंसान की असली पहचान तब होती है जब वह कुछ अलग करता है। जब कोई व्यक्ति कुछ अलग करता है, तो सबसे पहले उसी पर उंगलियां उठाई जाती हैं, आलोचना की जाती है। उन्होंने यह बात कही थी- 'पढ़ोगे-लिखोगे तभी आगे बढ़ोगे, नहीं तो पीछे रह जाओगे। बाबा साहेब को कांग्रेस ने कभी वह सम्मान नहीं दिया जिसके वे हकदार थे। उन्हें एक वर्ग विशेष का नेता बताकर दरकिनार किया गया। 

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सीएम ने यह कहा

सीएम मोहन यादव ने कहा कि, संविधान सभा के अध्यक्ष पद के लिए जब सभी ने अंबेडकर का नाम तय कर लिया था, तब भी नेहरू जी ने उस प्रस्ताव को बार-बार टालने की कोशिश की। आखिरकार जब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने हस्तक्षेप कर कहा कि "इससे अच्छा कोई नाम नहीं हो सकता", तब जाकर नेहरू ने मजबूरी में अंबेडकर को यह जिम्मेदारी सौंपी। सीएम बोले, आपकी किसी से वैचारिक दुश्मनी हो सकती है, लेकिन जब वह व्यक्ति इस दुनिया में नहीं रहता, तब भी दुश्मनी निभाना? बाबा साहब का निधन दिल्ली में हुआ, लेकिन उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करने की अनुमति नहीं दी गई। कहा गया कि 'इन्हें कहीं और ले जाओ, यहां दाह संस्कार नहीं हो सकता। कितना दुर्भाग्यपूर्ण है और तो और, जिस विमान से उनके पार्थिव शरीर को मुंबई भेजा गया, उस किराए का बिल भी उनकी पत्नी को थमा दिया गया।

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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी किया संबोधित

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बोले, आजादी के बाद जिन लोगों ने देश की बागडोर संभाली, उन्होंने केवल अपने और अपने परिवार के लिए ही देश की उपलब्धियों का श्रेय लिया। बाबा साहब को वह लोकप्रियता और सम्मान नहीं मिल पाया। मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, इंदौर संभाग प्रभारी राघवेंद्र गौतम समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

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