CM मोहन यादव निवेश लाने 13 से विदेश दौरे पर, जीतू पटवारी ने की श्वेत पत्र की मांग
सीएम डॉ. मोहन यादव दुबई और स्पेन में निवेशकों से संवाद करेंगे। मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों पर चर्चा की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को निवेश के प्रयासों के बारे में श्वेत पत्र लाने की मांग की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 13 जुलाई से विदेश दौरे पर रवाना हो रहे हैं। यहां वे दुबई और स्पेन में निवेशकों से संवाद करेंगे। उनका उद्देश्य प्रदेश में निवेश आकर्षित करना है।
दुबई में प्रमुख रिटेल और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री स्पेन में ऑटोमोबाइल और ग्रीन मोबिलिटी तकनीकी क्षेत्रों में निवेश पर चर्चा करेंगे। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को निवेश लाने के प्रयासों के बारे में श्वेत पत्र लाना चाहिए।
दुबई में निवेश अवसरों पर चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दुबई में लुलु इंटरनेशनल ग्रुप, लैंडमार्क ग्रुप और नखील ग्रुप जैसी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयर हाउस, रिटेल चेन और अन्य निवेश अवसरों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, डॉ. यादव इंडियन बिजनेस एंड प्रोफेशनल काउंसिल के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे, जिसमें मध्यप्रदेश की औद्योगिक तैयारियों और निवेश नीति पर प्रजेंटेशन दिया जाएगा।
दुबई दौरे के बाद, मुख्यमंत्री डॉ. यादव 16 से 19 जुलाई तक स्पेन जाएंगे, जहां वह बार्सिलोना में स्पेन की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनियों और ग्रीन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे निवेशकों से बातचीत करेंगे। इस यात्रा का मुख्य फोकस पर्यटन और हेरिटेज हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर रहेगा।
पिछले विदेशी दौरे
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने पिछले साल नवंबर-दिसंबर में यूके और जर्मनी का दौरा किया था और इस साल जनवरी में जापान में निवेशकों से संवाद किया था। इन यात्राों का उद्देश्य हेल्थ टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करना था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछले साल नवंबर-दिसंबर में यूके और जर्मनी का दौरा किया था। वहीं इस साल जनवरी में जापान में निवेशकों से संवाद किया। इन यात्राओं का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में निवेश आकर्षित करना था, खासकर हेल्थ टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में।
हेल्थ टेक्नोलॉजी: मुख्यमंत्री ने हेल्थ टेक्नोलॉजी क्षेत्र में निवेशकों से बात की, ताकि प्रदेश में उन्नत चिकित्सा सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो सके। इस क्षेत्र में निवेश से प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा सकता है।
ऑटोमोबाइल उद्योग: मुख्यमंत्री का ध्यान ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर भी था, जहां उन्होंने जापान और जर्मनी के प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माताओं से निवेश के अवसरों पर चर्चा की। इस क्षेत्र में निवेश से मध्यप्रदेश में ऑटोमोबाइल क्लस्टर का विकास हो सकता है और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग: मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्रों में भी निवेश की संभावनाओं पर बातचीत की। इन क्षेत्रों में निवेश से मध्यप्रदेश में टेक्नोलॉजी और उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सकती है, जिससे प्रदेश का औद्योगिक विकास होगा।
समग्र उद्देश्य: इन विदेश यात्राओं का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के उद्योगों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना और प्रदेश में अधिक निवेश लाने की दिशा में कदम उठाना था। इन प्रयासों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि और रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को निवेश लाने के प्रयासों के बारे में श्वेत पत्र लाना चाहिए। पटवारी ने यह भी सवाल उठाया कि पिछले सालों में आयोजित निवेश सम्मेलनों से प्रदेश को कितना लाभ हुआ और इन प्रयासों पर कितना खर्च हुआ।