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Indore News:इंदौर के विकास के लिए रविवार 14 दिसंबर को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में सीएम डॉ. मोहन यादव ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की।
इसमें मेट्रो को अंडरग्राउंड करने, मेट्रोपॉलिटन रीजन का एरिया बढ़ाने और एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने जैसे बड़े फैसले लिए गए। सबसे ज्यादा चर्चा हुई मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की पर्चियों की।
ये पर्चियां उन्होंने सीएम की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दीं, एक के बाद एक। अब सवाल ये उठ रहा है कि इन पर्चियों में ऐसा क्या था। इसका खुलासा द सूत्र कर रहा है।
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कैसे दीं पर्चियां, पेन सांसद से लिया
सीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक में हुए फैसलों की जानकारी दे रहे थे। तब एक बार तो कैलाश विजयवर्गीय ने एक मुद्दे पर सीएम से कहा तो उन्होंने उसे कॉन्फ्रेंस में भी कहा।
मंत्री को लगा कि इससे कॉन्फ्रेंस बाधित हो रही है तो उन्होंने पहले पेन अपनी जेब में देखा, वह नहीं मिला तो पास में बैठे सांसद की जेब से पेन निकाला। फिर पर्ची लिखी। यह पर्ची सीएम की तरफ वह एक के बाद एक बढ़ाते रहे और सीएम ने भी इनकी जानकारी कॉन्फ्रेंस में दी।
इस तरह एक के बाद एक आई पर्चियां
पहली पर्ची- सीएम जब पीडब्ल्यूडी की 12 हेक्टेयर जमीन के रेडेन्सिफिकेशन काम की जानकारी दे रहे थे, तब कैलाश विजयवर्गीय ने पर्ची दी। इसके बाद सीएम ने इस प्रोजेक्ट में ग्रीनरी का ध्यान रखने और क्वालिटी की भी बात रखी।
दूसरी पर्ची- इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने पेन सांसद को लौटा दिया। थोड़ी ही देर बाद फिर लिया। इस समय सीएम फ्यूचर रेडी सिटी की बात कह रहे थे। तब मंत्री ने दूसरी पर्ची दी। इसके बाद सीएम ने खेल सुविधा बढ़ाने। इंदौर में एस्ट्रोटर्फ मैदान की बात रखी।
तीसरी पर्ची- सीएम मेट्रोपॉलिटन रीजन की बात कर रहे थे। तब मंत्री ने तीसरी पर्ची दी। क्योंकि विजयवर्गीय धार के प्रभारी मंत्री भी हैं तो उन्होंने इस बार धार, बदनवार के भी जुड़ने, निवेश बढ़ने की बात पर्ची में लिखी।
इसके बाद सीएम ने यह जानकारी कॉन्फ्रेंस में दी। साथ ही पर्ची में ई-बस चलने की भी बात लिखी थी। यह भी सीएम ने भी कहा।
चौथी पर्ची- सीएम ओवरऑल दो साल के कार्यक्रम की जानकारी दे रहे थे और कहा कि सरकार महिला सुरक्षा, सामाजिक काम व अन्य कई कामों पर ध्यान दे रही है।
इस पर कॉन्फ्रेंस खत्म होने के पहले मंत्री ने फिर पर्ची दी और इसमें इंदौर के सबसे बड़े दर्द ट्रैफिक की बात थी। फिर सीएम ने कहा कि हम ऐसा काम कर रहे हैं कि आने वाले 25 सालों में ट्रैफिक के लिए कोई समस्या नहीं हो, अभी महानगरों की स्थिति देख रहे हैं और ट्रैफिक बड़ी समस्या है।
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कैलाश विजयवर्गीय की सबसे बड़ी मांग पूरी
मोहन सरकार में मंत्री बनने के बाद से ही कैलाश विजयवर्गीय लगातार मेट्रो के रूट को लेकर मुद्दा उठा रहे थे। कई बार बैठकें की और कहा कि इसे खजराना, बंगाली से आगे अंडरग्राउंड करेंगे।
लगातार आमजन बैठकों में इसे लेकर वादे करते रहे। लेकिन फैसला नहीं हो रहा था। आखिरकार उन्हें इस मामले में बड़ी जीत मिली। सीएम ने बैठक में बात को माना और कहा कि जो भी 900 करोड़ खर्च होेंगे वह सरकार देगी लेकिन मेट्रो अंडरग्राउंड करेंगे। यह उन क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी राहत है जहां से मेट्रो गुजरना है। यह बड़ा फैसला है और इसमें खुद मंत्री की विधानसभा का भी बड़ा हिस्सा प्रभावित हो रहा था। यह उनके लिए यह बड़ी जीत है।
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डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का नाम लिए बिना तारीफ
वहीं चूहाकांड के बाद बुरे कामों के चलते चर्चा में आए एमवाय अस्पताल ने विभागीय मंत्री और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल को बैकफुट पर ला दिया था।
सीएम ने उनका नाम लिए बिना उनके विभाग की जमकर तारीफ की। सीएम ने कहा कि- 773 करोड़ की नई परियोजना है। बदलते दौर में हमारे राज्य के अंदर दो साल में सबसे ज्यादा काम हुआ है तो वह स्वास्थ्य विभाग है। चिकित्सा संस्थानों की कायाकल्प हुआ।
सीएम ने कहा कि एक समय 2014 में एमसीआई का आतंक था। नया मेडिकल कॉलेज नहीं खुल पाता था। अब पीएम नरेंद्र मोदी के समय इसमें बदलाव हुआ और एनएमसी का गठन हुआ। मेडिकल कॉलेज बढ़े हैं।
हमारी सरकार बनने के बाद दो विभाग अलग थे। दो मंत्री काम करते थे ऐसा कहीं नहीं होता था। इसमें हमने बदलाव किया और हम 13 मेडिकल कॉलेज पर बना रहे हैं।
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