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INDORE. इंदौर के मेट्रो के रूट को लेकर लंबे समय से चल रही उठापटक पर आखिरकार सीएम ने ब्रेक लगा दी है। यह विराम सीएम मोहन यादव ने रविवार, 14 दिसंबर को विकास बैठक में लगाई है।
इसके लिए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय लंबे समय से इसे खजराना से ही अंडरग्राउंड करने की बात कह रहे थे। वहीं, इसके लिए कई बार बैठक हो चुकी थी। इसे अब सीएम की बैठक में मंजूरी मिल गई है।
सीएम ने कहा कि आने वाले 25 सालों के ट्रैफिक को लेकर काम हो रहा है। फिलहाल प्राथमिकता उज्जैन सिंहस्थ है। सीएम ने पूरी बैठक को काफी सार्थक बताया। बैठक में सभी विधायक, जनप्रतिनिधि और उच्च अधिकारी मौजूद थे।
कैलाश ने दी सीएम को पर्चियां, कांफ्रेंस में रोचक जुगलबंदी
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रोचक बात देखने को मिली है। मंच पर सीएम के साथ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसीराम सिलावट और महापौर पुष्यमित्र भार्गव बैठे थे।
कांफ्रेंस के दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने पहले अपनी जेब में पेन देखा, लेकिन पेन नहीं मिला। फिर उन्होंने पास में बैठे सांसद से पेन लिया और कागज पर पर्ची लिखकर सीएम को दी। ऐसा उन्होंने चार-पांच बार किया और हर बार सीएम को पर्ची दी। सीएम ने फिर कांफ्रेंस में इसे लेकर टिप्पणी भी की।
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सीएम ने कहा खर्चा सरकार देगी
सीएम ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में विकास की बैठक करने के बाद मीडिया में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेट्रो रूट को लेकर मूल प्रस्ताव जो था, उस पर बैठक हुई। इसमें मेट्रो को भूमिगत करने का सुझाव आया।
इस पर सभी ने फैसला लिया कि जो सभी को सुविधाजनक रहे, ज्यादा प्रभावी हो और इंदौर के विकास में ज्यादा उपयोगी हो। इस पर जो 800-900 करोड़़ लगेंगे, वह राज्य सरकार वहन करेगी। यह बड़ा फैसला लिया गया है।
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बीआरटीएस एलिवेटेड कॉरीडोर पर यह तय हुआ
सीएम ने कहा कि बीआरटीएस हटने के बाद एलिवेटेड कॉरीडोर पर चर्चा हुई। इसमें एलिवेटेड को चालू करना है, साथ ही इसका ज्यादा उपयोग कैसे हो, इसके लिए सर्वे कराएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कहां इसे लंबा करना है, कहां भुजाएं उतारनी हैं, जिससे अधिक से अधिक उपयोग हो सके। इस पर सभी ने तय किया है कि एलिवेटेड कॉरीडोर पर आगे बढ़ना है।
मेट्रोपॉलिटन सिटी पर यह हुआ तय
सीएम ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन सिटी पर भी लंबी चर्चा हुई है। अब इसका एरिया 14 हजार वर्गकिमी तक रहने वाला है। उज्जैन, देवास, इंदौर, धार, रतलाम, शाजापुर का भी हिस्सा जुड़ेगा। शाजापुर इसलिए, ताकि वह आष्टा तक मेट्रोपॉलिटन तक जुड़ सके।
सभी इससे पूरे नेटवर्क में आ जाएंगे और भविष्य के लिए जो संभावनाएं हैं, वह काम हो सकेंगी। इससे सभी रेलवे जंक्शन भी जुड़ सकेंगे, ताकि बेहतर निवेश की संभावनाओं के साथ यह जुड़ सकें।
इन सभी मुद्दों पर भी चर्चा
बैठक को लेकर सीएम ने बताया कि स्टार्टअप पार्क बनाना है, इस पर भी बात हुई है। कन्वेंशन सेंटर इंटरनेशनल स्तर पर बने, इस पर भी फैसला हुआ है, इसे भारत सरकार भी प्रमोट करने के लिए तैयार है।
पीडब्ल्यूडी की 12 हेक्टेयर की रिडेवलपमेंट योजना को मंजूरी दी गई है। इसकी नीति में भी बदलाव हुआ है। सीसीटीवी लगाने का भी पूरे शहर में ताकि सुरक्षित शहर रहे।
ट्रैफिक को लेकर अभी से सजग रहें, ताकि मेट्रो शहरों में जो अभी समस्या आ रही है, वह नहीं हो। हुकमचंद मिल के प्रोजेक्ट पर भी बात हुई। ऐसी कई और मिलों के लिए निवेशकों को बुलाएंगे।
प्रभारी मंत्री के नाम से डराते हैं अधिकारी
वहीं बैठक की शुरुआत में ही सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मैं इंदौर का प्रभारी मंत्री नहीं हूं। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने हल्के अंदाज में कहा कि अच्छा हुआ आपने कह दिया, नहीं तो अधिकारी तो प्रभारी मंत्री के नाम पर चमकाते हैं। हम भी बैठक ले सकेंगे।
इस पर सीएम ने भी मुस्कराते हुए कहा कि जो जिले खाली हैं, बस उनका प्रभार मेरे पास है। वहीं बैठक के पहले मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो के अधिकारियों, एमडी श्रीकृष्ण चैतन्य को बुलाकर पूछा कि बैठक में मेट्रो का रूट क्या रख रहे हो, जो तय हुआ है अंडरग्राउंड का वही रखना और कोई विकल्प मत रखना। खर्चा का क्या है, वह भी बताना है।
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