सीएम मोहन यादव का ऐलान: झाबुआ में खुलेगा नया मेडिकल कॉलेज, हिंदी में होगी डॉक्टरी की पढ़ाई

सीएम डॉ. मोहन यादव ने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिंदी में डॉक्टरी की पढ़ाई कराने और झाबुआ में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की घोषणा की।

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Sandeep Kumar
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भोपाल के बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कई अहम घोषणाएं कीं। सीएम ने डॉक्टरी की पढ़ाई हिंदी में कराने की घोषणा की। साथ ही, झाबुआ में मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया है। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगु भाई पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और अन्य विशिष्ट लोग भी उपस्थित थे। 

हिंदी में डॉक्टरी की पढ़ाई

सीएम डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि मध्यप्रदेश में अब डॉक्टर की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी। यह निर्णय राज्य के छात्रों को अपनी मातृभाषा में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देगा, जिससे वे बेहतर तरीके से चिकित्सा के क्षेत्र में अपना योगदान दे सकेंगे। यह कदम राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि हिंदी में चिकित्सा की पढ़ाई पूरे देश में पहली बार MP में शुरू की जाएगी।

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झाबुआ में मेडिकल कॉलेज की शुरुआत

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि झाबुआ में एक नया मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। झाबुआ, जो कि एक जनजातीय बहुल क्षेत्र है, वहां पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण मध्य प्रदेश सरकार की एक बड़ी योजना का हिस्सा है।

इससे न केवल स्थानीय युवाओं को शिक्षा का बेहतर अवसर मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुधारने में मदद करेगा। इस मेडिकल कॉलेज की शुरुआत से स्वास्थ्य क्षेत्र में नए रोजगार अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को फायदा होगा।

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एमपी में दूसरी राज्यों की भाषा की पढ़ाई

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी इस अवसर पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अन्य राज्यों की भाषाएं भी पढ़ाई जाएंगी। यह कदम राज्य के छात्रों को विभिन्न राज्यों के लोगों के साथ संवाद स्थापित करने में मदद करेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार की योजना है कि एक विश्वविद्यालय एक या दो भारतीय भाषाओं को पढ़ाए, ताकि छात्र अपनी शिक्षा में विविधता और संवाद क्षमता को बढ़ा सकें। इस व्यवस्था से छात्र न केवल अपनी मातृभाषा में, बल्कि अन्य भारतीय भाषाओं में भी दक्ष होंगे। इस प्रणाली से छात्रों को रोजगार के अवसर और सांस्कृतिक समझ में भी वृद्धि होगी।

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डिजिटलाइजेशन और पारदर्शिता

उच्च शिक्षा मंत्री ने उत्तर पुस्तिकाओं के डिजिटलीकरण की घोषणा की। यह कदम परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने और कॉपी जांचने में गड़बड़ी रोकने के लिए उठाया गया है। अब कॉपियां डिजिटल रूप में होंगी और उन्हें जांचने वाले अधिकारियों के पास डिजिटल कॉपियां जाएंगी, जिससे मूल्यांकन में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि शंका होने पर, डिजिटल कॉपियों को छात्रों को भी दिखाया जाएगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और परीक्षा प्रक्रिया में भ्रांति न हो।

एजुकेशनिस्ट द्वारा नया पैटर्न तैयार

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि एजुकेशनिस्ट इस नई शिक्षा प्रणाली के लिए पैटर्न तैयार कर रहे हैं, और अगले सत्र से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इस पैटर्न में, छात्रों को अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा यदि वे किसी अन्य राज्य की भाषा सीखना चाहते हैं। इससे छात्रों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे, और वे विभिन्न राज्य और संस्कृतियों में संवाद स्थापित कर सकेंगे।

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कुलपति और विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना

सीएम मोहन यादव ने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के कुलपति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कुलगुरु विश्वविद्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं और विद्यार्थियों को शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सीएम ने विश्वविद्यालय के योगदान को सराहा और इसे मध्य प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी संस्थान माना।

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