कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन बड़ा फैसला, सीएम की घोषणाओं को लेकर ये नियम हुए जारी

सीएम मोहन यादव की कोई भी घोषणा कलेक्टर पोर्टल पर दर्ज नहीं कर सकेंगे, जब तक कि उसे मुख्यमंत्री कार्यालय से मंजूरी नहीं मिलती। इसके अलावा नीतिगत विषयों और भारत सरकार से जुड़े मामलों को घोषणा का हिस्सा बनाने से भी अधिकारियों को बचना होगा।

author-image
Dablu Kumar
New Update
cm protocol
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Bhopal. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कोई भी घोषणा कलेक्टर पोर्टल पर दर्ज नहीं कर सकेंगे, जब तक कि उसे मुख्यमंत्री कार्यालय से मंजूरी नहीं मिलती। इसके साथ ही नीतिगत विषयों और भारत सरकार से जुड़े मामलों को घोषणा का हिस्सा बनाने से भी अधिकारियों को बचना होगा। खासकर जब बात वन भूमि देने, नया विकासखंड बनाने, रेलवे और एनएचएआई से जुड़े मुद्दों की हो, तो ऐसी घोषणाओं को सीधे दर्ज करने पर रोक रहेगी।

कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन सभी जिलों के कलेक्टरों को यह नया सीएम प्रोटोकॉल विस्तार से समझा दिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि इस नई व्यवस्था के तहत घोषणाओं में अनावश्यक या तकनीकी शब्दों का प्रयोग न किया जाए। जल्द ही इस संबंध में एक विस्तार चार्टर सभी कलेक्टरों को भेजा जाएगा, इसमें घोषणा  के नियम और अनुमोदन की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से बताई जाएगी।

कलेक्टरों को इस नियम को करना होगा पालन

उदाहरण के लिए यदि मुख्यमंत्री किसी पुल, सड़क या ट्रांसफार्मर जैसी परियोजना की घोषणा करें, तो अब उसमें लागत, दूरी या क्षमता के आंकड़े नहीं लिखे जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि काम शुरू होते ही या अनुमान बनते समय ये आंकड़े बदल सकते हैं। सभी कलेक्टरों को इस नियम का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।

ये भी पढ़िए... सीएम की घोषणा: धर्मस्थलों को लेकर मास्टर प्लान, 2047 तक सभी को पक्का मकान, अधिकारियों के सामने सीएम मोहन यादव ने रखा विजन

 सीएम प्रोटोकॉल लागू होने वाली खबर पर एक नजर

  1. सीएम प्रोटोकॉल लागू: कलेक्टर अब मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी के बिना किसी भी घोषणा को पोर्टल पर दर्ज नहीं कर सकेंगे, खासकर नीतिगत और भारत सरकार से जुड़े मुद्दों पर।

  2. घोषणा में तकनीकी शब्दों पर रोक: घोषणाओं में अनावश्यक तकनीकी शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाएगा और मुख्यमंत्री द्वारा मंच से दिए गए निर्देशों को घोषणा के रूप में दर्ज नहीं किया जा सकेगा।

  3. पीएम आवास योजना और अपराध नियंत्रण: कलेक्टरों को पीएम आवास योजना के अधूरे घरों को जल्द बनवाने, अपराधियों के ठिकाने खत्म करने और औद्योगिक क्षेत्रों में नशे की फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

  4. वीडियो कांफ्रेंसिंग और समाधान प्रक्रिया: सीएम की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कैमरा चालू रखना अनिवार्य होगा, और समाधान ऑनलाइन प्रक्रिया में देरी के कारणों की जांच की जाएगी।

  5. बैठकों और कार्यक्रमों की तैयारी: जिलों में बैठक से पहले कलेक्टर को कार्यक्रम के बैकड्रॉप, मंच पर बैठने वाले अधिकारियों और कार्यक्रम के प्रमुख बिंदुओं की योजना पहले से तैयार करनी होगी।

ये भी पढ़िए...  MP News: कफ सिरप से पीड़ित बच्चों को देखने नागपुर जाएंगे सीएम मोहन यादव, जीतू पटवारी PCC में करेंगे बैठक

इसके अलावा अगर मुख्यमंत्री मंच से बाहर कुछ कहते हैं, तो कलेक्टर उसे अपने हिसाब से निर्देश मानकर लागू नहीं कर सकेंगे। उन्हें यह साफ-साफ समझना होगा कि घोषणा और निर्देश अलग चीजें हैं। जैसे, यदि कहा जाए कि सर्वे होगा, प्रशिक्षण दिया जाएगा, नई योजना बनेगी, प्रक्रिया आसान की जाएगी या कोई मांग मंजूर होगी, तो इन सबके अलग-अलग मतलब हैं और इन्हें बिना औपचारिक मंजूरी के घोषणा के रूप में दर्ज नहीं किया जाएगा।

ये भी पढ़िए... एमपी में अब बिना रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट को दवा बेचना पडे़गा महंगा, 2 लाख जुर्माना और जेल की सजा

पीएम आवास योजना के अधूरे घर जल्द से जल्द बनवाएं

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि जब वे जिलों का दौरा करें, तो स्कूल, आंगनवाड़ी और छात्रावास जरूर देखें। बच्चों का नामांकन और उपस्थिति बढ़ाने पर ध्यान दें और अगले पांच साल के लिए ग्रामीण विकास के लक्ष्य तय करें। 15 महीने के भीतर हर जिले में वृंदावन गांवों का चयन पूरा कर लें। पीएम आवास योजना के अधूरे घर जल्द से जल्द बनवाएं। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का पंजीकरण कर क्लस्टर तैयार करें।

ये भी पढ़िए... देवास कलेक्टर का आइडियाः जॉब पोर्टल का प्रेजेंटेशन सीएम मोहन यादव को आया पसंद, युवाओं को आसानी से मिलेगा रोजगार

उन्होंने सभी एसपी को निर्देश दिए कि औद्योगिक क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करें और देखें कि कहीं नशे की फैक्ट्रियां तो नहीं चल रही हैं। ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। संकरी बस्तियों में अपराधियों के ठिकाने खत्म करने के लिए कलेक्टर और एसपी मिलकर जोनल प्लान बनाएं और वहां की सड़कों को सुधारें। नगरीय निकायों की मदद से सड़कों की मरम्मत कराएं ताकि पुलिस बल की आवाजाही में परेशानी न हो। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने अधिकारियों को कहा कि अफवाहों और भ्रामक खबरों पर पूरी तरह नजर रखें।

सीएम प्रोटोकॉल के तहत होंगे अब कुछ नए नियम लागू

सीएम प्रोटोकॉल के तहत अब कुछ नए नियम लागू होंगे। मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कैमरा चालू रखना जरूरी होगा और हर विधानसभा में वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जिसके लिए 5 लाख रुपए का बजट दिया गया है।

समाधान ऑनलाइन में किसी मामले के निपटारे को सिर्फ उपलब्धि नहीं माना जाएगा, बल्कि यह देखना होगा कि काम में देरी क्यों हुई और उसके कारण क्या थे। ए प्लस और ए श्रेणी के पत्रों को तय समय सीमा में निपटाना होगा। मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान की स्वीकृति मिलते ही 48 घंटे के भीतर भुगतान करना होगा।

जिलों में बैठक से पहले कलेक्टर को यह तय करना होगा कि बैकड्रॉप कैसा होगा, मंच पर कौन बैठेगा और मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम कैसे चलेगा। अगर मुख्यमंत्री किसी जिले में जाते हैं, तो कार्यक्रम स्थल का नक्शा, भाषण के मुख्य बिंदु और संभावित विवाद की जानकारी पहले से देनी होगी।

MP News मध्यप्रदेश सीएम की घोषणा कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस मुख्यमंत्री कार्यालय पीएम आवास योजना सीएम मोहन यादव
Advertisment