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MP News: मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई विवादित टिप्पणी पर सीएम मोहन यादव का बयान सामने आया है। मोहन यादव ने इस मुद्दे पर पहली बार स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यायालय के आदेशों पालन किया है। कोर्ट से आगे जो भी निर्देश मिलेंगे, हम वैसा करेंगे। मोहन यादव ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि यह वही पार्टी है, जो जेल में बंद अरविंद केजरीवाल के साथ चुनाव लड़ती है। कांग्रेस को नैतिकता की बातें करने का कोई अधिकार नहीं है।
#WATCH भोपाल: कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह के बयान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका पालन हमारी सरकार ने किया है। कोर्ट जैसा कहेगा, हम वैसा ही करेंगे। कांग्रेस लगातार इस्तीफा मांगती रहती है, वे… pic.twitter.com/GFtgVB3lj7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 15, 2025
क्या बोले सीएम मोहन यादव?
मोहन यादव ने विजय शाह पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार न्यायपालिका की हर बात का पालन करती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अब तक कोर्ट के हर आदेश का यथा योग्य पालन किया है। आगे भी जो कोर्ट कहेगा, वहीं करेंगे। मुख्यमंत्री के इस बयान से यह साफ हो गया कि सरकार इस मामले को पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के हवाले करना चाहती है।
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सीएम ने बोला कांग्रेस पर हमला
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस द्वारा मंत्री विजय शाह के इस्तीफे की मांग पर पलटवार किया हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नैतिकता की बात करने का कोई अधिकार नहीं है। यही कांग्रेस जेल में बंद अरविंद केजरीवाल के साथ चुनाव लड़ती है। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का भी नाम लेते हुए पूछा कि कांग्रेस उनके इस्तीफे की मांग क्यों नहीं करती?
सरकार का कानूनी रुख साफ
मोहन ने साफ किया कि उनकी सरकार किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव में आकर निर्णय नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि न्यायालय सर्वोपरि है और वही तय करेगा कि आगे क्या कदम उठाए जाने हैं। इससे यह भी साफ हो गया कि मंत्री शाह को लेकर कोई भी निर्णय कोर्ट की प्रक्रिया के अनुरूप ही होगा।
क्या है पूरा मामला?
मंत्री विजय शाह ने इंदौर के महू में एक कार्यक्रम के दौरान सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी। उनके इस बयान पर राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग की। इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया।