संजय गुप्ता @ INDORE. इंदौर की विश्वप्रसिद्ध सांस्कृतिक पंरपरा रंगपंचमी की गेर ( Ger ) शनिवार को निकलेगी। इस यात्रा को इस बार 30 मार्च को 75 साल पूरे हो जाएंगे। इस यात्रा में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। डॉ. मोहन यादव ( Dr. Mohan Yadav ) इस गेर के लिए इंदौर आएंगे और डेढ़ घंटे तक विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौंड़ के संयोजन वाली राधाकृष्ण फाग यात्रा में शामिल होंगे।
यूनेस्को में इस बार गेर नहीं होगी शामिल, प्रयास जारी
वहीं इस यात्रा को सुरक्षित निकालने के साथ ही कलेक्टर आशीष सिंह की कोशिश है कि इसे यूनेस्को (intangible culture heritage कैटेगरी) में शामिल कराया जाए। इसके लिए सबसे पहले तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव ने पहल की थी लेकिन इसी दौरान कोविड आने से मामला रूक गया। एक बार फिर कलेक्टर ने नए सिरे से पहल की है। वहीं इसके लिए मप्र शासन और केंद्र स्तर पर भी मामले की जानकारी दी गई है। नियमानुसार इसके लिए मप्र शासन से अनुशंसा केंद्र स्तर पर संस्कृति मंत्रालय के पास जाती है और फिर वहां से यूनेस्को को प्रस्ताव जाता है। इसके लिए कलेक्टर सिंह ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। हालांकि बताया गया है कि इस बार यूनोस्को इस पर विचार नहीं करेगा, क्योंकि बीते साल वह भारत से गरबे को ले चुका है और दो साल में एक ही प्रस्ताव लेता है। इसलिए गेर अब अगले साल ही विचार के लिए आएगी। लेकिन इस बार की गेर इसकी तैयारियों का एक बेहतर मंच बन सकेगा। इसके लिए ही कलेक्टर द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
सुरक्षा पर सबसे ज्यादा फोकस
इस गेर के लिए इस बार सबसे ज्यादा फोकस सुरक्षा पर है। कलेक्टर पहले ही साफ कर चुके हैं जो गलत व्यवहार करेगा, हथियार लेकर आएगा उनके खिलाफ रासुका जैसी कार्रवाई की जाएगी। पूरी यात्रा पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जाएगी। यात्रा निकालने वालों के वालेंटियर्स के अलावा पुलिस बल मौजूद रहेगा और मजिस्ट्रेट अधिकारियों की भी ड्यूटी रहेगी। कलेक्टर सिंह ने पुलिस व अन्य अधिकारियों और एकलव्य गौड़ के साथ गुरूवार को यात्रा मार्ग का निरीक्षण भी किया।
चलेगी मिसाइल, कोई निकालेगा राम मंदिर की प्रतिकृति
टोरी कार्नर- यह सबसे पुरानी यात्रा निकालने वाली संस्था है, इसे 75 साल हो रहे हैं। संयोजक शेखर गिरी का कहना है कि रंगों की बौछार कतरे हुए गेर अपने मार्ग से निकलेगी। भोलेनाथ की झांकी भी होगी।
हिंद रक्षक की गेर- संयोजक एकलव्य सिंह गौड़ द्वारा यह निकाली जाती है। इस बार यात्रा में यह पहले नंबर पर होगी। इसी में सीएम भी शामिल होंगे। इस बार राम मंदिर की प्रतिकृति होगी तो साथ ही इसमें युवक कृष्ण की वेषभूषा में रंग उड़ाते चलेंगे। रंग टेसू के फूल का होगा।
संगम कार्नर- इसका 70 वां साल होगा। कमलेश खंडेलवाल द्वारा यह निकाली जाती है। इसमें बरसाना के दल की लट्ठ मार होली औऱ् बांके बिहारी का ढोल आकर्षण रहेगा। पानी की मिसाइल होगी। गुलाल की मिसाइल से इस बार तिरंगा बनाया जाएगा।
रसिया कार्नर- इसका यह 51वां साल है। संयोजक राजपाल जोशी ने कहा कि इस बार केसरिया हेलमेट पहनकर वाहन चलाने का संदेश देंगे।
मारल क्लब- इसके द्वारा खास मिसाइल तैयार कराई गई है जो एक बार में 300 किलो गुलाल की बौछार कर सभी को रंग में सरोबार कर देगी। आयोजक अभिमन्यु मिश्रा ने कहा कि गुलाल भारी मात्रा में उडाया जाएगा और पानी के टैंकर भी रहेंगे।
किराए पर मिलेंगे घर की बालकनी और छत
उधर प्रशासन द्वारा राजबाड़ा व आसपास के स्थल चिन्हित किए गए हैं, जिसे किराए पर लिया जा सकेगा और यहां से लोग गेर का आनंद ले सकेंगे। इसके लिए जल्द ही बुकिंग की व्यवस्था के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।